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पाली: चिकित्सा कर्मचारियों की लापरवाही, थमा दी एक्सपायरी दवा

पाली में गत 24 अक्टूबर को एक व्यक्ति अपने एक वर्षीय पुत्र के बीमार होने पर उसे जोजावर आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गया. जहां जांच के बाद डॉक्टरों द्वारा कुछ दवा लिखी गई. वहीं दवाई लेने के बाद घर जाकर जब उसकी एक्सपायरी डेट देखी तो सारी दवाइयां अवधिपार निकली.

innocent handed over expiry medicine, एक वर्षीय मासूम को थमा दी एक्सपायरी दवा
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Published : Oct 29, 2019, 1:43 PM IST

पाली. जिले के जोजावर स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारियों की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक मरीज को डॉक्टर द्वारा कुछ दवा लिखी गई. बाद में अस्पताल में ही बनी डिस्पेंसरी से उसे खरीदा तो कर्मचारी ने एक्सपायर दवाईयां थमा दी.

थमा दी एक्सपायरी दवा

जानकारी के अनुसार बागोल निवासी डाउसिंह रावत 24 अक्टूबर को अपने एक वर्षीय पुत्र को बीमार होने के कारण जोजावर आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गया. वहां से दिखाने के बाद डॉक्टर द्वारा लिखी पर्ची में दवा को अस्पताल से लेकर घर लौट गया. पिता ने कुछ दवाई अपने पुत्र को खिला दी, लेकिन जब पिता की नजर अस्पताल से दी गई दवाइयों पर पड़ी तो वह सभी दवाइयां एक्सपायर डेट की हो चुकी थी. जिन्हें अस्पताल कर्मचारियों द्वारा उसे दी गई थी.

इस मामले को लेकर आक्रोशित पिता फिर से अस्पताल पहुंचा और कर्मचारियों को उलाहना दिया. लेकिन कर्मचारियों ने उस पिता की सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया. ऐसे में पिता ने इस मामले को लेकर उच्च अधिकारी को भी शिकायत की. लेकिन इन शिकायतों पर किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं हुई.

पढ़ेः माउंट आबू में मौसम का मिजाज, रिमझिम बारिश के बाद फिजाओं में ठंडक, अब आने लगे सैलानी

वहीं बच्चे की तबीयत को देखते हुए पिता फिर से बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचा और उसकी जांच करवाई. उसके बाद चिकित्सा कर्मचारियों पर काफी आक्रोश भी जाताया. वहीं उनके साथ कई ग्रामीण भी पहुंचे. जिन्होंने कर्मचारियों की लापरवाही और रवैये को लेकर रोष जताया. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत होने के बाद भी चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है.

पाली. जिले के जोजावर स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारियों की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक मरीज को डॉक्टर द्वारा कुछ दवा लिखी गई. बाद में अस्पताल में ही बनी डिस्पेंसरी से उसे खरीदा तो कर्मचारी ने एक्सपायर दवाईयां थमा दी.

थमा दी एक्सपायरी दवा

जानकारी के अनुसार बागोल निवासी डाउसिंह रावत 24 अक्टूबर को अपने एक वर्षीय पुत्र को बीमार होने के कारण जोजावर आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गया. वहां से दिखाने के बाद डॉक्टर द्वारा लिखी पर्ची में दवा को अस्पताल से लेकर घर लौट गया. पिता ने कुछ दवाई अपने पुत्र को खिला दी, लेकिन जब पिता की नजर अस्पताल से दी गई दवाइयों पर पड़ी तो वह सभी दवाइयां एक्सपायर डेट की हो चुकी थी. जिन्हें अस्पताल कर्मचारियों द्वारा उसे दी गई थी.

इस मामले को लेकर आक्रोशित पिता फिर से अस्पताल पहुंचा और कर्मचारियों को उलाहना दिया. लेकिन कर्मचारियों ने उस पिता की सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया. ऐसे में पिता ने इस मामले को लेकर उच्च अधिकारी को भी शिकायत की. लेकिन इन शिकायतों पर किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं हुई.

