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यहां 'छोटे सरकार' का चेहरा सामने लाना बीजेपी और कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर, बागियों ने बिगाड़ा गणित

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Published : Nov 20, 2019, 12:22 PM IST

पाली में निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ा संघर्ष नगर परिषद के चेयरमैन के चेहरे को आगे लाना है. भाजपा ने इस चुनाव में 29 सीटों पर कब्जा किया है तो वहीं कांग्रेस 22 सीटें ही जीत पाई है. इन दोनों ही पार्टियों से बगावत कर 14 निर्दलीय प्रत्याशी इस चुनाव में जीतकर दोनों ही पार्टियों की गणित बिगाड़ चुके हैं.

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पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली में स्थितियां पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है. पाली के 65 वार्ड के परिणाम आ चुके हैं. भाजपा ने इस चुनाव में 29 सीटों पर कब्जा किया है तो वहीं कांग्रेस 22 सीटें ही जीत पाई है. इन दोनों ही पार्टियों से बगावत कर 14 निर्दलीय प्रत्याशी इस चुनाव में जीतकर दोनों ही पार्टियों की गणित बिगाड़ चुके हैं.

चेयरमैन का चेहरा सामने लाना भाजपा और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी चुनौती

बता दें कि चुनाव के परिणाम आने के बाद में दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ा संघर्ष नगर परिषद के चेयरमैन के चेहरे को आगे लाना है. इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन के रूप में ओबीसी महिला सीट आरक्षित हुई है. ऐसे में दोनों ही पार्टी के सामने कई ऐसे चेहरे है, जिनके चलते दोनों ही पार्टियों के अंदर कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद खड़े हो चुके है.

पढ़ेंः पाली: निर्दलीय प्रत्याशियों के भरोसे बोर्ड बनाने का दावा कर रही भाजपा और कांग्रेस

एक चेहरे को चेयरमैन बनाने की कोशिश में जुटे

ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही किसी एक चेहरे को पाली शहरी सरकार का मुखिया बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को एक जाजम पर लाकर उन्हें पार्टी की मझधार में शामिल करने की कोशिश कर रही है. इस कोशिश में भाजपा ने पहले ही सभी जीते प्रत्याशियों की बड़ाबंदी कर दी है. वहीं कांग्रेस अभी दो खेमों में अलग-अलग चेहरे का समर्थन कर रही है. ऐसे में लगातार कांग्रेस के पदाधिकारी सभी कार्यकर्ताओं में समझाइस एक चेहरे को नगर परिषद के चेयरमैन का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे है.

भाजपा के पास चेयरमैन के रूप में तीन चेहरे

अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा के पास इस बार नगर परिषद चेयरमैन के रूप में तीन चेहरे उतर कर सामने आए है. इसमें पहला चेहरा वार्ड नंबर 5 से जीती सुखिया कंवर का है. सुखिया कंवर वर्तमान उपसभापति मूल सिंह भाटी की पत्नी है और मूल सिंह भाटी के राजनीति सक्रियता को देखते हुए इन्हें भाजपा का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है.

पढ़ेंः सुमेरपुर नगर पालिका में 18 सीटों के साथ भाजपा का बोलबाला, कांग्रेस 9 पर सिमटी

वहीं भाजपा के दूसरे चेहरे के रूप में वार्ड नंबर 32 से जीती रेखा भाटी है. रेखा भाटी भाजपा के पूर्व उपसभापति राकेश भाटी की पत्नी है और राकेश भाटी के भी भाजपा में सक्रियता को देखते हुए इन्हें भी चेयरमैन का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है. वहीं तीसरे चेहरे के रूप में इस बार 42 नंबर वार्ड से जीती उषा चौधरी है. उषा चौधरी वर्तमान पार्षद सुरेश चौधरी की पत्नी है और इनकी भी सक्रियता के चलते उषा चौधरी को चेयरमैन का चेहरा माना जा रहा है.

