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खरीफ ऋण के पंजीयन में नागौर अव्वल, जिले के किसानों को मिलेंगे 400 करोड़ रुपए - hanuman beniwal mp nagaur

खरीफ ऋण योजना में ऑनलाइन पंजीयन के मामले में नागौर प्रदेश में पहले स्थान पर है. राज्य में अब तक 1,04,838 किसानों ने खरीफ ऋण के लिए पंजीयन करवाया है. इनमें सबसे ज्यादा 23,485 किसान नागौर के हैं.

खरीफ ऋण के पंजीयन में नागौर अव्वल
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Published : Jun 22, 2019, 4:35 PM IST

नागौर. खरीफ की फसल के लिए अल्पकालीन ऋण देने के लिए इस साल से सरकार ने किसानों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की है. ऑनलाइन पंजीयन करवाने के मामले में नागौर के किसान प्रदेश में पहले स्थान पर हैं.

जानकारी के मुताबिक खरीफ ऋण के लिए प्रदेशभर के 1,04,838 किसानों ने अब तक ऑनलाइन आवेदन किया है. इनमें 23,485 किसानों के साथ नागौर पहले स्थान पर है. किसानों के पंजीयन के लिहाज से सवाई माधोपुर दूसरे और जयपुर तीसरे पायदान पर है.

खरीफ ऋण के पंजीयन में नागौर अव्वल

खरीफ फसल के लिए अल्पकालिक ऋण देने के लिए 3 जून से पंजीयन प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें आधार वेरिफिकेशन के बाद किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है. इस योजना के तहत किसानों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है. नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संयुक्त सचिव पीपी सिंह का कहना है कि खरीफ ऋण योजना के तहत नागौर में किसानों को 400 करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें किसानों को अधिकतम 1.50 लाख रुपए का ऋण दिया जा सकता है.

हालांकि, बजट की उपलब्धता और पंजीयन करने वाले किसानों की संख्या को देखते हुए इस राशि को कम किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस योजना में इस साल जिले के करीब सवा लाख किसानों को फायदा मिलेगा. साथ ही पीपी सिंह का कहना है कि पहले रैगुलर किसानों को ऋण दिया जाएगा. उसके बाद पहली बार सहकार समितियों से जुड़ने वाले किसानों को ऋण मिलेगा.

नागौर. खरीफ की फसल के लिए अल्पकालीन ऋण देने के लिए इस साल से सरकार ने किसानों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की है. ऑनलाइन पंजीयन करवाने के मामले में नागौर के किसान प्रदेश में पहले स्थान पर हैं.

जानकारी के मुताबिक खरीफ ऋण के लिए प्रदेशभर के 1,04,838 किसानों ने अब तक ऑनलाइन आवेदन किया है. इनमें 23,485 किसानों के साथ नागौर पहले स्थान पर है. किसानों के पंजीयन के लिहाज से सवाई माधोपुर दूसरे और जयपुर तीसरे पायदान पर है.

खरीफ ऋण के पंजीयन में नागौर अव्वल

खरीफ फसल के लिए अल्पकालिक ऋण देने के लिए 3 जून से पंजीयन प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें आधार वेरिफिकेशन के बाद किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है. इस योजना के तहत किसानों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है. नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संयुक्त सचिव पीपी सिंह का कहना है कि खरीफ ऋण योजना के तहत नागौर में किसानों को 400 करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें किसानों को अधिकतम 1.50 लाख रुपए का ऋण दिया जा सकता है.

हालांकि, बजट की उपलब्धता और पंजीयन करने वाले किसानों की संख्या को देखते हुए इस राशि को कम किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस योजना में इस साल जिले के करीब सवा लाख किसानों को फायदा मिलेगा. साथ ही पीपी सिंह का कहना है कि पहले रैगुलर किसानों को ऋण दिया जाएगा. उसके बाद पहली बार सहकार समितियों से जुड़ने वाले किसानों को ऋण मिलेगा.

Intro:खरीफ ऋण योजना में ऑनलाइन पंजीयन के मामले में नागौर प्रदेश में पहले स्थान पर है। राज्य में अब तक 1,04,838 किसानों ने खरीफ ऋण के लिए पंजीयन करवाया है। इनमें सबसे ज्यादा 23,485 किसान नागौर के हैं।


Body:नागौर. खरीफ की फसल के लिए अल्पकालीन ऋण देने के लिए इस साल से सरकार ने किसानों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की है। ऑनलाइन पंजीयन करवाने के मामले में नागौर के किसान प्रदेश में पहले स्थान पर हैं। जानकारी के मुताबिक खरीफ ऋण के लिए प्रदेशभर के 1,04,838 किसानों ने अब तक ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें 23,485 किसानों के साथ नागौर अव्वल है। किसानों के पंजीयन के लिहाज से सवाई माधोपुर दूसरे और जयपुर तीसरे पायदान पर है।
खरीफ फसल के लिए अल्पकालिक ऋण देने के लिए 3 जून से पंजीयन प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें आधार वेरिफिकेशन के बाद किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है। इस योजना के तहत किसानों को अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है।


Conclusion:नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संयुक्त सचिव पीपी सिंह का कहना है कि खरीफ ऋण योजना के तहत नागौर में किसानों को 400 करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें किसानों को अधिकतम 1.50 लाख रुपए का ऋण दिया जा सकता है। हालांकि, बजट की उपलब्धता और पंजीयन करने वाले किसानों की संख्या को देखते हुए इस राशि को कम किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस योजना में इस साल जिले के करीब सवा लाख किसानों को फायदा मिलेगा।
पीपी सिंह का कहना है कि पहले रैगुलर किसानों को ऋण दिया जाएगा। उसके बाद पहली बार सहकार समितियों से जुड़ने वाले किसानों को ऋण मिलेगा।
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बाइट- पीपी सिंह, संयुक्त सचिव, नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक।
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