कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार की रंगरलियों के चर्चे पूरे कैंपस में हैं. वह अपना ज्यादातर समय कैंपस के कैफेटेरिया में गुजारते थे. जहां पर आती-जाती छात्राओं पर ही उनकी नजर रहती थी.
बीते समय में छात्र अर्पित अग्रवाल उनके साथ रहता था. इसके पहले कई अन्य स्टूडेंट्स साथ में बैठे रहते थे. जिन्हे उन्हें अपना चेला बनाया हुआ था. वे ही परमार को छात्राओं के बारे में जानकारी देते थे. दूसरी तरफ बीते 4 दिनों से पुलिस रिमांड में चल रहे परमार से पूछताछ में तथ्य सामने आए हैं कि वह अपने शौक पूरे करने के लिए थाईलैंड के बैंकॉक व पटाया, मुंबई, दिल्ली व गुड़गांव जाता (RTU suspended professor visited Bangkok) था.
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स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में पुलिस उप अधीक्षक प्रथम अमर सिंह राठौड़ का कहना है कि परमार शराब और शबाब दोनों का ही शौकीन था. इसके लिए लगातार अंतराल पर विदेश जाता रहा है. छात्र अर्पित अग्रवाल ने भी पुलिस पूछताछ में बताया है कि कोटा में कई बार कॉल गर्ल्स को बुला चुके हैं. साथ ही कहा कि एसोसिएट प्रोफेसर परमार शौक पूरे करने के लिए बैंकॉक, थाईलैंड व मुंबई भी जाते थे.
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इसके अलावा परमार के मोबाइल में कई आलीशान होटलों के फोटो मिले हैं. इसके अलावा पोर्न वीडियो भी मिले हैं. पुलिस को मिली सभी रिकॉर्डिंग, ऑडियो की स्क्रिप्ट तैयार कर ली गई है. इन रिकॉर्डिंग में जितने भी लोगों के नाम आ रहे हैं, उनकी संलिप्तता के बारे में जानकारी ले रही है. इसमें कई नाम सामने आए हैं. जिनकी सूची बना ली है. इसके अलावा कॉल डिटेल्स के आधार पर भी जांच हो रही है.
इसलिए नहीं देती थी छात्राएं शिकायत: इस मामले में यह भी सामने आया है कि आरोपी परमार छात्राओं को गंदी नजर से देखता था. साथ ही बार-बार उन्हें बैड टच भी करता था. हालांकि छात्राओं ने इस संबंध में परमार से दूर रहना ही उचित समझा था. उसके मोबाइल में कई लड़कियों के नंबर मिले हैं. गिरीश परमार के खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थीं, हालांकि इन शिकायतों पर पर्दा डालने का काम राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की जांच के लिए गठित कमेटियों ने कर दिया. इसीलिए छात्राएं शिकायत देने से भी कतराती थीं.
परमार से डरता था स्टाफ: परमार दूसरी फैकल्टी और स्टाफ की शिकायत करने में भी नंबर वन पर रहा. वह कई तरीके से इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट निकालता और अन्य फैकल्टी और स्टाफ की शिकायतें भी करता रहता. उसने कई फैकल्टी के खिलाफ कोर्ट केस भी किए हुए हैं. यह केस कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम और प्रमोशन को लेकर अन्य फैकल्टी और स्टाफ के खिलाफ थे. इसी के चलते स्टाफ से डरता था और उसके खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत करने से भी दूर रहते थे. परमार शिकायतें आने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रबंधन से जुड़े टॉप मैनेजमेंट जिनमें वाइस चांसलर, डीन फैकल्टी अफेयर्स, चीफ ऑफ एग्जामिनेशन व रजिस्ट्रार और अन्य लोग भी उससे दूरी बनाकर ही रहते थे.