कोटा. जिले में न्यू मेडिकल कॉलेज प्रशासन सुपर स्पेशलिटी विंग में संचालित हो रहे कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड को न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट करने की तैयारियों में जुट गया है, लेकिन अब इस बारे में खबर मिलने के बाद कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में तैनात नर्सिंग कर्मियों में न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया है.
नर्सिंगकर्मियों का कहना है कि न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने जिस तरह का निर्णय लिया है, वह नर्सिंग स्टाफ के हित में नहीं है, क्योंकि न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग मैं कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड के मुताबिक वातानुकूलित वार्ड नहीं है. ऐसे में अगर पुरानी बिल्डिंग में आइसोलेशन वार्ड को शिफ्ट किया जाता है तो 12 घंटे तक पीपीई कीट पहनकर उनके द्वारा काम करना संभव नहीं है.
न्यू मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से सुपर स्पेशलिटी विंग आइसोलेशन वार्ड को अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के फैसले को बदलने की मांग को लेकर शनिवार को आइसोलेशन वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ कर्मी न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर सुशील से मिले.
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इस दौरान न्यू मेडिकल कॉलेज प्रशासन के फैसले को बदलने की मांग करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा, लेकिन नर्सिंग स्टाफ कर्मियों को अस्पताल अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर सुशील ने कहा कि आइसोलेशन वार्ड को शिफ्ट करने का अधिकार उनके हाथ में नहीं है. यह अधिकार न्यू मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना के हाथ में है, नर्सिंग स्टाफ कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सरदाना से मुलाकात करें.
कर्मियों को अस्पताल अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांग का ज्ञापन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य तक पहुंचा दिया जाएगा. इस संबंध में वही कुछ उपयुक्त कदम उठा सकते हैं, उन्होंने यह भी कहा कि हम तो चाहते हैं कि एसएसबी सेंटर और न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल दोनों को ओपीडी के लिए सुचारू कर दिया जाए, जबकि कोविड-19 के लिए रेलवे या ईएसआई अस्पताल को चिन्हित वहां सेंटर स्थापित किया जा सकता है, बड़े-बड़े शहर जयपुर उदयपुर जोधपुर के बड़े अस्पतालों को कोविड-19 सेंटर बनाने से मुक्त रखा गया है.