सुमेरपुर (पाली). कानपुरा गांव में 27 सितंबर को कुआं खोदने के दौरान मिट्टी ढहने से दबे श्रमिक मुपाराम का शव 84 दिन बाद शनिवार को निकाल लिया गया.90 फीट नीचे कुएं में पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण खुदाई काफी धीमी गति से चली. परिवारवालों ने प्रशासन से आर्थिक मुआवजे की मांग की है.
शनिवार दोपहर को रेस्क्यू टीम ने शव को कुएं से बाहर निकाल लिया था. उसके बाद पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. मुपाराम के भाई दुदाराम ने सरकार और प्रशासन से 25 लाख के आर्थिक मुआवजे और एक बच्चे को नौकरी और तीन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्चा उठाने की अपील की है.
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सुमेरपुर उपखंड अधिकारी देवेंद्र कुमार से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 84 दिन से मुपाराम के शव को बाहर निकालने के लिए नए सिरे से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था, जिसके तहत नया कुआं बनाकर उसमें नए फर्मे भर में बांधे गए थे. गुरुवार देर रात को खुदाई के दौरान मुपाराम का शव खड़ी अवस्था में दलदल में नजर आया. 90 फीट नीचे कुएं में पानी का बहाव ज्यादा होने के कारण खुदाई काफी धीमी गति से चल रही है, जिससे शव को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो. इसके चलते शनिवार देर शाम तक इस शव को बाहर निकाल दिया जाएगा. उपखंड अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया है कि पुलिस प्रक्रिया होने के बाद उनके शव को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
लगातार की जा रही शव निकालने की कोशिश
- 27 सितबंर को कुएं में दबा था मुपाराम
- 31 सितम्बर तक शव निकलने के लिए चला रेस्क्यू
- 1 अक्टूबर को बंद किया गया रेस्क्यू
- 4 अक्टूबर को प्रभारी मंत्री और सचिव की फटकार कर बाद रेस्क्यू का निर्णय
- 5 अक्टूबर को कलेक्टर और एसपी ने किया पहला निरीक्षण
- 13 अक्टूबर से नए सिरे से रेस्क्यू शुरू
- 15 अक्टूबर से कुएं में नए फर्मे लगाने का कार्य शुरू