पाली (बाली). जितेंद्र पाल मेघवाल की 15 मार्च को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. पुलिस के अनुसार आपसी रंजिश के चलते जितेंद्र की हत्या की गई. जितेंद्र चिकित्सा विभाग में कोविड सहायक के पद पर कार्यरत था. वह ड्यूटी के बाद घर लौट रहा था, इसी बीच हमलावरों ने पीछे से वार किया. जिसमें वह घायल होकर गिर गया. उसके नीचे गिरने के बाद भी हमलावरों ने चाकू से कई जगहों पर वार किया. चाकू से कई वार होने के चलते जितेंद्र बुरी तरह घायल हो गया. सूचना पर आई पुलिस ने जितेंद्र को अस्पताल में भर्ती करवाया. हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका.
इस संबंध में राज्य सरकार आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा और जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवार से संपर्क किया गया था. मंत्री गोविंदराम मेघवाल एवं अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष बैरवा से पीड़ित परिवार को विशेष आर्थिक सहायता (Approval of Five Lakh Rupees from Chief Minister Relief Fund) प्रदान करवाए जाने के लिए मांग की गई थी.
जिसके बाद पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री के स्तर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की विशेष आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृति जारी की गई. मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत स्वीकृत 5 लाख रुपये की राशि का चैक (Compensation Amount Given to Jitendra Pal Meghwal) जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा जारी करवाया और उपखण्ड अधिकारी बाली धाइगुडे स्नेहिल नाना ने पीड़ित परिवार से सम्पर्क कर सहायता राशि का चैक मृतक के पिता देवाराम को सौंपा.
सूरत से आए थे आरोपी: पुलिस ने इस मामले में हत्या करने वाले आरोपी सूरज सिंह और रमेश सिंह को बालोतरा से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों सूरत से मोटरसाइकिल पर उसकी हत्या करने के लिए आए थे. इस घटना के बाद से पुलिस और प्रशासन लगातार इलाके में सौहार्द बनाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर अभी तक द्वेषपूर्ण पोस्ट लगातार आ रही हैं, जिसके चलते अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है. बारवा गांव में पुलिस ने चौकी भी खोल दी है. हत्या की वजह आपसी रंजिश बताई गई है.
2020 में हुई थी तनातनी: मृतक के भाई ओमप्रकाश ने बताया कि पूर्व में जितेन्द्र ने थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें बताया कि 23 जून, 2020 को वह घर के बाहर बैठा था. वहां से गुजरते हुए सूरज सिंह से उसकी नजरें मिल गईं. सूरज ने उसे नजर नीची करने को कहा. जितेंद्र ने मना किया, तो आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया. इसके बाद राजीनामा का दबाव बनाता रहा. बाली एसएचओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों के बीच पहले से रंजिश थी. मरने से पहले भी जितेंद्र ने सूरज सिंह और उसके साथी का नाम बताया था.