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Special : कैसे बुझेगी पाली की प्यास...जवाई बांध में भरपूर पानी, लेकिन ये है बड़ी चुनौती

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Published : Oct 20, 2020, 5:09 PM IST

पाली में हर बार किसानों और जिले वासियों के बीच सालभर के लिए पानी का वितरण किया जाता है. इस बार प्रशासन ने किसानों की शिकायतों को दूर करते हुए जवाई बांध से उन्हें अधिक पानी दे दिया है. वहीं, जिले वासियों को 1100 एमसीएफटी पानी कम मिला है. ऐसे में यहां लोगों को इस बार पानी की किल्लत झेलनी पड़ सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

This time less water for the people of Pali
पाली के लोगों के लिए इस बार कम मिला पानी

पाली. जिले के सबसे बड़े पेयजल स्रोत जवाई बांध के पानी का बंटवारा हो चुका है. इस बार जवाई बांध कमांड क्षेत्र से जुड़े किसानों की सभी मांगों को प्रशासन ने पूरा कर दिया है. किसानों की मांग से 650 एमसीएफटी ज्यादा पानी प्रशासन ने जवाई बांध से किसानों को सिंचाई के लिए दिया है. इस बार किसानों को चार चरण का पूरा पानी मिलेगा, लेकिन किसानों को राहत देने के फेर में प्रशासन ने इस बार पाली जिले के बारे में नहीं सोचा.

पाली के लोगों के लिए इस बार कम मिला पानी

जिले की प्यास बुझाने के लिए इस बार मांग से 1100 एमसीएफटी पानी कम मिला है. गत वर्ष जिले को मांग के अनुसार पानी मिलने के बाद भी ऐसा संकट झेलना पड़ा था कि प्रशासन के सामने वाटर ट्रेन मंगवाने की नौबत आ गई थी. इस बार पानी कम देने के बाद अब जलदाय विभाग के सामने कठिन समय आ खड़ा है. जलदाय विभाग को अब 2100 एमसीएफटी पानी से ही पूरे साल पाली जिले की प्यास बुझानी पड़ेगी. ऐसे में पाली में जवाई बांध में पर्याप्त पानी आने के बावजूद अब हर 72 घंटे के बाद पानी की सप्लाई की तैयारी शुरू की जा रही है.

Despite the water in the dam, the villagers have less water
बांध में पानी के बावजूद जिले वासियों को कम पानी...

जवाई जल वितरण कमेटी की बैठक में जवाई बांध के पानी को किसानों और पेयजल के लिए बांटने को लेकर संभागीय आयुक्त ने आदेश दिए हैं. इस आदेश के अनुसार इस बार जवाई बांध कमांड क्षेत्र से जुड़े किसानों को 4 पाण के रूप में 4000 एमसीएफटी पानी देने का फैसला लिया गया है. किसानों को इस बार 650 एमसीएफटी ज्यादा पानी सिंचाई के लिए दिया गया है. वहीं, पाली जिले में इस बार वर्षभर पेयजल व्यवस्था बरकरार रखने के लिए जलदाय विभाग और पाली प्रशासन की ओर से 3500 एमसीएफटी पानी आरक्षित रखने की मांग की गई थी, लेकिन जल वितरण कमेटी ने पेयजल व्यवस्था के लिए 2163.30 एमसीएफटी पानी ही दिया है.

Farmers share more water than Jawai dam
जवाई बांध से किसानों के हिस्से अधिक पानी...

यह भी पढ़ें: टोंक जिले के किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी

जिले को इस बार 1100 एमसीएफटी पानी पेयजल व्यवस्था के लिए कम मिला है. पाली के लिए मिला यह पानी जनता के लिए पर्याप्त नहीं है. पाली में वर्तमान समय में आम जनता की प्यास बुझाने के लिए जलदाय विभाग की ओर से यहां प्रतिदिन पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन अब इसी पानी को जलदाय विभाग को पूरे साल चलाना है तो अभी से जिले में 72 घंटे की पानी सप्लाई की व्यवस्था करनी होगी, अगर जलदाय विभाग 24 घंटे में पानी की सप्लाई करेगा तो अगले 7 माह बाद ही पाली को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.

हेमावास बांध में नहीं आया इस बार पानी...

पाली में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए जवाई बांध और हेमावास बांध से पानी लिया जाता है. जवाई बांध की क्षमता 6000 एमसीएफटी है. बनिस्बत अभी जवाई बांध में 5288.45 एमसीएफटी पानी आ चुका है. यानी जवाई बांध का गेट अभी 55. 45 फीट है जिसमें से पाली की पेयजल सप्लाई के लिए 2163.31 एमसीएफटी पानी पाली को दिया गया है. वही हेमावास बांध की क्षमता 2128.29 एमसीएफटी है. इस बार कम बारिश के चलते हेमावास बांध में 240 एमसीएफटी पानी की आवक हुई है.

