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पाली: जवाई जल वितरण को लेकर किसानों और प्रशासन में बनी सहमती

इंद्रदेव की मेहरबानी के कारण जवाई बांध का गेज 55 फीट के ऊपर उठ गया है. उसी के साथ रबी की फसल को देखते हुए किसानों द्वारा सिंचाई के लिए 4 पाण की मांग की गई है. इसको लेकर इस कोरोना महामारी को देखते हुए पहली बार संभागीय आयुक्त जोधपुर एवं जवाई जल वितरण समिति अध्यक्ष के समित शर्मा द्वारा वीसी के माध्यम से पंचायत समिति सुमेरपुर में बैठक की गई.

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जवाई जल वितरण को लेकर किसानों और प्रशासन में बनी सहमती
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Published : Oct 8, 2020, 5:11 AM IST

सुमेरपुर (पाली). इंद्रदेव की मेहरबानी के कारण जवाई बांध का गेज 55 फीट के ऊपर उठ गया है. उसी के साथ रबी की फसल को देखते हुए किसानों द्वारा सिंचाई के लिए 4 पाण की मांग की गई है. जिसको लेकर इस कोरोना महामारी को देखते हुए पहली बार संभागीय आयुक्त जोधपुर एवं जवाई जल वितरण समिति अध्यक्ष समित शर्मा द्वारा वीसी के माध्यम से पंचायत समिति सुमेरपुर में बैठक की गई, जहां पर पाली और जालोर दोनों जिलों के कलेक्टर, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, जवाई खंड के अधिशासी अभियंता चंद्रवीर सिंह उदावत और संगम अध्यक्षों के साथ में वीसी के माध्यम से बैठक आयोजित की गई.

जवाई जल वितरण को लेकर किसानों और प्रशासन में बनी सहमती

जवाई बांध से सिंचाई के लिए पानी के बंटवारे को लेकर प्रशासन और किसान नेताओं के बीच में करीबन 3 घंटे तक कसम-कस चली, जिसमें आखिरकार 4000 एमसीएफटी पानी किसानों को 20-20 दिनों देने के लिए सहमति बनी. पानी के बंटवारे को लेकर अगर प्रशासन और किसानों के बीच में सहमति नहीं बनती तो किसान नेताओं के निर्देशन में पाली और जालौर जिले के किसान ने डटकर मांग पूरी करने के लिए हुंकार भर दी थी, लेकिन जैसे ही उच्च अधिकारियों के साथ में वीसी का दौर खत्म हुआ और किसानों की मांग पर सहमति बनी तो उसके बाद में सभी किसानों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रशासन का आभार व्यक्त किया.

इन बांधों से पहुंचा जवाई बांध में पानी

15 अगस्त को सेई बांध का गेज 3.35 मीटर हो जाने पर सेई बांध की टनल का गेट खोला गया, जो आज तक 1592 मि.घ. फुट पानी सही बांध से जवाई बांध में छोड़ा गया है. 5 सितंबर को कालीबोर बांध का गेज 19.85 मीटर हो जाने पर कालीबोर बांध से सई बांध में पानी का छोड़ा गया, जो 5 सितंबर से आज तक कुल 109 मि.घ. फुट पानी कालीबोर बांध से सेई बांध में छोड़ा गया है. वहीं जलदाय विभाग द्वारा 1 अगस्त से 7 अक्टूबर तक 476 फीट पानी लिया गया है.

यह भी पढ़ें- करौली में दबंगों द्वारा पुजारी को पेट्रोल छिड़ककर जलाने का प्रयास

महाराजा उम्मेद सिंह कृषि मंडी में एकत्रित हुए किसानों को संबोधित करते हुए जवाई नहर खंड अधिशासी अभियंता चंद्रवीर सिंह उदावत ने कहा कि आप सब की मांग के अनुसार 4000 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए देने पर सहमति बनी है, लेकिन अब संगम अध्यक्षों द्वारा निर्णय लेने के बाद नियुक्त तिथि के आधार पर सिंचाई के लिए पहली पाण दी जाएगी, जब भी कहेंगे सबको सूचित करने के बाद पहली पाण छोड़ दी जाएगी.

