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स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत

पाली ने लिंगानुपात को लेकर बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है. 20 साल में 834 से 954 लिंगानुपात हो गया. लेकिन अभी भी बेटियों की बेकद्री खत्म नहीं हो रही है. यहां 50 की उम्र पार करने के बाद भी महिलाएं गर्भवती हो रही. यहां तक की 5 से अधिक बेटियों की मां अब भी बेटे की चाहत में अपना जीवन खतरे में डाल रही है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट..

pali news, पाली समाचार
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Published : Sep 28, 2019, 10:49 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:20 AM IST

पाली. कन्या भ्रूण हत्या और कम लिंगानुपात जैसे कलंक को पाली ने काफी समय पहले ही धो दिया. आज के समय में पाली के कई परिवारों ने अपनी बेटियों को ही अपना बेटा मान समाज को नया नजरिया दिखाया. ऐसे में सब कुछ ठीक मान प्रशासन और सरकार दोनों खुश है. लेकिन पाली में सब कुछ ठीक नहीं कहा जा सकता. भले ही पाली में लिंगानुपात सुधरा हो. लेकिन बेटों की चाहत ने अभी पाली की जनता में बेटों से वंश बढ़ने वाली सामाजिक कुरीति को बरकरार रखे हुए हैं.

बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

वर्तमान में भी हजारों महिलाएं बेटों की चाहत में उम्र दर उम्र और बेटियों के लगातार होने के बाद भी गर्भवती हो रही है. ऐसे में पाली में अब ऐसी भी गर्भवती महिलाएं कई बार नजर आती है. जिनकी उम्र 50 के पार हो चुकी है और उनके पांच से ज्यादा बेटियां हो चुकी है. ऐसे में कहा जा सकता है पाली में सब कुछ ठीक हो रहा है लेकिन समाज का मनोविकार नहीं है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: देश भर को अलवर की प्याज का इंतजार, इस बार किसानों के खिले चेहरे

जिले में वर्ष 2017 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2017 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 16785 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 5806, तीन बेटियों के बाद1831, चार बेटियों के बाद 568, पांच बेटियों के बाद 156 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 55 महिलाएं गर्भवती हुई है.

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 46 हजार, वहीं 26 से 35 उम्र की 23 हजार 683 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1315 और 50 से ऊपर की 35 महिलाएं गर्भवती हुई.

जिले में वर्ष 2018 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2018 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 18 हजार 65 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 6113, तीन बेटियों के बाद 2086, चार बेटियों के बाद 578, पांच बेटियों के बाद 167 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 76 महिलाएं गर्भवती हुई.

पढ़ें- स्पेशल : सीएम के आदेश भी बौने...72 साल की दिव्यांग को पेंशन के लिए टेकना पड़ा कलेक्टर की चौखट पर माथा

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 51 हजार 477 महिलाए गर्भवती थी. वहीं 26 से 35 उम्र की 27 हजार 665, 36 से 45 साल की 1481 और 50 से ऊपर की 41 महिलाएं गर्भवती हुई.

जिले में वर्ष 2019 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2019 की बात करें तो अगस्त माह तक पाली में एक बेटी के बाद 13 हजार 204 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 4557, तीन बेटियों के बाद 1543, चार बेटियों के बाद 505, पांच बेटियों के बाद 122 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 21 महिलाएं गर्भवती हुई.

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 37 हजार 209, वहीं 26 से 35 उम्र की 22 हजार 15 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1138 और 50 से ऊपर की 22 महिलाएं गर्भवती हुई.

अशिक्षा और ग्रामीण परिवेश नहीं मिटने दे रहा कलंक
जिले के अधिकारियों की मानें तो जिले में पिछले 10 सालों में चिकित्सा विभाग की ओर से चलाई गई जागरूकता भरी गतिविधियां और पीसीपीएनडीटी की सख्ती के चलते लिंगानुपात और शिशु लिंगानुपात में काफी बढ़ोतरी हुई है. वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिर्धा के अनुसार पाली में अभी बेटों की चाहत खत्म नहीं होने के पीछे और शिक्षा ही मुख्य कारण है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार महिलाओं के बेटियों के होने के बाद पुत्र नहीं होने से समाज में प्रतिष्ठा कम होने जैसे सोच के चलते महिलाएं 50 की उम्र और पांच बेटियों के बाद भी गर्भवती हो रही है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 1.90 लाख उज्ज्वला गैस कनेक्शन बांटे, रिफिल के पैसे नहीं इसलिए चूल्हें पर बनता है खाना

गर्भवती होने के लिए 30 तक कि उम्र सबसे अच्छी
पाली में पैदा हो रही ऐसी स्थितियों के बारे में डॉक्टरों की मानें तो महिलाओं के लिए गर्भवती होने की सबसे अच्छी उम्र 22 से 30 वर्ष तक होती है. इसके बाद महिलाओं में कमजोरी आना शुरू हो जाती है. डॉक्टर ने यह भी बताया कि ज्यादा उम्र और लगातार गर्भवती होने से महिलाएं और उनके पेट में पल रहे बच्चे के जीवन को खतरे में डाल रही है. कई बार ऐसी स्थितियों में महिलाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है.

