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पाली: जंगली जानवरों की अफवाह से वन विभाग परेशान, लोगों में भी दहशत

अफवाहों के चलते वन विभाग पिछले कई दिनों से पाली के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़-भाग करता नजर आ रहा है. वन विभाग ने जोधपुर से जानवरों के एक्सपर्ट को भी कई दिनों से पाली में ही कैंप करवा कर रोक रखा है.

भय का माहौल, rummers of wild animals
भय का माहौल
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Published : Jan 2, 2020, 9:29 AM IST

पाली. शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से जंगली जानवर की अफवाह ने वन विभाग की नाक में दम कर रखा है. वहीं इन अफवाहों से लोगों में भी भय का माहौल है. सोशल मीडिया पर भी अफवाह तेजी से फैल रही है. इन अफवाहों के चलते वन विभाग पिछले कई दिनों से पाली के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़-भाग करता नजर आ रहा है.

भय का माहौल

इन अफवाहों के दौर को खत्म करने के लिए पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने भी अब लोगों से अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है. अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने बताया, कि पाली के आसपास ग्रामीणों ने रात के समय अपने खेतों में किसी ऐसे जानवर को देखा, जिसे उन्होंने पहले नहीं देखा था. शुरुआत में ग्रामीणों ने उसे पैंथर समझा और सुरक्षित स्थानों पर चले गए. इस मामले की सूचना स्थानीय पुलिस और वन विभाग को दी गई. वन विभाग की टीम क्षेत्र में जाकर जंगली जानवरों के पगमार्क भी ले रही है. पगमार्क का परीक्षण करने पर सबसे ज्यादा जरख के पैर के निशान होने की संभावना जताई जा रही है.

पढ़ें. पालीः महिला सुरक्षा के लिए पुलिस ने शुरू किया आत्मरक्षा शिविर

सबसे बड़ी बात यह है,कि लोगों की शिकायतों को देखते हुए वन विभाग ने जोधपुर से जानवरों के एक्सपर्ट को भी कई दिनों से पाली में ही कैंप करवा कर रोक रखा है. वहीं अन्य जिलों से भी जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरे भी अतिरिक्त मंगवा रखे हैं. लेकिन इन 20 दिनों में अबतक वन विभाग के हाथ कोई भी जंगली जानवर नहीं आया है. क्षेत्र में लोग फोन कर जानवर के लिए बुला रहे हैं, लेकिन वहां भी किसी तरह के पगमार्ग अबतक नजर नहीं आए हैं.

पाली. शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से जंगली जानवर की अफवाह ने वन विभाग की नाक में दम कर रखा है. वहीं इन अफवाहों से लोगों में भी भय का माहौल है. सोशल मीडिया पर भी अफवाह तेजी से फैल रही है. इन अफवाहों के चलते वन विभाग पिछले कई दिनों से पाली के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़-भाग करता नजर आ रहा है.

भय का माहौल

इन अफवाहों के दौर को खत्म करने के लिए पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने भी अब लोगों से अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है. अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने बताया, कि पाली के आसपास ग्रामीणों ने रात के समय अपने खेतों में किसी ऐसे जानवर को देखा, जिसे उन्होंने पहले नहीं देखा था. शुरुआत में ग्रामीणों ने उसे पैंथर समझा और सुरक्षित स्थानों पर चले गए. इस मामले की सूचना स्थानीय पुलिस और वन विभाग को दी गई. वन विभाग की टीम क्षेत्र में जाकर जंगली जानवरों के पगमार्क भी ले रही है. पगमार्क का परीक्षण करने पर सबसे ज्यादा जरख के पैर के निशान होने की संभावना जताई जा रही है.

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सबसे बड़ी बात यह है,कि लोगों की शिकायतों को देखते हुए वन विभाग ने जोधपुर से जानवरों के एक्सपर्ट को भी कई दिनों से पाली में ही कैंप करवा कर रोक रखा है. वहीं अन्य जिलों से भी जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरे भी अतिरिक्त मंगवा रखे हैं. लेकिन इन 20 दिनों में अबतक वन विभाग के हाथ कोई भी जंगली जानवर नहीं आया है. क्षेत्र में लोग फोन कर जानवर के लिए बुला रहे हैं, लेकिन वहां भी किसी तरह के पगमार्ग अबतक नजर नहीं आए हैं.

Intro:पाली. पाली शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से जंगली जानवर की अफवाह होने के चलते वन विभाग के नाक में इन अफवाहों ने पूरी तरह से दम कर रखा है। वही इन अफवाहों ने लोगों के अंदर भी भय का माहौल कर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया इन अफवाहों को तेजी से हवा देता नजर आ रहा है। इन अफवाहों के चलते वन विभाग पिछले कई दिनों से पाली के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ भाग करता नजर आ रहा है। इन अफवाहों के दौर को खत्म करने के लिए पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने भी अब लोगों से अफवाह फैला कर लोगों में भय पैदा नहीं करने की अपील की है। साथ ही अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई करने की कड़ी बात भी कही है।


Body:पाली डीएफओ गौरव गर्ग ने बताया कि पाली के आसपास ग्रामीण लोगों ने रात के समय अपने खेतों में अजीबी जानवर देखा। जिसे आज से पहले उन्होंने नहीं देखा था। ऐसे में शुरुआत में उन ग्रामीणों ने उस जानवर को पैंथर समझ कर वहां से सुरक्षित स्थानों पर चले गए और इस मामले की सूचना स्थानीय पुलिस व वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम क्षेत्र में जाकर जंगली जानवरों के पगमार्क भी ले रही है। पगमार्क का परीक्षण करने पर सबसे ज्यादा इन्हें जरख के पैर के निशान होने की संभावना जताई जा रही हैं। और आसपास के क्षेत्र में अन्य वन्य जीव नही होने की आशंका जताई जा रही है। क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा इस तरह के जानवर को देखने के बाद में क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों में सोशल मीडिया पर क्षेत्र में शेर आने की लगातार फैलती रही और अन्य स्थानों के वीडियो अपने क्षेत्र से जोड़कर इन अफवाहों को और ज्यादा हवा दे दी गई। ऐसे में प्रतिदिन वन विभाग के पास चार से पांच कॉल पैंथर के खेत में घूमने की आ रही है। और वन विभाग को लगातार दौड़ भाग करनी पड़ रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों की शिकायतों को देखते हुए वन विभाग ने जोधपुर से जानवरों के एक्सपर्ट को भी कई दिनों से पाली में ही कैंप करवा कर रोक रखा है। वहीं अन्य जिलों से भी जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरे भी अतिरिक्त मंगवा रखे हैं। लेकिन इन 20 दिनों में अभी तक वन विभाग के हाथ कोई भी जंगली जानवर नहीं आया है। और क्षेत्र में लोग फोन कर जानवर के लिए बुला रहे वहां भी किसी प्रकार के पद मार्ग अभी तक नजर नहीं आए है।

समाचार में पाली डीएफओ गौरव गर्ग की बाईट है।


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