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पाली: 500 साल में पहली बार नहीं भर रहा है 'मिनी रूणेचा' के नाम से विख्यात बाबा रामदेव का मेला

पाली में स्थित बाबा रामदेव का मिनी रूणेचा के नाम से विख्यात लोक देवता बाबा रामदेव का मेला इस बार नहीं भर रहा है. ऐसा 500 सालों में पहली बार हो रहा है. रामदेवरा के बाद बाबा रामदेव का ये सबसे बड़ा मंदिर है. जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं.

baba ramdev's fair will not be filled,  baba ramdev
500 साल में पहली बार नहीं भर रहा है मिनी रूणेचा के नाम से विख्यात बाबा रामदेव का मेला
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Published : Aug 29, 2020, 5:25 PM IST

जैतारण (पाली). रामदेवरा के बाद बाबा रामदेव का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर पाली जिले के रायपुर उपखंड के बिराटिया खुर्द में स्थित है. बताया जाता है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है. यहां हर साल भव्य मेला भरता है, लेकिन पहली बार 500 सालों में यहां मेला नहीं भर रहा है. यहां भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला शुरू होता है जो तेरस तक चलता है.

हर साल मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार मिनी रूणेचा के नाम से विख्यात लोक देवता बाबा रामदेव के मंदिर में केवल 5 लोगों को ही अनुमति मिली है. इन्हीं 5 लोगों ने बाबा रामदेव मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई. सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार धार्मिक कार्यक्रमों के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा रखी है.

पढ़ें: SPECIAL: आपने कहीं नहीं देखी होगी ऐसी गौशाला, जहां गायों के लिए लगे हुए हैं AC और Shower

पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में मेघवाल समाज के पांच सदस्यों ने बाबा के दरबार में पहुंचे शिखर पर ध्वजा चढ़ाई. मंदिर पुजारी रामदास महाराज ने मंदिर में आरती कर भोग लगाया. मेले में दुकान लगाने वाले कुछ दुकानदार यहां पहुंच गए थे. उन्हें मेले के स्थगित होने की कोई जानकारी नहीं थी. जिसके बाद पुलिस ने उनको वापस भेज दिया. इस दौरान पुलिस जाप्ता मंदिर प्रशासन के बाहर तैनात रहा कि कहीं लोगों की भीड़ ना लग जाए.

देशभर में रोजाना 75 हजार के करीब कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. अकेले राजस्थान में भी 1300 मरीज सामने आ रहे हैं. जिसको देखते हुए निकट भविष्य में धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर लगी रोक हटती नजर नहीं आ रही है.

जैतारण (पाली). रामदेवरा के बाद बाबा रामदेव का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर पाली जिले के रायपुर उपखंड के बिराटिया खुर्द में स्थित है. बताया जाता है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है. यहां हर साल भव्य मेला भरता है, लेकिन पहली बार 500 सालों में यहां मेला नहीं भर रहा है. यहां भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला शुरू होता है जो तेरस तक चलता है.

हर साल मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार मिनी रूणेचा के नाम से विख्यात लोक देवता बाबा रामदेव के मंदिर में केवल 5 लोगों को ही अनुमति मिली है. इन्हीं 5 लोगों ने बाबा रामदेव मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई. सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार धार्मिक कार्यक्रमों के सार्वजनिक आयोजन पर रोक लगा रखी है.

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पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में मेघवाल समाज के पांच सदस्यों ने बाबा के दरबार में पहुंचे शिखर पर ध्वजा चढ़ाई. मंदिर पुजारी रामदास महाराज ने मंदिर में आरती कर भोग लगाया. मेले में दुकान लगाने वाले कुछ दुकानदार यहां पहुंच गए थे. उन्हें मेले के स्थगित होने की कोई जानकारी नहीं थी. जिसके बाद पुलिस ने उनको वापस भेज दिया. इस दौरान पुलिस जाप्ता मंदिर प्रशासन के बाहर तैनात रहा कि कहीं लोगों की भीड़ ना लग जाए.

देशभर में रोजाना 75 हजार के करीब कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं. अकेले राजस्थान में भी 1300 मरीज सामने आ रहे हैं. जिसको देखते हुए निकट भविष्य में धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर लगी रोक हटती नजर नहीं आ रही है.

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