संभागीय आयुक्त के साथ वीसी खत्म होने के बाद सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत कृषि मंडी पहुंचकर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी किसान भाइयों के हक का पानी सिंचाई के जरिए खेत तक पहुंचाना यह मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी, लेकिन उसके साथ में पेयजल का भी ध्यान रखना अति आवश्यक है. हालांकि आपके द्वारा की गई मांग के अनुसार प्रशासन द्वारा सहमति बनी और किसानों के हक के लिए कभी भी तत्पर रहने की बात कही.

यह भी पढ़ें- धौलपुर: नाबालिग के अश्लील फोटो वायरल करने और छेड़खानी का मामला, 3 युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

जवाई बांध का शिलान्यास जोधपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा उम्मेदसिंह द्वारा दिनांक 13 मई 1946 को किया गया. परियोजना की कुल लागत 2.60 करोड़ रुपए थी. कार्य सन 1957 में पूर्ण हुआ. निर्माण के बाद सन् 1973 में प्रथम बार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई एवं बांध का गेज 60 फीट भराव क्षमता 7000 एमसीएफटी से बढ़ाकर 61.25 फीट भराव क्षमता 7327.50 एमसीएफटी किया गया. बांध में पानी की आवक बढ़ाने के लिए वर्ष 1969 से 1978 के मध्य सई अपवर्तन योजना का कार्य करवाया गया. सई बांध से 6776 मीटर लंबी सुरंग के माध्यम से जवाई बांध में पानी का अपवर्तन प्रारंभ किया गया. वर्ष 2006 से 2008 के दौरान से बांध की ऊंचाई 8.25 मीटर 1106 एमसीएफटी से बढ़ाकर 10.93 मीटर की क्षमता 1622 एमसीएफटी की गई, जिससे जवाई बांध को 516 एमसीएफटी अतिरिक्त पानी उपलब्ध हुआ.

निर्माण पश्चात अब तक जवाई बांध मात्र 8 बार ही पूर्ण रूप से भरा है और वर्ष 1973 से 2020 के बीच 8 बार के गेट खोलकर अतिरिक्त पानी नदी में छोड़ा गया है. वर्ष 2017 में हुई अतिवृष्टि के दौरान दिनांक 28 जुलाई 2017 को जवाई बांध से 11 गेट खोलकर अधिकतम 79200 क्यूसेक्स पानी की निकासी की गई, एवं जवाई नदी में मानसून के दौरान कुल 7119 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया, जिससे जवाई नदी के किनारे के पाली एवं जालोर जिले के गांवों में भू-जल स्तर में बढ़ोतरी हुई. जवाई बांध से वर्तमान में सिरोही जिले के शिवगंज कस्बे एवं पाली जिले के पाली शहर सहित लगभग 573 कस्बों एवं गांवों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

गत वर्ष इस प्रकार हुई थी खेतों में सिंचाई

जवाई बांध से गत वर्ष इन बांधो में कुल 5288.45 मि.घ. फुट पानी उपलब्ध था, जिसमें से 3350 मि.घ. फुट पानी सिंचाई के लिए एवं 1938.45 मि.घ. फीट पानी पेयजल के लिए आरक्षित किया गया था. मानसून के आगमन से पूर्व जवाई बांध में दिनांक 10 अगस्त को 16 फीट भराव क्षमता के साथ 1019 मि.घ.फुट पानी शेष था. किसानों की इस पानी बंटवारे की मांग पूरी होने पर किसान नेताओं ने संभाग प्रशासन, जिला प्रशासन, उपखंड प्रशासन, सुमेरपुर विधायक और विधायक का सभी किसानों ने आभार व्यक्त किया. जवाई बांध से वर्ष 2020-21 की रबी की सिंचाई एवं पेयजल के लिए जल वितरण को लेकर जवाई नहर खंड द्वारा बताया गया की पाली जिले के जवाई बांध का कुल गेज 61.25 फुट है तथा इसकी जल भराव क्षमता 7327.50 मि.घन फीट है. वर्ष 2020 की मानसून में जवाई बांध पर 753 मि.मी. वर्षा हुई है.

