पाली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर पाली जिले के रोहट उपखंड के (President Draupadi Murmu in Pali) निम्बली गांव पहुंचीं. यहां उन्होंने 18वीं राष्ट्रीय स्काउट्स गाइड जंबूरी का शुभारंभ किया. राष्ट्रपति अपने निर्धारित दौरे के अनुसार 3 बजे निम्बली पहुंची जहां हेलिपैड पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनका स्वागत किया.
हेलीपैड से राष्ट्रपति सीधा जंबूरी कार्यक्रम स्थल पहुंची. राष्ट्रपति ने ध्वजारोहण कर 18वीं राष्ट्रीय जंबूरी का शुभारंभ (National Scouts Guide Jamboree in Pali) किया. इसके बाद स्काउट गाइड जंबूरी का निरीक्षण कर परेड की सलामी ली. इस दौरान वायु सेना के जांबाजों ने आकाश में सूर्यकिरण का प्रदर्शन किया, जो कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा. जंबूरी में मित्र राष्ट्र बांग्लादेश, श्रीलंका, घाना, मालदीव, सऊदी अरब, मलेशिया नेपाल तथा थाईलैंड के साथ प्रदेश के 54 प्रान्तों से 37 हजार स्काउट गाइड भाग ले रहे हैं. 4 जनवरी से 10 जनवरी तक होने वाले इस कार्यक्रम में जंबूरी स्काउट गाइड के लोग सेवा समर्पण का भाव सहित कई चीजें सीखेंगे. इस दौरान जंबूरी की स्मारिका पुस्तिका का विमोचन किया गया.
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फलता-फूलता रहे स्काउट गाइड का अभियान : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में स्काउट गाइड (Draupadi Murmu Inaugurated Jamboree in Pali) को संबोधित करते हुए कहा कि मै हर्ष के साथ यहां आए 37 हजार स्काउट गाइड्स का स्वागत करती हूं. नए साल में यह जंबूरी एक नया जोश प्रदान करेगी. स्काउट एक सन्देश देते हैं कि हम हमेशा दाएं हाथ से हाथ मिलाते हैं, ताकि दिल से दिल मिले. 67 वर्ष बाद राजस्थान स्काउट गाइड जंबूरी की मेजबानी कर रहा है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान साहस व बलिदान की भूमि है जो गौरव की बात है. यहां आए सभी स्काउट गाइड बहुत कुछ सिखकर जाएंगे. ये देश का सबसे बड़ा संगठन है जो लड़कों व लड़कियों के चरित्र निर्माण का काम करता है. कोविड के समय भी इस संगठन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जागरूकता पैदा करने में भी ये आगे रहे. स्काउट गाइड का यह अभियान ऐसे ही फलता-फूलता रहे. उन्होंने स्काउट गाइड के साथ हम होंगे कामयाब की पंक्तियां भी दोहराईं.
सेवा व समर्पण ही स्काउट के विशिष्ट गुण : राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि धोरों की धरती राजस्थान आज तेजी से विकास की ओर अग्रसर है. देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए स्काउट गाइड्स का स्वागत है. उन्होंने कहा कि स्काउट गाइड भी उपनिषद है, इसका मतलब है समीप बैठकर सीखना. स्काउट अंतरराष्ट्रीय संगठन 118 वर्ष पुराना है. अनुशासन में रहकर जीने वाला स्काउट गाइड संगठन धर्म, जाती, रंग, रूप को छोड़कर निरंतर समाज हित के कार्यों में लगे रहते हैं. यह संगठन जरूरतमंदों के लिए हर समय तत्पर रहते हैं. सेवा व समर्पण ही स्काउट के विशिष्ट गुण हैं.
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समाज भी इनकी सेवा का करता है सम्मान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधन में कहा कि देश और दुनिया से आए स्काउट गाइड की 18वीं राष्ट्रीय जंबूरी के अवसर पर राष्ट्रपति का स्वागत करता हूं. प्रदेश को 67 वर्ष बाद जंबूरी की मेजबानी करने का अवसर मिला है. तमाम प्रदेशों के साथ विदेश से आए स्काउट गाइड का भी स्वागत करता हूं. मैं खुद बचपन में स्काउट में रहा हूं. यह मुल्क अनेकता में एकता का मुल्क है. अलग-अलग राज्य भाषाओं के बाद भी आपसी प्रेम-भाव के साथ एक दूसरे का कल्चर सीखते हैं. यहीं से सीखकर देशहित में काम कर सकते हैं. यह अंतराष्ट्रीय संगठन हैं और ये अनुशासन के साथ काम करते हैं. इनकी सेवा का अपना महत्व है. समाज भी इनकी सेवा का सम्मान करता है. राष्ट्रपति महोदय ने भी यहां आना स्वीकार किया. ये हर्ष का विषय है.
संबोधन में स्काउट गाइड कमिश्नर निरंजन आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सतत आशीर्वाद व प्रयासों से ही जंबूरी का आयोजन हो सका है. स्काउट गाइड का उद्देश्य ही होता है कि संघर्ष में जीना सीखना. यह जंबूरी ऐतिहासिक हो, इसके लिए हमने जी-जान से प्रयास किए हैं. लेकिन इसके बावजूद कोई कमी रह जाती है तो इसे नजरअंदाज करें.