नागौर. जिले में गुरुवार को नागौर और जायल के कई गांवों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई. जिससे सड़कें बर्फ की चादर से ढ़ंक गई. सड़कों पर बर्फ की चादर ने जिले में कश्मीर जैसा नजारे का एहसास दिला दिया.
मौसम में अचानक बदलाव से नागौर और जायल के कई गांवों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हुई है. जिले के रोटू, दुगोली, रोहिणी, श्यामसर, डीडवाना, तंवरा, गंठिलासर, सथेरण, सहित कई गांवों में मौसम में अचानक बदलाव के साथी तेज बारिश शुरू हुई. जिसके कुछ ही देर में भारी बर्फबारी शुरू हो गई. सथेरण, गंठिलासर, तंवरा में पत्थर के आकार के ओले गिरे. वहीं एक घंटे चली ओलावृष्टि से खेतों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई. इस मौसम में नागौर जिले में ऐसी ओलावृष्टि कई साल में ऐसी बर्फबारी नहीं देखी गई. मौसम के बदले मिजाज से स्थानीय लोगों को रेगिस्तान में ही कश्मीर की बर्फबारी और ठंड का अहसास हो गया.
ओलावृष्टि इतनी कई क्षेत्रों में तेज हुई है कि सड़कें ओलावृष्टि की वजह से अट गई है. वहीं ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही पशु-पक्षियों को भी ओलावृष्टि की वजह से नुकसान हुआ है. जिले के कई क्षेत्रों में अभी रिमझिम बारिश का दौर जारी है.
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गुरुवार को सुबह से ही जिलेभर में बादल छाए हुए थे और ओलावृष्टि भी हो गई. ओलावृष्टि के कारण रबी की फसलों में नुकसान की आशंका जताई जा रही है. वहीं हल्की बारिश रबी की फसलों के लिए लाभकारी बताई जा रही है. गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण के चलते इस बार सर्द ऋतु में 20 दिन बाद कोहरे का असर देखने को मिला है.
मौसम विभाग के अनुसार अब अगले पंद्रह दिन में सर्दी का असर और तेज हो जाएगा. दिसंबर के अंतिम और जनवरी के पहले सप्ताह में राज्य में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है.