सुमेरपुर (पाली). इंद्रदेव की मेहरबानी के कारण जवाई बांध का गेज 55 फीट के ऊपर उठ गया है. उसी के साथ रबी की फसल को देखते हुए किसानों द्वारा सिंचाई के लिए 4 पाण की मांग की गई है. जिसको लेकर इस कोरोना महामारी को देखते हुए पहली बार संभागीय आयुक्त जोधपुर एवं जवाई जल वितरण समिति अध्यक्ष समित शर्मा द्वारा वीसी के माध्यम से पंचायत समिति सुमेरपुर में बैठक की गई, जहां पर पाली और जालोर दोनों जिलों के कलेक्टर, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित, जवाई खंड के अधिशासी अभियंता चंद्रवीर सिंह उदावत और संगम अध्यक्षों के साथ में वीसी के माध्यम से बैठक आयोजित की गई.

जवाई जल वितरण को लेकर किसानों और प्रशासन में बनी सहमती

जवाई बांध से सिंचाई के लिए पानी के बंटवारे को लेकर प्रशासन और किसान नेताओं के बीच में करीबन 3 घंटे तक कसम-कस चली, जिसमें आखिरकार 4000 एमसीएफटी पानी किसानों को 20-20 दिनों देने के लिए सहमति बनी. पानी के बंटवारे को लेकर अगर प्रशासन और किसानों के बीच में सहमति नहीं बनती तो किसान नेताओं के निर्देशन में पाली और जालौर जिले के किसान ने डटकर मांग पूरी करने के लिए हुंकार भर दी थी, लेकिन जैसे ही उच्च अधिकारियों के साथ में वीसी का दौर खत्म हुआ और किसानों की मांग पर सहमति बनी तो उसके बाद में सभी किसानों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रशासन का आभार व्यक्त किया.

इन बांधों से पहुंचा जवाई बांध में पानी

15 अगस्त को सेई बांध का गेज 3.35 मीटर हो जाने पर सेई बांध की टनल का गेट खोला गया, जो आज तक 1592 मि.घ. फुट पानी सही बांध से जवाई बांध में छोड़ा गया है. 5 सितंबर को कालीबोर बांध का गेज 19.85 मीटर हो जाने पर कालीबोर बांध से सई बांध में पानी का छोड़ा गया, जो 5 सितंबर से आज तक कुल 109 मि.घ. फुट पानी कालीबोर बांध से सेई बांध में छोड़ा गया है. वहीं जलदाय विभाग द्वारा 1 अगस्त से 7 अक्टूबर तक 476 फीट पानी लिया गया है.

यह भी पढ़ें- करौली में दबंगों द्वारा पुजारी को पेट्रोल छिड़ककर जलाने का प्रयास

महाराजा उम्मेद सिंह कृषि मंडी में एकत्रित हुए किसानों को संबोधित करते हुए जवाई नहर खंड अधिशासी अभियंता चंद्रवीर सिंह उदावत ने कहा कि आप सब की मांग के अनुसार 4000 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए देने पर सहमति बनी है, लेकिन अब संगम अध्यक्षों द्वारा निर्णय लेने के बाद नियुक्त तिथि के आधार पर सिंचाई के लिए पहली पाण दी जाएगी, जब भी कहेंगे सबको सूचित करने के बाद पहली पाण छोड़ दी जाएगी.

