नागौर. जिलेभर में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर हुए विवाद अब ठंडे पड़ चुके हैं. लेकिन रियांबड़ी पंचायत समिति के कोडिया गांव को कोड ग्राम पंचायत में शामिल करने के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को कोडिया के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नागौर पहुंचा और कलेक्टर से मिलकर चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी.
उनका कहना है कि राजनीतिक साजिश के तहत कोडिया गांव को सथाना कलां ग्राम पंचायत से हटाकर कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है. जबकि वे सथाना ग्राम पंचायत में ही रहना चाहते हैं. साथ ही यह भी कहना है कि कोड ग्राम पंचायत की आबादी पहले ही ज्यादा थी. लेकिन उनके गांव कोडिया को जबरन कोड ग्राम पंचायत में शामिल किया गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद से ही कोडिया के तालाब, चारागाह और श्मशान आदि सथाना कलां ग्राम पंचायत में ही दर्ज हैं. अब वहां के लोगों की इच्छा के विपरीत उनके गांव को कोड में शामिल किया गया है. उन्होंने मांग की है कि कोडिया गांव को फिर से सथाना ग्राम पंचायत में ही शामिल किया जाए. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
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बता दें कि कोडिया के ग्रामीण अपनी इस मांग को लेकर पिछले कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले उन्होंने अपने गांव में बैठक कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था. इस संबंध में 13 जनवरी को रियांबड़ी उपखंड कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने तहसीलदार के समक्ष विरोध जताया था.
ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिला और चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दोहराई है. इस संबंध में कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जो भी आपत्तियां थी. उनकी सुनवाई हो चुकी है. अब इस संबंध में किसी भी आपत्ति पर सुनवाई नहीं की जा सकती है.