कोटा. शहर में फ्लेटली एंड न्यूम्समेटिक सोसायटी की ओर (Special Geeta Written in Punjabi) से एंटीक वस्तुओं की एक अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई है. जिसमें करीब 180 साल पुरानी पंजाबी में लिखी गीता भी लोगों के दीदार को रखी गई है. यह गीता पंजाब के अहमदनगर निवासी परमिंदर सिंह की है. जिसकी खासियत यह है कि 720 पेज की ये गीता पंजाबी में लिखी है. साथ ही इसमें स्वर्ण जड़ित करीब 20 पेंटिंग है. परमिंदर ने दावा किया है कि दुनिया में किसी भी धार्मिक ग्रंथों में इतने पेंटिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सात से आठ पेज ही पेंटिंग मिलते हैं.
परमिंदर धार्मिक ग्रंथों का कलेक्शन करते हैं. इसी बीच उनके दोस्त ने बताया (180 years old handwritten Gita) कि लुधियाना के एक व्यक्ति के पास धार्मिक ग्रंथ है, जो कि काफी पुराना है. परमिंदर ने साल 2017 में उस व्यक्ति को राशि अदाकर गीता को उससे खरीदा था. इसके बाद परमिंदर ने इस संबंध में तहकीकात की तो सामने आया कि ये दुनिया की एकमात्र हस्तलिखित स्वर्ण पेंटिंग की पंजाबी की गीता है.
परमिंदर ने कहा कि यह किताब उन्होंने कुछ राशि देकर (20 gold studded paintings in Gita) खरीदी थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इसके लिए वो कितनी राशि खर्च किए थे. हालांकि, परमिंदर ने कहा कि वो इसे नहीं बेचेंगे, क्योंकि ये बहुत अनमोल है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो अपनी विरासत को संभालकर नई पीढ़ी को दिखाने के मकसद से ही यह काम कर रहे हैं और यही उनका पैशन और शौक भी है.
जम्मू के महाराजा ने लिखवाई थी ये गीता: जम्मू के महाराजा गुलाब सिंह थे, जिन्होंने साल 1840 से आसपास दरबार के लिखारी केसर सिंह ने यह गीता लिखवाई थी. जिसमें 20 स्वर्ण जड़ित पेंटिंग बनी थी. वैसे भी पंजाबी में हस्तलिखित गीता कम है, लेकिन यह 20 स्वर्ण जड़ित पेंटिंग की वजह से यूनिक है. इनमें एक पेंटिंग में कृष्ण-अर्जुन का रथ पूरा स्वर्ण जड़ित है. इसके अलावा दूसरी पेंटिंग्स में मुकुट, सिंहासन, महल, छतरी और राजाओं के वस्त्र स्वर्ण जड़ित है. इसमें बहुत ही बारीकी से काम किया गया है.
दादा ने सिक्के दिए और फिर शुरू हुआ सफर: परमिंदर ने बताया कि उनके दादा श्यामसिंह ने उन्हें कुछ कॉइन दिए थे. जिसके बाद उन्हें कॉइन कलेक्शन का शौक लग गया. वो राजा महाराजाओं के सिक्के एकत्र करने लगे. इनमें सोना, चांदी और तांबा के साथ ही अन्य धातुओं के सालों पुराने सिक्के भी शामिल थे. परमिंदर का दावा है कि उनके पास 2600 साल पुरानी करेंसी है. साथ ही उनके पास 100 से ज्यादा हस्तलिखित ग्रंथ हैं.
बना चुके हैं ये रिकॉर्ड: विश्व के साथ ही भारत में भी हजारों लोग एंटीक चीजों को सहेजते और एकत्र करते हैं. परमिंदर का मानना है कि ऐसे लोग ज्यादातर अपने घर में ही इन चीजों को रखते हैं. जबकि परमिंदर इससे उलट लगातार एग्जीबिशन लगाते हैं. वह स्कूल, गुरुद्वारे, मंदिर और मेले में जाकर इस तरह की 173 प्रदर्शनी लगा चुके हैं. जो अब एक रिकॉर्ड बन चुका है. यहां तक कि अमेरिका की एक संस्था सिख लैंज परमिंदर पर एक किताब प्रकाशित कर रही है और एक मूवी भी उन पर बन रही है. जिसमें परविंदर की पूरी जीवनी को दिखाया जा रहा. इस फिल्म और किताब से परमिंदर को एंटीक चीजें सहेजने के लिए सहायता राशि भी दी जाएगी.
50 हजार से ज्यादा आइटम: वर्तमान में परमिंदर के पास करीब 50 हजार से ज्यादा आइटम है. परमिंदर के पास 100 से ज्यादा धार्मिक ग्रंथ हैं. जिनमें भगवत गीता, रामायण, ऋग्वेद, पुराण और गुरु ग्रंथ साहिब शामिल है. जो संस्कृत, हिंदी व पंजाबी में लिखे हुए हैं. परमिंदर के पास ग्रंथ के अलावा 18 हजार सिक्के और 14 हजार मैच बॉक्स भी हैं. इसके अलावा उनके पास हथियारों की कलेक्शन है, जिसमें तीर, तलवार, खंजर, कटार और अलग-अलग वैरायटी की कृपाण भी शामिल है. वे वाटर बोतल लेबल व स्मॉल टॉयज का कलेक्शन भी कर चुके हैं. वहीं, पोस्टकार्ड की शुरुआत से लेकर अब तक जितने पोस्ट कार्ड जारी हुए हैं, वो भी उनके पास है. जिनमें करीब 140 साल के हजारों पोस्टकार्ड शामिल हैं.