पाली. कन्या भ्रूण हत्या और कम लिंगानुपात जैसे कलंक को पाली ने काफी समय पहले ही धो दिया. आज के समय में पाली के कई परिवारों ने अपनी बेटियों को ही अपना बेटा मान समाज को नया नजरिया दिखाया. ऐसे में सब कुछ ठीक मान प्रशासन और सरकार दोनों खुश है. लेकिन पाली में सब कुछ ठीक नहीं कहा जा सकता. भले ही पाली में लिंगानुपात सुधरा हो. लेकिन बेटों की चाहत ने अभी पाली की जनता में बेटों से वंश बढ़ने वाली सामाजिक कुरीति को बरकरार रखे हुए हैं.

बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

वर्तमान में भी हजारों महिलाएं बेटों की चाहत में उम्र दर उम्र और बेटियों के लगातार होने के बाद भी गर्भवती हो रही है. ऐसे में पाली में अब ऐसी भी गर्भवती महिलाएं कई बार नजर आती है. जिनकी उम्र 50 के पार हो चुकी है और उनके पांच से ज्यादा बेटियां हो चुकी है. ऐसे में कहा जा सकता है पाली में सब कुछ ठीक हो रहा है लेकिन समाज का मनोविकार नहीं है.

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जिले में वर्ष 2017 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2017 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 16785 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 5806, तीन बेटियों के बाद1831, चार बेटियों के बाद 568, पांच बेटियों के बाद 156 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 55 महिलाएं गर्भवती हुई है.

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 46 हजार, वहीं 26 से 35 उम्र की 23 हजार 683 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1315 और 50 से ऊपर की 35 महिलाएं गर्भवती हुई.

जिले में वर्ष 2018 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2018 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 18 हजार 65 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 6113, तीन बेटियों के बाद 2086, चार बेटियों के बाद 578, पांच बेटियों के बाद 167 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 76 महिलाएं गर्भवती हुई.

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वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 51 हजार 477 महिलाए गर्भवती थी. वहीं 26 से 35 उम्र की 27 हजार 665, 36 से 45 साल की 1481 और 50 से ऊपर की 41 महिलाएं गर्भवती हुई.

जिले में वर्ष 2019 की स्थिति
जिले में अगर वर्ष 2019 की बात करें तो अगस्त माह तक पाली में एक बेटी के बाद 13 हजार 204 महिलाएं गर्भवती हुई. वहीं दो बेटियों के बाद 4557, तीन बेटियों के बाद 1543, चार बेटियों के बाद 505, पांच बेटियों के बाद 122 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 21 महिलाएं गर्भवती हुई.

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 37 हजार 209, वहीं 26 से 35 उम्र की 22 हजार 15 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1138 और 50 से ऊपर की 22 महिलाएं गर्भवती हुई.

अशिक्षा और ग्रामीण परिवेश नहीं मिटने दे रहा कलंक
जिले के अधिकारियों की मानें तो जिले में पिछले 10 सालों में चिकित्सा विभाग की ओर से चलाई गई जागरूकता भरी गतिविधियां और पीसीपीएनडीटी की सख्ती के चलते लिंगानुपात और शिशु लिंगानुपात में काफी बढ़ोतरी हुई है. वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिर्धा के अनुसार पाली में अभी बेटों की चाहत खत्म नहीं होने के पीछे और शिक्षा ही मुख्य कारण है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार महिलाओं के बेटियों के होने के बाद पुत्र नहीं होने से समाज में प्रतिष्ठा कम होने जैसे सोच के चलते महिलाएं 50 की उम्र और पांच बेटियों के बाद भी गर्भवती हो रही है.

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गर्भवती होने के लिए 30 तक कि उम्र सबसे अच्छी
पाली में पैदा हो रही ऐसी स्थितियों के बारे में डॉक्टरों की मानें तो महिलाओं के लिए गर्भवती होने की सबसे अच्छी उम्र 22 से 30 वर्ष तक होती है. इसके बाद महिलाओं में कमजोरी आना शुरू हो जाती है. डॉक्टर ने यह भी बताया कि ज्यादा उम्र और लगातार गर्भवती होने से महिलाएं और उनके पेट में पल रहे बच्चे के जीवन को खतरे में डाल रही है. कई बार ऐसी स्थितियों में महिलाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है.

