जयपुर : राजस्थान की सियासत में एक बार फिर फोन टैपिंग के मुद्दे पर सियासत गर्म है. मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने अपनी ही सरकार पर उनका फोन टैप करने का आरोप लगाया है. इसके बाद से विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर हमलावर है. अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहकर भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है. अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी सरकार के समय भी फोन टैपिंग के आरोप लगे थे. तब उन्होंने सदन में जवाब दिया था कि किसी नेता का फोन टैप नहीं हुआ है और न आगे होगा.
गहलोत ने कहा कि गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म सदन के बाहर सफाई दे रहे हैं तो सदन के भीतर क्यों नहीं बोल रहे? इसका मुख्यमंत्री को जवाब देना पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में फोन टैप करने की परंपरा नहीं है. अगर आउट ऑफ वे जाकर किरोड़ी लाल मीना का फोन टैप किया गया है तो सरकार ने यह अपराध किया है.
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सदन में पूरा विपक्ष कर रहा था मांग : उन्होंने कहा कि अब जब इस सरकार पर आरोप लगे हैं तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को यह स्पष्ट करने का भाव क्यों नहीं आया? सदन में पूरा विपक्ष मांग कर रहा था कि सरकार फोन टैपिंग पर अपना जवाब दे. भजनलाल शर्मा जो सदन के नेता हैं, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भी हैं, उन्होंने यह स्पष्ट क्यों नहीं किया कि किरोड़ी लाल मीना का फोन टैप नहीं किया गया. अगर वो यह बात कह देते तो बात वहीं समाप्त हो जाती. मंत्री अपनी ही सरकार पर आरोप लगा रहा है. यह बात विपक्षी दल का नेता कोई नेता तो कह नहीं रहा है.
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सीएम का संबोधन था या नेता प्रतिपक्ष का : उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री का जवाब (संबोधन) हुआ. अगर कोई ऑनलाइन देखे उनकी स्पीच को तो सोचता होगा कि यह मुख्यमंत्री की स्पीच है या नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है. जैसे हमारी सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बोलते थे. उससे भी आगे बढ़कर उन्होंने भाषण दिया, यह समझ के परे है.
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राजस्थान में नहीं है फोन टैपिंग की परंपरा : अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में फोन टैप करवाने की परंपरा नहीं है. इस बात की कानून भी अनुमति नहीं देता है. हालांकि, जो समाज विरोधी तत्व हैं, गुंडे-बदमाश हैं, जिन पर राजद्रोह में लिप्त होने के आरोप हैं, उनके फोन टैप होते हैं. इसके अलावा किसी का भी कोई भी अधिकारी फोन टैप नहीं कर सकता है. फोन टैपिंग के लिए बाकायदा अनुमति लेनी पड़ती है. सीएम को इसका जवाब देना चाहिए.