नागौर. आए दिन रास्तों को लेकर ग्रामीणों में विवाद की खबरें आती रहती हैं. कई बार तो विवाद इतना बढ़ जाता है कि लोगों को थाने-कचहरी के चक्कर काटने पड़ जाते हैं. इसी समस्या से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए कलेक्टर ने एक अभियान शुरू किया है जिसका नाम है रास्ता खोलो अभियान. इस अभियान के तहत जिले भर में विवादित रास्ते खुलवाए जाएंगे और किसानों को अपने खेत तक पहुंचने के लिए समुचित रास्ता मुहैया करवाया जाएगा.
गुरुवार से कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने 'रास्ता खोलो अभियान' की शुरुआत कर दी है. अभियान के तहत पहली कार्रवाई की गई परबतसर उपखंड के बडू गांव में. जहां कई सालों से दबंगों द्वारा रास्ता बंद कर रखा था. जिससे आमजन को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा था. रास्ते को खुलवाने के लिए डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस दल के साथ पहुंचे. जेसीबी की मदद से बंद पड़े रास्ते को ग्रामीणों से समझाइश कर खुलवाया गया.
जिला कलेक्टर के इस महत्वाकांक्षी अभियान में नागौर और डीडवाना एडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है. डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट ने बताया कि इस अभियान के तहत आम रास्तों और गोचर भूमि से अतिक्रमण हटवाया जाएगा. बंद किए जा चुके खातेदारी रास्तों और राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज रास्तों को खुलवाने की कार्रवाई की जाएगी. काश्तकारों की जोत का विभाजन करने से पहले रास्ते का प्रावधान किया जाएगा. इसके साथ ही आम रास्ते निकालने, राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने, राजकीय भूमि पर सार्वजनिक रास्ता निकालने, किसान को उसके खेत तक पहुंचने के लिए खातेदारी या राजकीय चारागाह जमीन से रास्ता देने की कवायद शुरू की जाएगी.
इस अभियान के तहत प्रत्येक उपखंड में हर शुक्रवार को कम से कम किन्हीं तीन जगहों पर रास्ता खोलो अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिसका रिकॉर्ड भी रखा जाएगा. एडीएम ने बताया कि जिले भर के विवादित रास्तों की सूचि तैयार करके जिला कलेक्टर कार्यालय को भेज दी गई है. एसडीएम ने बताया कि इस अभियान के तहत आने वाले 6 महीनों में पूरे जिले में विवादित रास्तों से संबंधित जितने भी केस होंगे वो सारे सुलझा दिए जाएंगे.