संभागीय आयुक्त के साथ वीसी खत्म होने के बाद सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत कृषि मंडी पहुंचकर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी किसान भाइयों के हक का पानी सिंचाई के जरिए खेत तक पहुंचाना यह मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी, लेकिन उसके साथ में पेयजल का भी ध्यान रखना अति आवश्यक है. हालांकि आपके द्वारा की गई मांग के अनुसार प्रशासन द्वारा सहमति बनी और किसानों के हक के लिए कभी भी तत्पर रहने की बात कही.

यह भी पढ़ें- धौलपुर: नाबालिग के अश्लील फोटो वायरल करने और छेड़खानी का मामला, 3 युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

जवाई बांध का शिलान्यास जोधपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा उम्मेदसिंह द्वारा दिनांक 13 मई 1946 को किया गया. परियोजना की कुल लागत 2.60 करोड़ रुपए थी. कार्य सन 1957 में पूर्ण हुआ. निर्माण के बाद सन् 1973 में प्रथम बार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई एवं बांध का गेज 60 फीट भराव क्षमता 7000 एमसीएफटी से बढ़ाकर 61.25 फीट भराव क्षमता 7327.50 एमसीएफटी किया गया. बांध में पानी की आवक बढ़ाने के लिए वर्ष 1969 से 1978 के मध्य सई अपवर्तन योजना का कार्य करवाया गया. सई बांध से 6776 मीटर लंबी सुरंग के माध्यम से जवाई बांध में पानी का अपवर्तन प्रारंभ किया गया. वर्ष 2006 से 2008 के दौरान से बांध की ऊंचाई 8.25 मीटर 1106 एमसीएफटी से बढ़ाकर 10.93 मीटर की क्षमता 1622 एमसीएफटी की गई, जिससे जवाई बांध को 516 एमसीएफटी अतिरिक्त पानी उपलब्ध हुआ.

निर्माण पश्चात अब तक जवाई बांध मात्र 8 बार ही पूर्ण रूप से भरा है और वर्ष 1973 से 2020 के बीच 8 बार के गेट खोलकर अतिरिक्त पानी नदी में छोड़ा गया है. वर्ष 2017 में हुई अतिवृष्टि के दौरान दिनांक 28 जुलाई 2017 को जवाई बांध से 11 गेट खोलकर अधिकतम 79200 क्यूसेक्स पानी की निकासी की गई, एवं जवाई नदी में मानसून के दौरान कुल 7119 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया, जिससे जवाई नदी के किनारे के पाली एवं जालोर जिले के गांवों में भू-जल स्तर में बढ़ोतरी हुई. जवाई बांध से वर्तमान में सिरोही जिले के शिवगंज कस्बे एवं पाली जिले के पाली शहर सहित लगभग 573 कस्बों एवं गांवों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

गत वर्ष इस प्रकार हुई थी खेतों में सिंचाई

जवाई बांध से गत वर्ष इन बांधो में कुल 5288.45 मि.घ. फुट पानी उपलब्ध था, जिसमें से 3350 मि.घ. फुट पानी सिंचाई के लिए एवं 1938.45 मि.घ. फीट पानी पेयजल के लिए आरक्षित किया गया था. मानसून के आगमन से पूर्व जवाई बांध में दिनांक 10 अगस्त को 16 फीट भराव क्षमता के साथ 1019 मि.घ.फुट पानी शेष था. किसानों की इस पानी बंटवारे की मांग पूरी होने पर किसान नेताओं ने संभाग प्रशासन, जिला प्रशासन, उपखंड प्रशासन, सुमेरपुर विधायक और विधायक का सभी किसानों ने आभार व्यक्त किया. जवाई बांध से वर्ष 2020-21 की रबी की सिंचाई एवं पेयजल के लिए जल वितरण को लेकर जवाई नहर खंड द्वारा बताया गया की पाली जिले के जवाई बांध का कुल गेज 61.25 फुट है तथा इसकी जल भराव क्षमता 7327.50 मि.घन फीट है. वर्ष 2020 की मानसून में जवाई बांध पर 753 मि.मी. वर्षा हुई है.

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