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नागौर: राजकीय चिकित्सालय का अपर जिला सेशन न्यायाधीश ने किया औचक निरीक्षण - Nagaur News

मकराना के राजकीय चिकित्सालय का बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अपर जिला सेशन न्यायाधीश रामदेव सान्दू और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र प्रताप बेनीवाल ने औचक निरीक्षण किया. व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर न्यायाधीश ने प्रभारी चिकित्सक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

Makrana Government Hospital,  मकराना राजकीय चिकित्सालय
मकराना राजकीय चिकित्सालय
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Published : Dec 18, 2019, 11:39 PM IST

मकराना (नागौर). राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बुधवार को अपर जिला सेशन न्यायाधीश रामदेव सांदू और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र प्रताप बेनीवाल मकराना के राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं में अनेक प्रकार की कमियां नजर आई. जिसमें सुधार को लेकर प्रभारी चिकित्सक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

अपर जिला सेशन न्यायाधीश ने किया औचक निरीक्षण

वहीं, मीडिया से रूबरू होते हुए अपर जिला सेशन न्यायधीश रामदेव ने बताया कि मकराना अस्पताल का अच्छा भवन बना हुआ है. लेकिन इसका फायदा आम जनता को नहीं मिल पा रहा है. साथ ही उन्होने यहां पर प्रवास नहीं होने के कारणों की जानकारी ली. रामदेव ने चिकित्सालय में डिलेवरी नहीं होने के मामले की जांच करवाए जाने की बात कही. साथ ही इस पूरे प्रकरण से उच्च न्यायालय को अवगत करवाने की जानकारी दी.

पढ़ें- चूरूः करोड़ों की ठगी का आरोपी कंपनी का सीएमडी गिरफ्तार, न्यायालय में किया गया पेश

रामदेव ने बताया कि यहां पर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसका मुख्य कारण यहां पर चिकित्सकों के साथ सभी कर्मचारियों के पद रिक्त होना है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जो संस्थागत प्रसव होने चाहिए वो भी नहीं हो पा रहे हैं. रामदेव ने बताया कि निरीक्षण की प्रगति रिपोर्ट बनाकर उच्च न्यायालय को प्रेषित की जाएगी. वहीं, व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर न्यायाधीशों ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

मकराना (नागौर). राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बुधवार को अपर जिला सेशन न्यायाधीश रामदेव सांदू और अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र प्रताप बेनीवाल मकराना के राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं में अनेक प्रकार की कमियां नजर आई. जिसमें सुधार को लेकर प्रभारी चिकित्सक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

अपर जिला सेशन न्यायाधीश ने किया औचक निरीक्षण

वहीं, मीडिया से रूबरू होते हुए अपर जिला सेशन न्यायधीश रामदेव ने बताया कि मकराना अस्पताल का अच्छा भवन बना हुआ है. लेकिन इसका फायदा आम जनता को नहीं मिल पा रहा है. साथ ही उन्होने यहां पर प्रवास नहीं होने के कारणों की जानकारी ली. रामदेव ने चिकित्सालय में डिलेवरी नहीं होने के मामले की जांच करवाए जाने की बात कही. साथ ही इस पूरे प्रकरण से उच्च न्यायालय को अवगत करवाने की जानकारी दी.

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रामदेव ने बताया कि यहां पर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसका मुख्य कारण यहां पर चिकित्सकों के साथ सभी कर्मचारियों के पद रिक्त होना है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जो संस्थागत प्रसव होने चाहिए वो भी नहीं हो पा रहे हैं. रामदेव ने बताया कि निरीक्षण की प्रगति रिपोर्ट बनाकर उच्च न्यायालय को प्रेषित की जाएगी. वहीं, व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर न्यायाधीशों ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

Intro:चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर न्यायाधीश हैरान हुए
मकराना के राजकीय चिकित्सालय का बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अपर जिला सेशन न्यायाधीश रामदेव सान्दू व अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र प्रताप बेनीवाल ने औचक निरीक्षण किया।
बाइट:- 1, रामदेवसिंह सान्दू अपर जिला सेशन न्यायाधीश मेडतासिटी
Body:निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखते हुए पाया कि मकराना के चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी है। मात्र 5 चिकित्सक ही कार्यरत हैं। जिनमें एक भी विशेषज्ञ नहीं है। इन्होने अस्पताल प्रभारी डॉ फेहमीदा रान्दड़ से विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान डॉ फेहमीदा ने बताया कि मकराना एक इंडस्ट्रियल एरिया के साथ-साथ जिले का सबसे बड़ा शहर भी है। इसके बावजूद भी पर्याप्त चिकित्सक नहीं है। इस पर एडीजे एवं सीजेेएम ने हैरानी व्यक्त की। वही अपर जिला सेशन न्यायाधीश रामदेव व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र बेनीवाल ने अस्पताल में लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, दवा कक्ष, लैब, महिला एवं पुरुष वार्डो का भी निरीक्षण किया। यहां की व्यवस्थाओं में भी न्यायाधीशों को अनेक प्रकार की कमियां नजर आई और इनमें सुधार को लेकर प्रभारी चिकित्सक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। Conclusion:वही मीडिया से रूबरू होते हुए अपर जिला सेशन न्यायधीश रामदेव ने बताया कि मकराना अस्पताल का अच्छा भवन बना हुआ है। लेकिन इसका फायदा आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही उन्होने यहां पर प्रवस नहीं होने के कारणों की जानकारी प्राप्त की। डिलेवरी नहीं होने के मामले को इन्होने गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच करवाये जाने की बात भी कही। साथ ही इस पुरे प्रकरण से उच्च न्यायालय को अवगत करवाने की जानकारी भी दी। इसके अलावा यहां पर रिक्त चल रहे पदो पर भी इन्होने चिन्ता व्यक्त की। यहां पर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पा रहा। जिसका मुख्य कारण यहां पर चिकित्सकों के साथ सभी कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। इस अस्पताल में मात्र 5 चिकित्सक कार्यरत हैं। जिनमें एक भी विशेषज्ञ नहीं है। जिसकी वजह से यहां की जनता को चिकित्सा सेवाओं का लाभ आशा के अनुकूल नहीं मिल पा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में जो संस्थागत प्रसव होने चाहिए वो भी नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 13 दिसंबर को दो प्रसव हुए थे, जो एक चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि निरीक्षण की प्रगति रिपोर्ट बनाकर माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित की जाएगी। यहां पर व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर न्यायाधीशों ने आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
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