हालांकि भाजपा के पदाधिकारियों ने इस बार जीते सभी प्रत्याशियों से लॉटरी निकलवा कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाने की सहमति जताई है. ऐसे में भाजपा ने सभी जीते हुए प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शिकारपुरा आश्रम में कर रखी है और वहीं पर भाजपा चेयरमैन पद पर एक चेहरा सामने लेकर आएगी.

कांग्रेस के पास चेयरमैन के रूप में दो चेहरे

अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के पास में इस बार चेयरमैन के रूप में दो ही चेहरे सामने आ रहे. जिसमें प्रमुखता से इस बार 34 नंबर वार्ड से जीती नेतल मेवाड़ा है. नेतल मेवाड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड़ के भतीजे की पत्नी है और इस बार ओबीसी महिला सीट आरक्षित होने के चलते इन्हें चुनाव लड़ा गया है. वहीं कांग्रेस के पास में दूसरा बड़ा चेहरा 63 नंबर वार्ड से जीती राधा राव का है. राधा राव वर्तमान नगर परिषद नेता प्रतिपक्ष भंवर राव की पत्नी है और तीसरी बार पार्षद का चुनाव जीती है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: पाली में बागियों ने बिगाड़ी गणित, बीजेपी को नहीं मिला पूर्ण बहुमत और कांग्रेस 22 पर अटकी

ऐसे में दोनों ही काग्रेस के पास प्रबल चेहरे है और इन दोनों ही चेहरों को चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस के पदाधिकारी दो खेमों में बैठे हुए हैं. इसके चलते कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी सोमवार शाम को ही पाली पहुंच गए थे. साथ ही पार्टी के जीते हुए प्रत्याशी और अन्य पदाधिकारी सहित नाराज होकर बागी चुनाव लड़ने वाले जीते कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी एक जाजम में शामिल कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाकर आगे लाने के लिए कोशिश की जा रही है.

पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली में स्थितियां पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है. पाली के 65 वार्ड के परिणाम आ चुके हैं. भाजपा ने इस चुनाव में 29 सीटों पर कब्जा किया है तो वहीं कांग्रेस 22 सीटें ही जीत पाई है. इन दोनों ही पार्टियों से बगावत कर 14 निर्दलीय प्रत्याशी इस चुनाव में जीतकर दोनों ही पार्टियों की गणित बिगाड़ चुके हैं.

चेयरमैन का चेहरा सामने लाना भाजपा और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी चुनौती

बता दें कि चुनाव के परिणाम आने के बाद में दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ा संघर्ष नगर परिषद के चेयरमैन के चेहरे को आगे लाना है. इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन के रूप में ओबीसी महिला सीट आरक्षित हुई है. ऐसे में दोनों ही पार्टी के सामने कई ऐसे चेहरे है, जिनके चलते दोनों ही पार्टियों के अंदर कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद खड़े हो चुके है.

पढ़ेंः पाली: निर्दलीय प्रत्याशियों के भरोसे बोर्ड बनाने का दावा कर रही भाजपा और कांग्रेस

एक चेहरे को चेयरमैन बनाने की कोशिश में जुटे

ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही किसी एक चेहरे को पाली शहरी सरकार का मुखिया बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को एक जाजम पर लाकर उन्हें पार्टी की मझधार में शामिल करने की कोशिश कर रही है. इस कोशिश में भाजपा ने पहले ही सभी जीते प्रत्याशियों की बड़ाबंदी कर दी है. वहीं कांग्रेस अभी दो खेमों में अलग-अलग चेहरे का समर्थन कर रही है. ऐसे में लगातार कांग्रेस के पदाधिकारी सभी कार्यकर्ताओं में समझाइस एक चेहरे को नगर परिषद के चेयरमैन का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे है.

