अजमेर: इन्वेस्ट स्कीम के जरिए लोगों को ठगने वाले 11वीं कक्षा के विद्यार्थी कासिफ मिर्जा को अजमेर साइबर थाने की टीम ने कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. पूछताछ में आरोपी कासिफ मिर्जा से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. मामले में लिप्त अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसने की साइबर थाना टीम ने तैयारी कर ली है.
कोर्ट ने आरोपी कासिफ मिर्जा को 15 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. अजमेर साइबर थाने में एसआई मनीष चारण ने बताया कि 21 मार्च, 2023 को उषा राठौड़ और माला पथरिया साइबर थाने में रिपोर्ट दी थी कि फर्जी इन्वेस्टमेंट के नाम पर उसके साथ ठगी की गई है. ठग ने अधिक मुनाफे का झांसा देकर इन्वेस्ट स्कीम बताई थी. इस मामले में धारा 420, 406, 506 और 120 बी के तहत नसीराबाद सिटी में प्रकरण दर्ज किया गया. प्रकरण की जांच में सामने आया कि नसीराबाद में पलसानिया रोड निवासी कासिफ मिर्जा को गिरफ्तार किया गया.
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ऐसे करता था वारदात: एसआई मनीष चारण ने बताया कि आरोपी कासिफ मिर्जा अपने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर फर्जी आईडी बनाकर ज्यादा मुनाफे की इन्वेस्टमेंट स्कीम का प्रचार-प्रसार करता था. ज्यादा मुनाफे के लालच में कई लोग उसके झांसे में आ गए और उन्होंने रकम इन्वेस्ट कर दी. ऐसे उसने करीब 200 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाकर लाखों रुपए हड़प लिए. पूछताछ में सामने आया कि अभी तक 80 लाख रुपए की ठगी कर चुका है.
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घरवालों से छुपकर जीता था लग्जरी लाइफ: पड़ताल में सामने आया कि आरोपी कासिफ ने ठगी के रकम से एक लग्जरी कार भी ले रखी थी. इस कार से वह स्कूल जाता था, लेकिन घर लौटते वक्त कार को किसी अन्य जगह खड़ी कर देता था. पड़ताल में यह भी सामने आया कि आरोपी कासिफ कई बार अजमेर और पुष्कर की लग्जरी होटलों में भी ठहरा है. एसआई मनीष चरण ने बताया कि पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी के बैंकों में पांच अलग-अलग अकाउंट है. इनमें एक अकाउंट में करीब 42 लाख रुपए मिले है. शेष बैंक खातों की भी जांच की जा रही है.
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दो दोस्तों के साथ बनाई फर्जी कम्पनी: एसआई मनीष चारण ने बताया कि अक्टूबर 2023 में कासिफ ने दो दोस्तों के साथ मिलकर लक्ष्मी इन्वेस्टमेंट के नाम से एक कंपनी बनाई थी. शुरुआत में 4 हजार रुपए की इन्वेस्ट स्कीम रखी गई. इस स्कीम के माध्यम से नसीराबाद के दर्जनों लोगों को शिकार बनाया गया. आरोपियों ने धीरे-धीरे स्कीम के पैसे बढ़ाते गए और लोग ज्यादा मुनाफे के लालच में फंसते गए.
शुरूआत में तो ठग विश्वास जमाने के लिए इसकी टोपी उसके सिर का खेल खेल रहे थे. लेकिन जब इन्वेस्टमेंट स्कीम को एक लाख तक ले जाने के बाद जब मोटी रकम बैंक खातों में आने लगी, तो उसने लोगों को पैसा देना बंद कर दिया. उन्होंने बताया कि आरोपी कासिफ के पिता परवेज मिर्जा बेटे की करतूत से अनजान थे. स्कूल के शिक्षक ने जब उन्हें बताया कि कासिफ लग्जरी गाड़ी से स्कूल आता-जाता है. कासिफ के पिता नसीराबाद में ट्रक की बॉडी बनाने का काम करते हैं.