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नागौर कलेक्ट्रेट पहुंचे कोडिया गांव के लोग, कलेक्टर के सामने दी चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी

नागौर में रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को सथाना कलां से कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद से उठा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. कोडिया के ग्रामीण गुरुवार को नागौर पहुंचे और कलेक्टर के सामने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत उनके गांव को सथाना कलां से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है.

Panchayat Election Boycott, नागौर न्यूज
ग्रामीणों ने कलेक्टर के सामने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
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Published : Jan 16, 2020, 9:31 PM IST

नागौर. जिलेभर में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर हुए विवाद अब ठंडे पड़ चुके हैं. लेकिन रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को कोडिया के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नागौर पहुंचा और कलेक्टर से मिलकर चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी.

ग्रामीणों ने कलेक्टर के सामने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत कोडिया गांव को सथाना कलां ग्राम पंचायत से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है. जबकि वे सथाना ग्राम पंचायत में ही रहना चाहते हैं. साथ ही यह भी कहना है कि कोड ग्राम पंचायत की आबादी पहले ही ज्यादा थी. लेकिन उनके गांव कोडिया को जबरन कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद से ही कोडिया के तालाब, चारागाह और श्मशान आदि सथाना कलां ग्राम पंचायत में ही दर्ज हैं. अब वहां के लोगों की इच्छा के विपरीत उनके गांव को कोड में शामिल किया गया है. उन्होंने मांग की है कि कोडिया गांव को फिर से सथाना ग्राम पंचायत में ही शामिल किया जाए. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

पढ़ें- नागौरः मतदाता शुक्रवार को चुनेंगे अपनी सरकार, कामगारों को मिलेगा सवैतनिक अवकाश

बता दें कि कोडिया के ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर पिछले कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले उन्होंने अपने गांव में बैठक कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था. इस संबंध में 13 जनवरी को रियांबड़ी उपखंड कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष विरोध जताया था.

ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दोहराई है. इस संबंध में कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जो भी आपत्तियां थी. उनकी सुनवाई हो चुकी है. अब इस संबंध में किसी भी आपत्ति पर सुनवाई नहीं की जा सकती है.

नागौर. जिलेभर में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर हुए विवाद अब ठंडे पड़ चुके हैं. लेकिन रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को कोडिया के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नागौर पहुंचा और कलेक्टर से मिलकर चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी.

ग्रामीणों ने कलेक्टर के सामने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत कोडिया गांव को सथाना कलां ग्राम पंचायत से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है. जबकि वे सथाना ग्राम पंचायत में ही रहना चाहते हैं. साथ ही यह भी कहना है कि कोड ग्राम पंचायत की आबादी पहले ही ज्यादा थी. लेकिन उनके गांव कोडिया को जबरन कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद से ही कोडिया के तालाब, चारागाह और श्मशान आदि सथाना कलां ग्राम पंचायत में ही दर्ज हैं. अब वहां के लोगों की इच्छा के विपरीत उनके गांव को कोड में शामिल किया गया है. उन्होंने मांग की है कि कोडिया गांव को फिर से सथाना ग्राम पंचायत में ही शामिल किया जाए. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

पढ़ें- नागौरः मतदाता शुक्रवार को चुनेंगे अपनी सरकार, कामगारों को मिलेगा सवैतनिक अवकाश

बता दें कि कोडिया के ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर पिछले कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले उन्होंने अपने गांव में बैठक कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था. इस संबंध में 13 जनवरी को रियांबड़ी उपखंड कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष विरोध जताया था.

ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दोहराई है. इस संबंध में कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जो भी आपत्तियां थी. उनकी सुनवाई हो चुकी है. अब इस संबंध में किसी भी आपत्ति पर सुनवाई नहीं की जा सकती है.

Intro:नागौर में रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को सथाना कलां से कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद से उठा विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोडिया के ग्रामीण आज नागौर पहुंचे और कलेक्टर के सामने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत उनके गांव को सथाना कलां से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है।


Body:नागौर. जिलेभर में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर हुए विवाद अब ठंडे पड़ चुके हैं। लेकिन रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। आज कोडिया के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नागौर पहुंचा और कलेक्टर से मिलकर चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत कोडिया गांव को सथाना कलां ग्राम पंचायत से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है। जबकि वे सथाना ग्राम पंचायत में ही रहना चाहते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कोड ग्राम पंचायत की आबादी पहले ही ज्यादा थी। लेकिन उनके गांव कोडिया को जबरन कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद से ही कोडिया के तालाब, चारागाह और श्मशान आदि सथाना कलां ग्राम पंचायत में ही दर्ज हैं। अब वहां के लोगों की इच्छा के विपरीत उनके गांव को कोड में शामिल किया गया है। उन्होंने मांग की है कि कोडिया गांव को फिर से सथाना ग्राम पंचायत में ही शामिल किया जाए। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।


Conclusion:आपको बता दें कि कोडिया के ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर पिछले कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले उन्होंने अपने गांव में बैठक कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था। इस संबंध में 13 जनवरी को रियांबड़ी उपखंड कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष विरोध जताया था। आज ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दोहराई है। इस संबंध में कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जो भी आपत्तियां थी। उनकी सुनवाई हो चुकी है। अब इस संबंध में किसी भी आपत्ति पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।
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बाईट 01- गोपाल सिंह, निवासी कोडिया।
बाईट 02- लालाराम बावरी, निवासी कोडिया।
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