कोटा. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और उनके परिवार पर नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज करवाया है. उन पर आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान 40, 50 लोगों ने न्यास के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की, धमकी, मारपीट, गाली गलौज और बदसलूकी करते हुए कार्रवाई में व्यवधान डाला. दूसरी तरफ, इस मामले में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल पर नगर विकास न्यास के अभियंताओं को धमकाने और गाली गलौज करने का भी आरोप लगा है. रानपुर थाना अधिकारी बलबीर सिंह ने मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है.
मामला 3 जून को देवनारायण आवास योजना की भूमि से अतिक्रमण हटाने से जुड़ा है. इस मामले में कुछ वीडियो भी नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने जारी किए हैं. जिसमें पूर्व विधायक गुंजल के परिवारजन नजर आ रहे हैं. इस दौरान न्यास का पूरे अमले के साथ भारी पुलिस जाब्ता भी मौके पर तैनात था.
इस मामले में न्यास के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान 4 दर्जन से ज्यादा लोग मौके पर पहुंच गए. साथ ही उन्होंने कार्रवाई का विरोध किया था. इस दौरान श्रीलाल गुंजल व लोकेश गुंजल ने कार्रवाई का विरोध किया साथ ही अधिकारियों के साथ हाथापाई की भी कोशिश की. दूसरी तरफ, अधिकारियों के साथ गाली गलौज कर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें अपमानित भी किया. वहीं प्रहलाद गुंजल पर आरोप है कि उन्होंने नगर विकास न्यास के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र राठौर को फोन कर धमकी और गाली गलौज की है.
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इस मामले में रानपुर थाने में पूर्व विधायक सहित 16 जनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. ये मुकदमा भी नगर विकास न्यास के कनिष्ठ अभियंता मुकेश मीणा ने दर्ज करवाया है. इसमें धारा 341, 332, 353, 504, 506, धारा 3(2)va, 3(1), 3(1), (s) मामला दर्ज किया गया है. जिनमें पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, कोटा डेयरी के पूर्व चेयरमैन श्रीलाल गुंजल, दयाल गुंजल, कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य लोकेश गुंजल, धर्मराज, जुगराज, राजपाल, राधा किशन, शैतान सिंह गुर्जर, सत्तू गुर्जर, जगदीश, श्रवण, किशन, रूपा व कल्याण गुर्जर के नाम शामिल हैं.
राजनीतिक द्वेष और दुर्भावना से दर्ज कराए हैं मुकदमे : कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य लोकेश गुंजल का कहना है कि वे मौके पर गए थे, लेकिन उन्होंने किसी के साथ दुर्व्यवहार या जातिसूचक शब्दों से किसी को अपमानित नहीं किया है. उनका कहना है कि भारी संख्या में पुलिस मौजूद थी, ऐसे में कोई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को कैसे बाधित कर सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि अधिकारियों से उनकी बहस जरूर हुई थी. उन्होंने इस पूरे मामले को झूठा बताया है. इसके अलावा पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि मैं मौके पर गया ही नहीं. अधिकारियों से फोन पर बातचीत की थी, किसी भी तरह का कोई गाली गलौज मैंने नहीं किया है. यह मुकदमा राजनीतिक द्वेष और दुर्भावना से ग्रसित है.