ETV Bharat / state

Kota Bribery Case: दो साल पुराने रिश्वत मामले में इंस्पेक्टर और कांस्टेबल गिरफ्तार

कोटा में ACB ने एक पुलिस निरीक्षक और कॉन्स्टेबल (ACB big action in Kota) को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर परिवादी से रिश्वत मांगने का आरोप था. यह मामला दो साल पुराना है.

Kota Bribery Case
Kota Bribery Case
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 7:07 AM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण (Anti Corruption Bureau Kota) की टीम ने सोमवार को दो साल पुराने एक रिश्वत मामले में एक पुलिस इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार (ACB arrested two policemen in Kota) कर लिया. जिन्हें गिरफ्तारी के बाद एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

बताया गया कि आरोपी इंस्पेक्टर उमेश मेनारिया और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई ने परिवादी की जमीन पर कब्जा छुड़ाने की एवज में रिश्वत की मांग (ACB big action in Kota) की थी, लेकिन शक होने पर बाद में रिश्वत नहीं ली. हालांकि, इस मामले में परिवादी की शिकायत के बाद वाकया का सत्यापन किया गया था. इसी सत्यापन के आधार (Kota Bribery Case) पर एसीबी मुख्यालय ने मुकदमा दर्ज किया था.

दूसरी ओर इस मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. ऐसे में रोक के हटते ही एसीबी ने आरोपी पुलिस निरीक्षक उमेश मेनारिया को भरतपुर पुलिस लाइन और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई को बूंदी से गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इससे पहले मामले में एसीबी ने अधिवक्ता भगवान प्रसाद दाधीच को गिरफ्तार किया था.
इसे भी पढ़ें -फायरिंग और मारपीट मामले का खुलासा, पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

जानें क्या है मामला: असल में कोटा निवासी परिवादी महेंद्र ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा से रिश्वत मामले की शिकायत थी. जिसमें शहर के अंता इलाके में खरीदी गई जमीन पर कब्जा छुड़ाने के लिए रिश्वत मांगने की बात कही गई थी. यह रिश्वत अंता थाने के एसएचओ उमेश मेनारिया, एएसआई बृज बिहारी और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई ने अधिवक्ता भगवान प्रसाद दाधीच के जरिए लेने पर सहमति जताई थी.

एसीबी के सत्यापन में यह रिश्वत राशि 50 हजार तय हो गई थी. हालांकि, शक होने पर आरोपियों ने यह रिश्वत नहीं ली. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा सिटी की टीम ने रिश्वत मांग के आधार पर ही प्रकरण जयपुर मुख्यालय को भेज दिया था. जिस पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण (Anti Corruption Bureau Kota) की टीम ने सोमवार को दो साल पुराने एक रिश्वत मामले में एक पुलिस इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार (ACB arrested two policemen in Kota) कर लिया. जिन्हें गिरफ्तारी के बाद एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

बताया गया कि आरोपी इंस्पेक्टर उमेश मेनारिया और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई ने परिवादी की जमीन पर कब्जा छुड़ाने की एवज में रिश्वत की मांग (ACB big action in Kota) की थी, लेकिन शक होने पर बाद में रिश्वत नहीं ली. हालांकि, इस मामले में परिवादी की शिकायत के बाद वाकया का सत्यापन किया गया था. इसी सत्यापन के आधार (Kota Bribery Case) पर एसीबी मुख्यालय ने मुकदमा दर्ज किया था.

दूसरी ओर इस मामले में कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. ऐसे में रोक के हटते ही एसीबी ने आरोपी पुलिस निरीक्षक उमेश मेनारिया को भरतपुर पुलिस लाइन और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई को बूंदी से गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इससे पहले मामले में एसीबी ने अधिवक्ता भगवान प्रसाद दाधीच को गिरफ्तार किया था.
इसे भी पढ़ें -फायरिंग और मारपीट मामले का खुलासा, पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

जानें क्या है मामला: असल में कोटा निवासी परिवादी महेंद्र ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा से रिश्वत मामले की शिकायत थी. जिसमें शहर के अंता इलाके में खरीदी गई जमीन पर कब्जा छुड़ाने के लिए रिश्वत मांगने की बात कही गई थी. यह रिश्वत अंता थाने के एसएचओ उमेश मेनारिया, एएसआई बृज बिहारी और कॉन्स्टेबल रवि बिश्नोई ने अधिवक्ता भगवान प्रसाद दाधीच के जरिए लेने पर सहमति जताई थी.

एसीबी के सत्यापन में यह रिश्वत राशि 50 हजार तय हो गई थी. हालांकि, शक होने पर आरोपियों ने यह रिश्वत नहीं ली. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा सिटी की टीम ने रिश्वत मांग के आधार पर ही प्रकरण जयपुर मुख्यालय को भेज दिया था. जिस पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.