नागौर. सांभर झील में बड़ी संख्या में प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत की घटना से एक तरफ जहां वन विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है. वहीं पर्यावरण प्रेमियों ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है.
जानकारी के अनुसार, पिछले 6-7 दिन से सांभर झील में कोच्या की ढाणी के आसपास के इलाके में लगातार पक्षियों की मौत होती रही. लेकिन, स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय ग्रामीणों को जब इस घटनाक्रम का पता लगा तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
सूचना मिलने पर सांभर तहसीलदार हरि सिंह राव और दूदू एसीएफ संजय कौशिक मौके पर पहुंचे और हालात की जानकारी ली. मौके पर झील के किनारे करीब 3-4 किमी के इलाके में पक्षियों के शव और पंख बिखरे पड़े मिले. प्रारंभिक तौर पर वन विभाग के एसीएफ कौशिक ने शिकार जैसी किसी घटना से इनकार किया है. उनका कहना है कि पानी में किसी गड़बड़ी या बीमारी की वजह से इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई है.
इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत के मामले में करीब एक सप्ताह तक स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगना इनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है. बहरहाल, यह भी साफ नहीं हो पाया है कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का क्या कारण है. इसका पता लगाने के लिए पक्षियों के शव भोपाल और लुधियाना स्थित प्रयोगशाला में भेजे जा रहे हैं.