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स्पेशल: यूज करके फेंकने वाले मास्क बढ़ा रहा संक्रमण का खतरा, प्रशासन के सामने कड़ी चुनौती

सुरक्षा कवच के तौर पर देखा जाने वाला मास्क अब संकट के तौर पर नजर आ रहा है. पाली में अब तक 10 लाख से ज्यादा मास्क का वितरण किया गया है. लेकिन इसके उपयोग और इसे नष्ट करने के नियम किसी को पता नहीं हैं. जिसके चलते लोग मास्क का इस्तेमाल करने के बाद खुले में फेंक देते हैं. चिकित्सकों के अनुसार ऐसा करने से अब संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है.

खुले में मास्क फेंक रहे लोग, People throwing masks in the open
खुले में मास्क फेंक रहे लोग
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Published : May 2, 2020, 1:20 PM IST

पाली. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर कोई अपने मुंह और नाक ढकने के लिए मास्क का उपयोग कर रहा है. सरकार की ओर से भी एडवाइजरी जारी कर लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन यह मास्क अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रहा है.

लोगों की ओर से लगातार इन मास्क का उपयोग करने के बाद इन्हें सड़कों और अन्य जगहों पर खुले में फेंका जा रहा है. ऐसे में चिकित्सक इन मास्क से भी संक्रमण फैलने का खतरा जता रहे हैं. इसके चलते अब सुरक्षा कवच के तौर पर देखा जाने वाला मास्क संकट के तौर पर नजर आ रहा है. वहीं, सरकार भी अब इस संकट को भांप चुकी है.

मास्क बढ़ा रहा संक्रमण का खतरा

पढ़ें- Special : जोधपुर के Corona House में Virus की एंट्री, मेडिकल टीमें कर रही लगातार स्क्रीनिंग

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पाली में चिकित्सा विभाग की ओर से शुरू में काफी संख्या में लोगों में मास्क का वितरण किया गया था. कई भामाशाहों ने भी अलग-अलग तरह से मास्क बनाकर लोगों में वितरण किया था. पाली में लगातार लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन इसे पहनने ओर इसे नष्ट करने के नियम किसी को भी पता नहीं हैं.

ऐसे में लोग इस मास्क का उपयोग करने के बाद से सड़कों पर खुले में फेंक रहे हैं. जिसके चलते इन खुले में पड़े मास्क से संक्रमण होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ चुका है. बता दें कि पाली में करीब 10 लाख से ज्यादा मास्क बनाकर लोगों में अब तक बांटे जा चुके हैं. वहीं 10,000 से ज्यादा PPE किट बनाकर चिकित्सा महकमे को उपलब्ध करा दिए गए हैं.

इन सभी के उपयोग और इन्हें नष्ट करने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड की ओर से कई नियम बनाए गए हैं. इन नियमों के तहत अब प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पाली में हर दिन सुबह और शाम को इन्हें नष्ट करने की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजनी पड़ रही है.

पढ़ें- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित इलाकों को लेकर जारी की सूची, राजस्थान के 8 जिले रेड जोन में

पाली मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. केसी अग्रवाल ने बताया कि अभी तक मास्क को पहनने के नियम आम जनता को पूरी तरह से पता नहीं है. ऐसे में लोग मास्क का उपयोग किसी भी तरह से कर रहे है. उन्होंने बताया कि अगर लोग मास्क को सही तरीके से उपयोग में नहीं लेते हैं, तो वह भी संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं.

पाली में 10 लाख से ज्यादा मास्क का वितरण और 10 हजार से ज्यादा PPE किट मेडिकल टीमों को दिए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से सुबह शाम मास्क को लेकर मॉनिटरिंग होती है.

पाली. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर कोई अपने मुंह और नाक ढकने के लिए मास्क का उपयोग कर रहा है. सरकार की ओर से भी एडवाइजरी जारी कर लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन यह मास्क अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ा संकट बनकर उभर रहा है.

लोगों की ओर से लगातार इन मास्क का उपयोग करने के बाद इन्हें सड़कों और अन्य जगहों पर खुले में फेंका जा रहा है. ऐसे में चिकित्सक इन मास्क से भी संक्रमण फैलने का खतरा जता रहे हैं. इसके चलते अब सुरक्षा कवच के तौर पर देखा जाने वाला मास्क संकट के तौर पर नजर आ रहा है. वहीं, सरकार भी अब इस संकट को भांप चुकी है.

मास्क बढ़ा रहा संक्रमण का खतरा

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कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पाली में चिकित्सा विभाग की ओर से शुरू में काफी संख्या में लोगों में मास्क का वितरण किया गया था. कई भामाशाहों ने भी अलग-अलग तरह से मास्क बनाकर लोगों में वितरण किया था. पाली में लगातार लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन इसे पहनने ओर इसे नष्ट करने के नियम किसी को भी पता नहीं हैं.

ऐसे में लोग इस मास्क का उपयोग करने के बाद से सड़कों पर खुले में फेंक रहे हैं. जिसके चलते इन खुले में पड़े मास्क से संक्रमण होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ चुका है. बता दें कि पाली में करीब 10 लाख से ज्यादा मास्क बनाकर लोगों में अब तक बांटे जा चुके हैं. वहीं 10,000 से ज्यादा PPE किट बनाकर चिकित्सा महकमे को उपलब्ध करा दिए गए हैं.

इन सभी के उपयोग और इन्हें नष्ट करने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड की ओर से कई नियम बनाए गए हैं. इन नियमों के तहत अब प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पाली में हर दिन सुबह और शाम को इन्हें नष्ट करने की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजनी पड़ रही है.

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पाली मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. केसी अग्रवाल ने बताया कि अभी तक मास्क को पहनने के नियम आम जनता को पूरी तरह से पता नहीं है. ऐसे में लोग मास्क का उपयोग किसी भी तरह से कर रहे है. उन्होंने बताया कि अगर लोग मास्क को सही तरीके से उपयोग में नहीं लेते हैं, तो वह भी संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं.

पाली में 10 लाख से ज्यादा मास्क का वितरण और 10 हजार से ज्यादा PPE किट मेडिकल टीमों को दिए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से सुबह शाम मास्क को लेकर मॉनिटरिंग होती है.

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