कोटा. कोटा उत्तर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का टिकट अभी अटका हुआ है. कांग्रेस ने भी यहां से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. मंत्री शांति धारीवाल यहां से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अभी तक उनके टिकट की घोषणा नहीं की है. इस बीच प्रहलाद गुंजल बुधवार रात लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात करने के लिए शक्ति नगर स्थित पूर्व कैंप ऑफिस पहुंचे.
प्रहलाद गुंजल रात को करीब 10 बजे बिरला से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे. दोनों के बीच में करीब दो घंटे तक चर्चा हुई. दोनों ही बीजेपी के नेता हैं, लेकिन एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. वहीं, स्पीकर बिरला ने इसे सामान्य मुलाकात बताया है. उन्होंने कहा कि शिष्टाचार के नाते मुझसे मिलने आए थे, इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है.
पार्टी जब टिकट देगी तब करेंगे नामांकनः वहीं, प्रहलाद गुंजल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्पीकर ओम बिरला पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी जब टिकट देगी, उसके बाद नामांकन दाखिल करूंगा. गुंजल ने कहा कि स्पीकर बिरला कोटा बूंदी से सांसद हैं, उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में विधानसभा सीट कोटा उत्तर से चुनाव लड़ते हैं. ऐसे में उनसे चर्चा के लिए आए थे. गुंजल ने कहा कि मुलाकात के दौरान राजनीतिक चर्चा भी हुई है. इस दौरान 10 मिनट के लिए पूर्व विधायक और सांगोद प्रत्याशी हीरालाल नागर भी पहुंचे थे. वहीं, गुंजल के चले जाने के बाद लोकसभा स्पीकर से मिलने केशोरायपाटन की प्रत्याशी और पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल भी आई थी. चर्चा है कि स्पीकर बिरला से गुंजल अपने गले शिकवे दूर करने के लिए पहुंचे थे.
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दोनों में अदावत ऐसी कि गमी में भी नहीं गए थे शोक जतानेः स्पीकर बिरला और प्रहलाद गुंजल के बीच लंबे समय से अदावत चली आ रही है. दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. दोनों एक मंच को भी शेयर करने से कतराते रहे हैं. दोनों एक ही पार्टी में है, लेकिन दोनों के कार्यकर्ताओं की टीम अलग-अलग है. साथ ही एक दूसरे के कार्यकर्ताओं पर चुनाव में खिलाफ काम करने के आरोप भी लगते रहे हैं. इसके साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पिता के देहांत पर भी गुंजल शोक जताने नहीं पहुंचे थे, जबकि प्रहलाद गुंजल की माता का देहांत होने पर बिरला भी नहीं गए थे. हालांकि, बीते दिनों प्रहलाद गुंजल के भतीजे के देहांत के अवसर पर बिरला उनके बड़े भाई श्रीलाल गुंजल के रंगबाड़ी स्थित आवास पर शोक जताने के लिए गए थे.