यह भी पढ़ें: Special: पुरखों की सोच को सलाम, कमरुद्दीन शाह की दरगाह में दिखती है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की बेजोड़ कारीगरी

जलदाय विभाग पर हाईकोर्ट के आदेश की तलवार...

पाली में पहले भी पेयजल संकट को देखते हुए हाईकोर्ट ने जलदाय विभाग को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने जलदाय विभाग को पाली में जनता तक पानी पहुंचाने के लिए सभी प्रयास करने के निर्देश दे रखे हैं. इस बार बारिश कम होने से हेमावास बांध में पानी की आवक न के बराबर हुई है. वहीं जलदाय विभाग को उनकी मांग से 1100 एमसीएफटी पानी कम मिला है. दिसंबर तक जलदाय विभाग को पाली शहर सहित 9 कस्बों और 786 गांव में पेयजल व्यवस्था करनी है. ऐसे में जवाई बांध से कम पानी मिलने से जलदाय विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. जलदाय विभाग को हाईकोर्ट के आदेश की पालना भी करवानी होगी.

यह है संकट...

गत वर्ष पेयजल के लिए पाली में 2363 एमसीएफटी पानी साल भर के लिए आरक्षित रखा गया था. इसके बावजूद गत वर्ष पाली में पेयजल संकट को देखते हुए पानी के लिए ट्रेन मंगवानी पड़ी थी. पेयजल आपूर्ति भी 48 से 72 घंटे के अंतराल में की गई थी. इस बार जनसंख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही 224 नए गांव भी जवाई बांध से जोड़ दिए गए हैं. ऐसे में इस बार पाली को मिले पानी को साल भर चलाने के लिए जलदाय विभाग को अभी से 72 घंटे के अंतराल में पानी की सप्लाई देनी होगी.

महत्वपूर्ण तथ्य...

  • जलदाय विभाग की मांग से 1100 एमसीएफटी पानी मिला कम
  • किसानों को इस बार मांग से 650 एमसीएफटी पानी मिला ज्यादा
  • अभी से पाली में 72 घंंटे में एक बार सप्लाई की हो रही तैयारी
  • हेमावास बांध की क्षमता है 2128.19 एमसीएफटी पानी की. अभी उपलब्ध है 2400 एमसीएफटी पानीजवाई बांध की क्षमता है 6 हजार एमसीएफटी पानी. अभी 5288.45 एमसीएफटी है पानी
  • जलदाय विभाग ने जिले की सालभर की प्यास बुझाने के लिए मांगा था 3400 एमसीएफटी पानी
  • जिले को पीने के लिए मिला सिर्फ 2163.31 एमसीएफटी पानी
  • जवाई बांध का पानी पाली शहर सहित 8 कस्बों और 553 गांवों में होता है सप्लाई
  • दिसम्बर 2020 से पानी के 224 नए गांवों को भी जोड़ा जाएगा बांध से
  • जिले में प्रतिदिन 7.5 एमसीएफटी पानी की है आवश्यकता

पाली. जिले के सबसे बड़े पेयजल स्रोत जवाई बांध के पानी का बंटवारा हो चुका है. इस बार जवाई बांध कमांड क्षेत्र से जुड़े किसानों की सभी मांगों को प्रशासन ने पूरा कर दिया है. किसानों की मांग से 650 एमसीएफटी ज्यादा पानी प्रशासन ने जवाई बांध से किसानों को सिंचाई के लिए दिया है. इस बार किसानों को चार चरण का पूरा पानी मिलेगा, लेकिन किसानों को राहत देने के फेर में प्रशासन ने इस बार पाली जिले के बारे में नहीं सोचा.

पाली के लोगों के लिए इस बार कम मिला पानी

जिले की प्यास बुझाने के लिए इस बार मांग से 1100 एमसीएफटी पानी कम मिला है. गत वर्ष जिले को मांग के अनुसार पानी मिलने के बाद भी ऐसा संकट झेलना पड़ा था कि प्रशासन के सामने वाटर ट्रेन मंगवाने की नौबत आ गई थी. इस बार पानी कम देने के बाद अब जलदाय विभाग के सामने कठिन समय आ खड़ा है. जलदाय विभाग को अब 2100 एमसीएफटी पानी से ही पूरे साल पाली जिले की प्यास बुझानी पड़ेगी. ऐसे में पाली में जवाई बांध में पर्याप्त पानी आने के बावजूद अब हर 72 घंटे के बाद पानी की सप्लाई की तैयारी शुरू की जा रही है.

Despite the water in the dam, the villagers have less water
बांध में पानी के बावजूद जिले वासियों को कम पानी...

जवाई जल वितरण कमेटी की बैठक में जवाई बांध के पानी को किसानों और पेयजल के लिए बांटने को लेकर संभागीय आयुक्त ने आदेश दिए हैं. इस आदेश के अनुसार इस बार जवाई बांध कमांड क्षेत्र से जुड़े किसानों को 4 पाण के रूप में 4000 एमसीएफटी पानी देने का फैसला लिया गया है. किसानों को इस बार 650 एमसीएफटी ज्यादा पानी सिंचाई के लिए दिया गया है. वहीं, पाली जिले में इस बार वर्षभर पेयजल व्यवस्था बरकरार रखने के लिए जलदाय विभाग और पाली प्रशासन की ओर से 3500 एमसीएफटी पानी आरक्षित रखने की मांग की गई थी, लेकिन जल वितरण कमेटी ने पेयजल व्यवस्था के लिए 2163.30 एमसीएफटी पानी ही दिया है.

