नागौर. जिले में भीम संगठन और दलित अत्याचार कमेटी की ओर से नागौर के भीमराव अंबेडकर भवन में बैठक आयोजित की गई. जिसमें शहर भर में आक्रोश रैली निकालते हुए नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
विभिन्न दलित संगठन की ओर से नागौर जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि SC, ST एक्ट में सुप्रीम कोर्ट की ओर से किए गए बदलाव से अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करने के विरोध में भीम सेना की ओर से रविवार को नागौर शहर भर में रैली निकाली गई.
इस दौरान रैली निकालते हुए मोदी सरकार से मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर करके के बदलाव को रद्द करने की मांग की हैं. दलित नेताओं का कहना है कि हाल ही में नागौर जोधपुर में दलितों पर हुए छुआछूत, दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
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ऐसे में SC, ST एक्ट के लिए बना कानून में कोई बदलाव नहीं करें. सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि प्रमोशन में आरक्षण ना तो मौलिक अधिकार है ना ही राज्य सरकार इसे लागू करने के लिए बाध्य है. संविधान के अनुच्छेद 16 (4) (4ए) में जो प्रावधान है उसके तहत राज्य सरकार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है. वहीं, दलित संगठनों की ओर से नागौर में निकाली गई रैली में भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात रहा.