कोटा. शहर के जवाहर नगर थाना इलाके से लापता बालक के आगरा स्टेशन पर मिलने का मामला सामने आया है. बच्चा स्वयं की मर्जी से ही घर से चले जाने की बात कह रहा है. आगरा जीआरपी ने बच्चे को कोटा पुलिस के सुपुर्द कर दिया. जिसके बाद बाल कल्याण समिति कोटा ने बच्चे को परिजनों को सौंपा है.
मामले के अनुसार एक 12 साल बालक अपने घरवालों को बिना बताए ही 5 अक्टूबर को निकल गया था. जिसके बाद परिजनों ने उसे काफी तलाशा लेकिन वह नहीं मिल पा रहा था. उसके गुमशुदा होने के 1 दिन बाद 6 अक्टूबर को उन्होंने गुमशुदगी भी जवाहर नगर थाने में दर्ज करवा दी थी. साथ ही परिजनों ने यह भी कहा था कि बालक कोई भी राशि नहीं लेकर गया है. साथ ही उसे उसके अन्य रिश्तेदारों के यहां भी तलाश की जा रही थी.
बच्चे का कोई अता-पता नहीं चलने पर परेशान हो रहे थे. इसकी तलाशी के लिए सोशल मीडिया पर भी उसको खोजने के लिए अभियान चलाया हुआ था. इस मामले में आशंका जताई जा रही थी कि बच्चे का किसी ने अपहरण तो नहीं कर लिया है. उस हिसाब से भी पुलिस कार्रवाई कर रही थी. हालांकि, यह बालक जीआरपी आगरा को आगरा स्टेशन के बाहर शुक्रवार को मिला. जिसके बाद जवाहर नगर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई. पुलिस इसे लेकर पहुंची है और बाल कल्याण समिति कोटा के समक्ष पेश किया गया है.
बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन का कहना है कि बालक अपनी नानी से मिलने की बात कह रहा है. वह पैदल ही स्टेशन घर से गया था. साथ ही वहां से आगरा की तरफ जाने वाली ट्रेन में बैठ गया और आगरा स्टेशन पर उतर गया. वहां भी स्टेशन से वह आगे का रास्ता नहीं जानता था. ऐसे में स्टेशन पर ही बैठा रहा. वहां पर एक बुजुर्ग महिला ने उसे 2 दिन तक खाना भी दे दिया. बाद में जीआरपी पुलिस को शक होने पर उसे रेस्क्यू किया और उससे पूछताछ की तब उसने पूरी बात बताई.
इसके बाद ही कोटा शहर पुलिस को जानकारी मिली थी. विमल चंद जैन ने यह भी बताया कि बालक को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया है. बाल कल्याण समिति के 11 अक्टूबर को इस संबंध में निर्णय करेगी. जिसके लिए उसके पिता और बच्चे को बुलाया जाएगा. प्रथम दृष्टया बच्चे का विवाद झगड़ा या कोई मामला नहीं है. बच्चा स्वयं की इच्छा से ही बिना बताए चला गया था.