भाजपा के पास चेयरमैन के रूप में तीन चेहरे

अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा के पास इस बार नगर परिषद चेयरमैन के रूप में तीन चेहरे उतर कर सामने आए है. इसमें पहला चेहरा वार्ड नंबर 5 से जीती सुखिया कंवर का है. सुखिया कंवर वर्तमान उपसभापति मूल सिंह भाटी की पत्नी है और मूल सिंह भाटी के राजनीति सक्रियता को देखते हुए इन्हें भाजपा का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है.

पढ़ेंः सुमेरपुर नगर पालिका में 18 सीटों के साथ भाजपा का बोलबाला, कांग्रेस 9 पर सिमटी

वहीं भाजपा के दूसरे चेहरे के रूप में वार्ड नंबर 32 से जीती रेखा भाटी है. रेखा भाटी भाजपा के पूर्व उपसभापति राकेश भाटी की पत्नी है और राकेश भाटी के भी भाजपा में सक्रियता को देखते हुए इन्हें भी चेयरमैन का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है. वहीं तीसरे चेहरे के रूप में इस बार 42 नंबर वार्ड से जीती उषा चौधरी है. उषा चौधरी वर्तमान पार्षद सुरेश चौधरी की पत्नी है और इनकी भी सक्रियता के चलते उषा चौधरी को चेयरमैन का चेहरा माना जा रहा है.

हालांकि भाजपा के पदाधिकारियों ने इस बार जीते सभी प्रत्याशियों से लॉटरी निकलवा कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाने की सहमति जताई है. ऐसे में भाजपा ने सभी जीते हुए प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शिकारपुरा आश्रम में कर रखी है और वहीं पर भाजपा चेयरमैन पद पर एक चेहरा सामने लेकर आएगी.

कांग्रेस के पास चेयरमैन के रूप में दो चेहरे

अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के पास में इस बार चेयरमैन के रूप में दो ही चेहरे सामने आ रहे. जिसमें प्रमुखता से इस बार 34 नंबर वार्ड से जीती नेतल मेवाड़ा है. नेतल मेवाड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड़ के भतीजे की पत्नी है और इस बार ओबीसी महिला सीट आरक्षित होने के चलते इन्हें चुनाव लड़ा गया है. वहीं कांग्रेस के पास में दूसरा बड़ा चेहरा 63 नंबर वार्ड से जीती राधा राव का है. राधा राव वर्तमान नगर परिषद नेता प्रतिपक्ष भंवर राव की पत्नी है और तीसरी बार पार्षद का चुनाव जीती है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: पाली में बागियों ने बिगाड़ी गणित, बीजेपी को नहीं मिला पूर्ण बहुमत और कांग्रेस 22 पर अटकी

ऐसे में दोनों ही काग्रेस के पास प्रबल चेहरे है और इन दोनों ही चेहरों को चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस के पदाधिकारी दो खेमों में बैठे हुए हैं. इसके चलते कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी सोमवार शाम को ही पाली पहुंच गए थे. साथ ही पार्टी के जीते हुए प्रत्याशी और अन्य पदाधिकारी सहित नाराज होकर बागी चुनाव लड़ने वाले जीते कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी एक जाजम में शामिल कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाकर आगे लाने के लिए कोशिश की जा रही है.

Intro:स्पेशल स्टोरी....

पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली में स्थितियां पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है। पाली के 65 वार्ड के परिणाम आ चुके हैं। भाजपा ने इस चुनाव में 29 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं कांग्रेस 22 सीटें ही जीत पाई है। इन दोनों ही पार्टियों से बगावत कर 14 निर्दलीय प्रत्याशी इस चुनाव में जीतकर दोनों ही पार्टियों की गणित बिगाड़ चुके हैं। चुनाव के परिणाम आने के बाद में दोनों ही पार्टियों के सामने सबसे बड़ा संघर्ष नगर परिषद के चेयरमैन के चेहरे को आगे लाना है। इस बार पाली नगर परिषद चेयरमैन के रूप में ओबीसी महिला सीट आरक्षित हुई है। ऐसे में दोनों ही पार्टी के सामने कहीं ऐसे चेहरे हैं। जिनके चलते दोनों ही पार्टियों के अंदर कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद खड़े हो चुके हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही किसी एक चेहरे को पाली शहरी सरकार का मुखिया बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को एक जाजम पर लाकर उन्हें पार्टी की मझधार में शामिल करने की कोशिश कर रही है। इस कोशिश में भाजपा ने पहले ही सभी जीते प्रत्याशियों की बड़ाबंदी कर दी है। वहीं कांग्रेस अभी दो खेमों में अलग-अलग चेहरे का समर्थन कर रही है। ऐसे में लगातार कांग्रेस के पदाधिकारी सभी कार्यकर्ताओं में समझाइस एक चेहरे को नगर परिषद के चेयरमैन का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे हैं।।


Body:अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा के पास इस बार नगर परिषद चेयरमैन के रूप में तीन चेहरे उतर कर सामने आए। इसमें पहला चेहरा वार्ड नंबर 5 से जीती सुखिया कंवर है। सुखिया कंवर वर्तमान उपसभापति मूल सिंह भाटी की पत्नी है और मूल सिंह भाटी के राजनीति सक्रियता को देखते हुए इन्हें भाजपा का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है। वहीं भाजपा के दूसरे चेहरे के रूप में वार्ड नंबर 32 से जीती रेखा भाटी है। रेखा भाटी भाजपा के पूर्व उपसभापति राकेश भाटी की पत्नी है। और राकेश भाटी के भी भाजपा में सक्रियता को देखते हुए इन्हें भी चेयरमैन का प्रमुखता से चेहरा बनाया गया है। वहीं तीसरे चेहरे के रूप में इस बार 42 नंबर वार्ड से जीती उषा चौधरी है। उषा चौधरी वर्तमान पार्षद सुरेश चौधरी की पत्नी है और इनकी भी सक्रियता के चलते उषा चौधरी को चेयरमैन का चेहरा माना जा रहा है। हालांकि भाजपा ने के पदाधिकारियों ने इस बार जीते सभी प्रत्याशियों से लॉटरी निकलवा कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाने की सहमति जताई है। ऐसे में भाजपा ने सभी जीते हुए प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी शिकारपुरा आश्रम में कर रखी है। और वहीं पर भाजपा चेयरमैन पद पर एक चेहरा सामने लेकर आएगी। अगर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के पास में इस बार चेयरमैन के रूप में दो ही चेहरे सामने आ रहे। जिसमें प्रमुखता से इस बार 34 नंबर वार्ड से जीती नेतल मेवाड़ा है। नेतल मेवाड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड़ के भतीजे की पत्नी है। और इस बार ओबीसी महिला सीट आरक्षित होने के चलते इन्हें चुनाव लड़ा गया है। वहीं कांग्रेस के पास में दूसरा बड़ा चेहरा 63 नंबर वार्ड से जीती राधा राव का है। राधा राव वर्तमान नगर परिषद नेता प्रतिपक्ष भंवर राव की पत्नी है और तीसरी बार पार्षद का चुनाव जीती है। ऐसे में दोनों ही काग्रेस के पास प्रबल चेहरे हैं। और इन दोनों ही चेहरों को चेयरमैन का चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस के पदाधिकारी दो खेमों में बैठे हुए हैं। इसके चलते कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी सोमवार शाम को ही पाली पहुंच गए थे। और पार्टी के जीते हुए प्रत्याशी व अन्य पदाधिकारी सहित नाराज होकर बागी चुनाव लड़ने वाले जीते कांग्रेस के प्रत्याशियों को भी एक जाजम में शामिल कर किसी एक चेहरे को नगर परिषद का चेहरा बनाकर आगे लाने के लिए कोशिश की जा रही है।


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