Intro:- 20 साल में 834 से 954 हुआ लिंगानुपात

- लेकिन, अब भी खत्म नहीं हो रही बेटियों की बेकद्री

- 50 की उम्र पार करने के बाद भी गर्भवती हो रही 5 से अधिक बेटियों की मां

- बेटों की चाहत में खतरे में डाल रही अपना जीवन


पाली. कन्या भ्रूण हत्या व कम लिंगानुपात जैसे कलंक को पाली ने काफी समय पहले ही धो दिया। आज के समय में पाली के कई परिवारों ने अपनी बेटियों को ही अपना बेटा मान समाज को नया नजरिया दिखाया। ऐसे में सब कुछ ठीक मान प्रशासन और सरकार दोनों खुश है। लेकिन पाली में सब कुछ ठीक नहीं कहा जा सकता। भले ही पाली में लिंगानुपात सुधरा हो। लेकिन बेटों की चाहत ने अभी पाली की जनता में बेटों से वंश बढ़ने वाली सामाजिक कुरीति को बरकरार रखे हुए हैं। आज भी हजारों महिलाएं बेटों की चाहत में उम्र दर उम्र और बेटियों के लगातार होने के बाद भी गर्भवती हो रही है। ऐसे में पाली में अब ऐसी भी गर्भवती महिलाएं कई बार नजर आती है। जिनकी उम्र 50 के पार हो चुकी है। और उनके पांच से ज्यादा बेटियां हो चुकी है। ऐसे में कहा जा सकता है पाली में सब कुछ ठीक हो रहा है लेकिन समाज का मनोविकार नहीं।


Body:जिले में वर्ष 2017 की स्थिति

जिले में अगर वर्ष 2017 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 16785 महिलाएं गर्भवती हुई। वहीं दो बेटियों के बाद 5806, तीन बेटियों के बाद 1831, चार बेटियों के बाद 568, पांच बेटियों के बाद 156 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 55 महिलाएं गर्भवती हुई।

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 46 हजार, वहीं 26 से 35 उम्र की 23 हजार 683 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1315 और 50 से ऊपर की 35 महिलाएं गर्भवती हुई ।



जिले में वर्ष 2018 की स्थिति

जिले में अगर वर्ष 2018 की बात करें तो पाली में एक बेटी के बाद 18 हजार 65 महिलाएं गर्भवती हुई। वहीं दो बेटियों के बाद 6113, तीन बेटियों के बाद 2086, चार बेटियों के बाद 578, पांच बेटियों के बाद 167 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 76 महिलाएं गर्भवती हुई।

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 51 हजार 477 महिलाए गर्भवती ही। वहीं 26 से 35 उम्र की 27 हजार 665, 36 से 45 साल की 1481 और 50 से ऊपर की 41 महिलाएं गर्भवती हुई ।


जिले में वर्ष 2017 की स्थिति

जिले में अगर वर्ष 2019 की बात करें तो अगस्त माह तक पाली में एक बेटी के बाद 13 हजार 204 महिलाएं गर्भवती हुई। वहीं दो बेटियों के बाद 4557, तीन बेटियों के बाद 1543, चार बेटियों के बाद 505, पांच बेटियों के बाद 122 व पांच से अधिक बेटियों के बाद 21 महिलाएं गर्भवती हुई।

वहीं अगर इसी वर्ष गर्भवती महिलाओं की उम्र की बात करें तो वर्ष में 19 से 25 वर्ष की 37 हजार 209, वहीं 26 से 35 उम्र की 22 हजार 15 महिलाएं, 36 से 45 साल की 1138 और 50 से ऊपर की 22 महिलाएं गर्भवती हुई ।




Conclusion:
अशिक्षा ओर ग्रामीण परिवेश नहीं मिटने दे रहा कलंक

जिले के अधिकारियों की मानें तो जिले में पिछले 10 सालों में चिकित्सा विभाग की ओर से चलाई गई जागरूकता भरी गतिविधियां और पीसीपीएनडीटी की सख्ती के चलते लिंगानुपात और शिशु लिंगानुपात में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहीं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी मिर्धा के अनुसार पाली में अभी बेटों की चाहत खत्म नहीं होने के पीछे और शिक्षा ही मुख्य कारण है। साथी ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार महिलाओं के बेटियों के होने के बाद पुत्र नहीं होने से समाज में प्रतिष्ठा कम होने जैसे सोच के चलते महिलाएं 50 की उम्र और पांच बेटियों के बाद भी गर्भवती हो रही है।


गर्भवती होने के लिए 30 तक कि उम्र सबसे अच्छी

पाली में पैदा हो रही ऐसी स्थितियों के बारे में डॉक्टरों की मानें तो महिलाओं के लिए गर्भवती होने की सबसे अच्छी उम्र 22 से 30 वर्ष तक होती है। इसके बाद महिलाओं में कमजोरी आना शुरू हो जाती है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि ज्यादा उम्र और लगातार गर्भवती होने से महिलाएं श्याम और उनके पेट में पल रहे बच्चे के जीवन को खतरे में डाल रही है। कई बार ऐसी स्थितियों में महिलाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है।


समाचार में पहली बाईट सीएमएचओ डॉ. आरपी मिर्धा की है। दूसरी बाईट स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण चौधरी की है।
Last Updated : Sep 29, 2019, 10:20 AM IST
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