नागौर. शहर के पावर हाउस के सामने एक मैदान में नगरपरिषद की ओर से कचरा डिस्पोज करने के लिए (Children died due to drowning in Nagaur) बनाए गए गड्ढों में भरे पानी में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई. सूचना मिलते ही नागौर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और चारों बच्चों को गोताखोरों की मदद से बाहर निकालकर अस्पताल भिजवाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. नागौर पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी, एडिशन एसपी राजेश मीणा भी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया.
नागौर पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि स्टेडियम के सामने साटिया बस्ती के 4 बच्चों की मौत हो गई. इसमें 2 लड़के और 2 लड़कियां थी. चारों को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. नगरपरिषद की ओर से कचरे के डंपिंग यार्ड बनाने के लिए गड्ढे बनाए गए थे. बारिश के बाद गड्ढों में पानी भर गया था. जिसमें खेलने के दौरान डूबने से चारों की मौत हो गई. शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है.
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जानकारी के अनुसार नागौर जिला मुख्यालय के पावर हाउस के सामने बने गड्ढों में पानी भरा था. वहीं शनिवार को साटिया बस्ती के 4 बच्चें घर से बाहर खेलने का कहकर निकले थे. इसी दौरान खेलते-खेलते बच्चों का पैर उस गड्ढे में पड़ गया. दलदल होने के चलते बच्चे उसमें फंसते चले गए और उनकी मौत हो गई. राहगीर ने एक बच्चे के शव को तैरते हुए देखा तो आसपास के लोगों और पुलिस को सूचित किया. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और चारों बच्चों को बाहर निकालकर अस्पताल भिजवाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
चार परिवारों में छाया शोक: मरने वाले चार बच्चों में 6 साल का सिम्भू, 5 साल का रामु, 4 साल की लिछमा और 6 साल की आरती शामिल है. यह चारों बच्चे अलग-अलग परिवार के हैं. चारों की मौत की खबर मिलने के बाद साटिया समाज के कबीले में गहरा शोक छाया हुआ है.
बेनीवाल ने की जांच की मांग: मामले को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए नगर परिषद आयुक्त को हटाने की मांग की है. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि RLP प्रत्येक दिवगंत बच्चे के परिजनों को 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता राशि देगी. बेनीवाल ने कहा कि नागौर शहर में पावर हाउस के सामने एक मैदान में नगरपरिषद की ओर से कचरा डिस्पोज करने के लिए बनाए गए गड्ढों में भरे पानी में डूबने से चार बच्चों की मृत्यु हो जाना सीधे तौर पर नागौर नगर परिषद की जिम्मेदारी है.