Farmers share more water than Jawai dam
जवाई बांध से किसानों के हिस्से अधिक पानी...

यह भी पढ़ें: टोंक जिले के किसानों को मिलेगा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी

जिले को इस बार 1100 एमसीएफटी पानी पेयजल व्यवस्था के लिए कम मिला है. पाली के लिए मिला यह पानी जनता के लिए पर्याप्त नहीं है. पाली में वर्तमान समय में आम जनता की प्यास बुझाने के लिए जलदाय विभाग की ओर से यहां प्रतिदिन पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन अब इसी पानी को जलदाय विभाग को पूरे साल चलाना है तो अभी से जिले में 72 घंटे की पानी सप्लाई की व्यवस्था करनी होगी, अगर जलदाय विभाग 24 घंटे में पानी की सप्लाई करेगा तो अगले 7 माह बाद ही पाली को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा.

हेमावास बांध में नहीं आया इस बार पानी...

पाली में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए जवाई बांध और हेमावास बांध से पानी लिया जाता है. जवाई बांध की क्षमता 6000 एमसीएफटी है. बनिस्बत अभी जवाई बांध में 5288.45 एमसीएफटी पानी आ चुका है. यानी जवाई बांध का गेट अभी 55. 45 फीट है जिसमें से पाली की पेयजल सप्लाई के लिए 2163.31 एमसीएफटी पानी पाली को दिया गया है. वही हेमावास बांध की क्षमता 2128.29 एमसीएफटी है. इस बार कम बारिश के चलते हेमावास बांध में 240 एमसीएफटी पानी की आवक हुई है.

यह भी पढ़ें: Special: पुरखों की सोच को सलाम, कमरुद्दीन शाह की दरगाह में दिखती है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की बेजोड़ कारीगरी

जलदाय विभाग पर हाईकोर्ट के आदेश की तलवार...

पाली में पहले भी पेयजल संकट को देखते हुए हाईकोर्ट ने जलदाय विभाग को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने जलदाय विभाग को पाली में जनता तक पानी पहुंचाने के लिए सभी प्रयास करने के निर्देश दे रखे हैं. इस बार बारिश कम होने से हेमावास बांध में पानी की आवक न के बराबर हुई है. वहीं जलदाय विभाग को उनकी मांग से 1100 एमसीएफटी पानी कम मिला है. दिसंबर तक जलदाय विभाग को पाली शहर सहित 9 कस्बों और 786 गांव में पेयजल व्यवस्था करनी है. ऐसे में जवाई बांध से कम पानी मिलने से जलदाय विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. जलदाय विभाग को हाईकोर्ट के आदेश की पालना भी करवानी होगी.

यह है संकट...

गत वर्ष पेयजल के लिए पाली में 2363 एमसीएफटी पानी साल भर के लिए आरक्षित रखा गया था. इसके बावजूद गत वर्ष पाली में पेयजल संकट को देखते हुए पानी के लिए ट्रेन मंगवानी पड़ी थी. पेयजल आपूर्ति भी 48 से 72 घंटे के अंतराल में की गई थी. इस बार जनसंख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही 224 नए गांव भी जवाई बांध से जोड़ दिए गए हैं. ऐसे में इस बार पाली को मिले पानी को साल भर चलाने के लिए जलदाय विभाग को अभी से 72 घंटे के अंतराल में पानी की सप्लाई देनी होगी.

महत्वपूर्ण तथ्य...

  • जलदाय विभाग की मांग से 1100 एमसीएफटी पानी मिला कम
  • किसानों को इस बार मांग से 650 एमसीएफटी पानी मिला ज्यादा
  • अभी से पाली में 72 घंंटे में एक बार सप्लाई की हो रही तैयारी
  • हेमावास बांध की क्षमता है 2128.19 एमसीएफटी पानी की. अभी उपलब्ध है 2400 एमसीएफटी पानीजवाई बांध की क्षमता है 6 हजार एमसीएफटी पानी. अभी 5288.45 एमसीएफटी है पानी
  • जलदाय विभाग ने जिले की सालभर की प्यास बुझाने के लिए मांगा था 3400 एमसीएफटी पानी
  • जिले को पीने के लिए मिला सिर्फ 2163.31 एमसीएफटी पानी
  • जवाई बांध का पानी पाली शहर सहित 8 कस्बों और 553 गांवों में होता है सप्लाई
  • दिसम्बर 2020 से पानी के 224 नए गांवों को भी जोड़ा जाएगा बांध से
  • जिले में प्रतिदिन 7.5 एमसीएफटी पानी की है आवश्यकता
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