नागौर. सरकार ने बीती रात लॉकडाउन के नियमों में शिथिलता देते हुए जिले के भीतर या बाहर आवाजाही के लिए पास की अनिवार्यता को खत्म करने की घोषणा की थी. इसके बाद जिलेभर में सड़कों पर वाहनों की रेलमपेल दिखाई दी. लेकिन अब शाम को कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने साफ किया है कि कार्य विशेष यानि अनुमत श्रेणी के कामकाज में लगे लोगों के लिए ही पास की अनिवार्यता खत्म की गई है.
बाकी आमजन के लिए पास की अनिवार्यता पहले की तरह ही रहेगी और नियम तोड़ने वालों पर ज्यादा सख्ती अपनाई जाएगी. कलेक्टर यादव ने साफ किया कि केंद्र या राज्य सरकार के किसी विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों, सरकारी उपक्रम में काम करने वाले कर्मचारियों, जरूरी सेवाओं से जुड़ी इकाई या फैक्ट्री में लगे कर्मचारियों, मजदूरों और संचालकों, बीमारी की हालत में उपचार के लिए जाने वाले लोगों के लिए ही फिलहाल पास की अनिवार्यता को खत्म किया गया है. बाकि आम लोगों के लिए जिले के भीतर या जिले के बाहर यात्रा करने के लिए पास की अनिवार्यता की शर्त लागू है.
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ऐसे में यदि कोई अनावश्यक रूप से इधर-उधर आता जाता पाया जाता है तो उसके खिलाफ पहले से ज्यादा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें कि बीती देर रात राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था. जिसके अनुसार जिले में या जिले के बाहर निजी वाहन से आवाजाही करने के लिए पास की अनिवार्यता खत्म करने की घोषणा की गई थी. हालांकि प्रदेश के बाहर से आने या जाने वाले लोगों के लिए पास की अनिवार्यता पहले की तरह ही रखी गई है.