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नागौर के डिस्कॉम ऑफिस परिसर में ई-मित्र केंद्र पर मिली गड़बड़ियां, लाइसेंस निरस्त

नागौर में डिस्कॉम ऑफिस के परिसर में संचालित ई-मित्र केंद्र पर भारी गड़बड़ियां मिलने के बाद अब वहां चल रही दोनों आईडी को बंद कर दिया गया है. इन दोनों का पंजीयन एक ही व्यक्ति के नाम से था. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने लोकल सर्विस प्रोवाइडर को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं.

डिस्कॉम ऑफिस परिसर में ई-मित्र केंद्र पर मिली गड़बड़ियां
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Published : Jul 2, 2019, 4:34 PM IST

नागौर. अजमेर डिस्कॉम के नागौर शहर सहायक अभियंता कार्यालय में चल रहे ई-मित्र केंद्र पर मिली भारी गड़बड़ियों के कारण अब इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं.

डिस्कॉम ऑफिस परिसर में ई-मित्र केंद्र पर मिली गड़बड़ियां

दरअसल, यहां बिल जमा कराने वाले कई उपभोक्ताओं के बिल में पुराने बिल की राशि बकाया के रूप में जुड़कर आ रही थी. जब वे उपभोक्ता ई-मित्र पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में शिकायत दी. विभाग की टीम डिस्कॉम के सहायक अभियंता कार्यालय में ई-मित्र केंद्र पर पहुंची. जहां उन्हें और भी कई गड़बड़ियां मिली.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एसीपी गणेशाराम ने बताया कि वहां न तो ई-मित्र का कोई बोर्ड लगा था और न ही रेट लिस्ट चस्पा की हुई थी. ई-मित्र सुरेंद्र सिंह के नाम से पंजीकृत है. वह भी मौके पर नहीं मिला. इसके अलावा उस ई-मित्र पर ई-मित्र पोर्टल के बजाए किसी अन्य पोर्टल के माध्यम से बिल व अन्य का भुगतान किया जा रहा था.

गणेशाराम का कहना है कि जांच में जो भी अनियमितताएं मिली थी, उनकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी गई थी. ई-मित्र केंद्रों के प्रदेश प्रभारी ने उस केंद्र पर चल रही दो आईडी को बंद कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने लोकल सर्विस प्रोवाइडर को पूरे मामले की विस्तृत जांच करने और वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं. इधर, इस पूरे मामले में डिस्कॉम की ओर से भी जांच कर रिपोर्ट अजमेर भेजी गई है.

नागौर. अजमेर डिस्कॉम के नागौर शहर सहायक अभियंता कार्यालय में चल रहे ई-मित्र केंद्र पर मिली भारी गड़बड़ियों के कारण अब इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं.

डिस्कॉम ऑफिस परिसर में ई-मित्र केंद्र पर मिली गड़बड़ियां

दरअसल, यहां बिल जमा कराने वाले कई उपभोक्ताओं के बिल में पुराने बिल की राशि बकाया के रूप में जुड़कर आ रही थी. जब वे उपभोक्ता ई-मित्र पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में शिकायत दी. विभाग की टीम डिस्कॉम के सहायक अभियंता कार्यालय में ई-मित्र केंद्र पर पहुंची. जहां उन्हें और भी कई गड़बड़ियां मिली.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एसीपी गणेशाराम ने बताया कि वहां न तो ई-मित्र का कोई बोर्ड लगा था और न ही रेट लिस्ट चस्पा की हुई थी. ई-मित्र सुरेंद्र सिंह के नाम से पंजीकृत है. वह भी मौके पर नहीं मिला. इसके अलावा उस ई-मित्र पर ई-मित्र पोर्टल के बजाए किसी अन्य पोर्टल के माध्यम से बिल व अन्य का भुगतान किया जा रहा था.

गणेशाराम का कहना है कि जांच में जो भी अनियमितताएं मिली थी, उनकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी गई थी. ई-मित्र केंद्रों के प्रदेश प्रभारी ने उस केंद्र पर चल रही दो आईडी को बंद कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने लोकल सर्विस प्रोवाइडर को पूरे मामले की विस्तृत जांच करने और वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए हैं. इधर, इस पूरे मामले में डिस्कॉम की ओर से भी जांच कर रिपोर्ट अजमेर भेजी गई है.

Intro:नागौर में डिस्कॉम ऑफिस के परिसर में संचालित ई मित्र केंद्र पर भारी गड़बड़ियां मिलने के बाद अब वहां चल रही दोनों आईडी को निरस्त कर दिया है। दोनों का पंजीयन एक ही व्यक्ति के नाम से था। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने लोकल सर्विस प्रोवाइडर को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर प्राथमिकी दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए हैं।


Body:नागौर. अजमेर डिस्कॉम के नागौर शहर सहायक अभियंता कार्यालय में चल रहे ई मित्र केंद्र पर मिली भारी गड़बड़ियों के कारण अब इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कर वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए हैं।
दरअसल, यहां बिल जमा करवाने वाले कई उपभोक्ताओं के बिल में पुराने बिल की राशि जुड़कर आ रही थी। जब वे उपभोक्ता ई मित्र पर अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में शिकायत दी। विभाग की टीम डिस्कॉम के सहायक अभियंता कार्यालय में ई मित्र केंद्र पर पहुंची तो वहां और भी कई गड़बड़ियां मिली।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एसीपी गणेशाराम ने बताया कि वहां न तो ई मित्र का कोई बोर्ड लगा था और न ही रेट लिस्ट चस्पा की हुई थी। ई मित्र सुरेंद्र सिंह के नाम से पंजीकृत है। वह भी मौके पर नहीं मिला। इसके अलावा उस ई मित्र पर ई मित्र पोर्टल के बजाए किसी अन्य पोर्टल के माध्यम से बिल व अन्य भुगतान किया जा रहा था।


Conclusion:गणेशाराम का कहना है कि जांच में जो भी अनियमितताएं मिली थी। उनकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी गई थी। ई मित्र के प्रदेश प्रभारी ने उस केंद्र पर चल रही दो ई मित्र आईडी को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लोकल सर्विस प्रोवाइडर को पूरे मामले की विस्तृत जांच करने और वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए हैं। इधर, इस पूरे मामले में डिस्कॉम की ओर से भी जांच कर रिपोर्ट अजमेर भेजी गई है।
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बाइट- गणेशाराम, एसीपी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नागौर।
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