ETV Bharat / state

जैतारण में शहीद प्रेम सिंह को परिजनों और ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि...

पाली के जैतारण में मंगलवार को शहीद प्रेम सिंह रावत को उनके परिजनों और ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. प्रेम सिंह रावत पंजाब में 21 जुलाई 1990 की रात आंतकवादियों में लड़ते हुए शहीद हो गए थे.

Martyr Prem Singh Rawat, जैतारण पाली न्यूज़
पाली के जैतारण में शहीद प्रेम सिंह रावत को दी गई श्रद्धाजंलि
author img

By

Published : Jul 21, 2020, 4:46 PM IST

जैतारण(पाली). जिले के रायपुर उपखंड के मगरा क्षेत्र के कोट किराणा गांव के शहीद प्रेम सिंह रावत की वीरता की कहानी स्थानीय विद्यालयों में सुनाई जाती है. देश के दुश्मनों का सामना करते हुए प्रेम सिंह रावत 21 जुलाई 1990 की रात शहीद हो गए थे. मंगलवार को उनकी शहादत को करते हुए याद करते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी.

पढ़ें: बड़ा हादसाः बस और टवेरा गाड़ी के बीच जोरदार टक्कर, 4 की मौके पर मौत

मंगलवार को उन्हें कोट किराणा सरपंच पुष्पा देवी, पूर्व सरपंच दिलीप सिंह, एडवोकेट घनश्याम सिंह, राजस्थान रावत राजपूत महासभा के नवयुवक मंडल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर सिंह सिरमा, ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र सिंह, समाजसेवी रावत मोहन सिंह और वीरांगना टीपू देवी सहित कई ग्रामवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

पढ़ें: कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फैसला, विधायकों की बाड़ेबंदी रहेगी जारी

डटकर मुकाबला करते हुए एक आंतकवादी को किया था ढेर...
शहीद प्रेम सिंह 28वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के मुख्य आरक्षक थे. उन्होंने 21 जुलाई 1990 की रात को आंतकवादियों में लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी. उस समय पंजाब में आंतकवाद चरम पर था. घटना की रात 8.30 बजे सीमा सुरक्षा बल की एक एंबुष पार्टी में 10 जवान थे, जिनका नेतृत्व मुख्य आरक्षक प्रेम सिंह कर रहे थे. ये एंबुष पंजाब में गुरदासपुर के हरगोविन्दपुर के सिरोवाल गांव में लगाया जा रहा था.

आंतकवादी एक टैक्टर-ट्रॉली में छिपे हुए थे और अचानक सीमा सुरक्षा बल की एंबुष पार्टी पर हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई के दौरान 2 इंच के मोर्टार से फायर किया गया. इस हमले में एक आंतकवादी भी मारा गया. इलाके की तलाशी लेने पर एके-47 राइफल, 303 बोर की एक राइफल, 3 मैगजीन, भारी मात्रा में विस्फोटक और एक ट्रैक्टर बरामद किया गया था.

जैतारण(पाली). जिले के रायपुर उपखंड के मगरा क्षेत्र के कोट किराणा गांव के शहीद प्रेम सिंह रावत की वीरता की कहानी स्थानीय विद्यालयों में सुनाई जाती है. देश के दुश्मनों का सामना करते हुए प्रेम सिंह रावत 21 जुलाई 1990 की रात शहीद हो गए थे. मंगलवार को उनकी शहादत को करते हुए याद करते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी.

पढ़ें: बड़ा हादसाः बस और टवेरा गाड़ी के बीच जोरदार टक्कर, 4 की मौके पर मौत

मंगलवार को उन्हें कोट किराणा सरपंच पुष्पा देवी, पूर्व सरपंच दिलीप सिंह, एडवोकेट घनश्याम सिंह, राजस्थान रावत राजपूत महासभा के नवयुवक मंडल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर सिंह सिरमा, ग्राम विकास अधिकारी महेंद्र सिंह, समाजसेवी रावत मोहन सिंह और वीरांगना टीपू देवी सहित कई ग्रामवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

पढ़ें: कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फैसला, विधायकों की बाड़ेबंदी रहेगी जारी

डटकर मुकाबला करते हुए एक आंतकवादी को किया था ढेर...
शहीद प्रेम सिंह 28वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के मुख्य आरक्षक थे. उन्होंने 21 जुलाई 1990 की रात को आंतकवादियों में लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी. उस समय पंजाब में आंतकवाद चरम पर था. घटना की रात 8.30 बजे सीमा सुरक्षा बल की एक एंबुष पार्टी में 10 जवान थे, जिनका नेतृत्व मुख्य आरक्षक प्रेम सिंह कर रहे थे. ये एंबुष पंजाब में गुरदासपुर के हरगोविन्दपुर के सिरोवाल गांव में लगाया जा रहा था.

आंतकवादी एक टैक्टर-ट्रॉली में छिपे हुए थे और अचानक सीमा सुरक्षा बल की एंबुष पार्टी पर हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई के दौरान 2 इंच के मोर्टार से फायर किया गया. इस हमले में एक आंतकवादी भी मारा गया. इलाके की तलाशी लेने पर एके-47 राइफल, 303 बोर की एक राइफल, 3 मैगजीन, भारी मात्रा में विस्फोटक और एक ट्रैक्टर बरामद किया गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.