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वहीं बच्चे की तबीयत को देखते हुए पिता फिर से बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचा और उसकी जांच करवाई. उसके बाद चिकित्सा कर्मचारियों पर काफी आक्रोश भी जाताया. वहीं उनके साथ कई ग्रामीण भी पहुंचे. जिन्होंने कर्मचारियों की लापरवाही और रवैये को लेकर रोष जताया. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत होने के बाद भी चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है.

Intro:पाली. प्रदेश भर में चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर सरकार की ओर से दावे तो बड़े-बड़े किए जा रहे हैं। चिकित्सा महकमे की बात करें तो सरकार शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण के अंतिम छोर तक बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के दावे कर रही है। लेकिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही है। जिनसे सरकार के दावे पूरी तरह से खोखले से नजर आ रहे हैं। चिकित्सा व्यवस्थाओं के बेड़े में कर्मचारियों द्वारा हो रही लापरवाही कई बार वहां आने वाले मरीजों पर भारी पड़ रही है। पाली जिले में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली। पाली के जोजावर स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक पिता अपने 1 वर्षीय पुत्र को डॉक्टर को दिखाने गया था। वहां से दिखाने के बाद डॉक्टर द्वारा लिखी पर्ची में दवा को अस्पताल से लेकर घर लौट गया। पिता ने कुछ दवाई अपने पुत्र को दिए भी दी। लेकिन जब पिता की नजर अस्पताल से दी गई दवाइयों पर पड़ी तो वह दवाइयां सभी एक्सपायर डेट की हो चुकी थी। जिन्हें अस्पताल कर्मचारियों द्वारा उसे दी गई थी। इस मामले को लेकर आक्रोश में आया पिता फिर से अस्पताल पहुंचा। और कर्मचारियों को भली बुरी कहीं। लेकिन कर्मचारियों ने उस पिता की सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।ऐसे में पिता ने इस मामले को लेकर उच्च अधिकारी को भी शिकायत की। लेकिन इन शिकायत का भी किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं हो पाई।

Body:गौरतलब है कि बागोल निवासी डूउसिंह रावत 24 अक्टूबर को अपने 1 वर्षीय पुत्र को बीमार होने के कारण जोजावर आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गया। वहां पर डॉक्टर द्वारा कुछ दवा लिखी गई,जो अस्पताल में ही बनी डिस्पेंसरी से उसे पकड़ा दी गई। उसे लेकर अपने घर चला गया। और अपने पुत्र को दवा भी दे दी। लेकिन दवा के देने के बाद जब के बाद जब डाउसिंह की नजर दवाओं पर पड़ी तो उसे अपने बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता होने लगी। वह बच्चे को लेकर फिर से अस्पताल पहुंचा। और उसकी जांच करवाई उसके बाद में चिकित्सा कर्मचारियों पर काफी आक्रोश भी जाताया। उनके साथ अन्य कई ग्रामीण भी पहुंचे जिन्होंने कर्मचारियों पर आक्रोश जताया। लेकिन कर्मचारियों ने ग्रामीणों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। ऐसे में उसने इस मामले की शिकायत चिकित्सा विभाग के अधिकारियों व पुलिस में भी की। वहीं अगर ग्रामीणों की माने तो ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी कई बार घटनाएं हो चुकी है। जो कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ चुकी है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि कहीं शिकायत होने के बाद भी चिकित्सा विभाग के अधिकारी ऐसी कोई कार्रवाई नहीं कर सकते जिन से ग्रामीणों को संतोष मिले और उनके स्वास्थ्य सेवाओं में अच्छा बदलाव हो सके।

समाचार में पहली बाईट बच्चे के पिता डाउसिंह रावत की है।

समाचार में दूसरी बाईट ग्रामीण मोहम्मद यूनस की है।Conclusion:
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