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रेगिस्तान में क्यों फूटा पानी का 'फव्वारा', भूजल वैज्ञानिक ने बताई ये वजह... - WATER BURST WHILE TUBEWELL DIGGING

मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान फूटी जलधारा से पानी का सैलाब लगातार जारी है. इसपर भूजल वैज्ञानिक ने ये कहा है...

Excavations in Mohangarh Canal Area
खुदाई के दौरान फूटी जलधारा (ETV Bharat Jaisalmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 29, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Dec 29, 2024, 4:46 PM IST

जैसलमेर : जिले के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में चक 27 बीडी के पास ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी का फव्वारा फूट पड़ा. यह घटना विक्रम सिंह के खेत में हुई, जहां खुदाई के दौरान मशीन भी जमीन में धंस गई और खेत तालाब में बदल गया. 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पानी का प्रवाह लगातार जारी है. इस घटना में ट्यूबेल खोदने वाली मशीन और ट्रक 850 फीट गहरे जमीन में धंस गए. पानी के दबाव के कारण 15 से 20 फीट की चौड़ाई में गहरा गड्ढा होने की संभावना जताई जा रही है.

भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण : भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह भूजल का सामान्य रिसाव नहीं हो सकता. यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं. यहां निकल रहा पानी भूजल विज्ञान की भाषा में आरटेसियन कंडीशन के कारण निकल रहा है. यहां पर जल को सहेजने वाली भू-वैज्ञानिक परत सैंड स्टोन, चिकनी मिटटी की मोटी परत से कन्फाइंड कंडीशन में दबी हुईं है. जैसे ही लगभग 200 मीटर मोटी इस परत को पार कर मूल जल परत को पंचर किया जाता है तब पानी अत्यधिक दबाव के कारण ऊपर की तरफ बहने लगता है. यह स्थिति मोहनगढ़ व नाचना पंचायत समिति के कई स्थानों पर पूर्व में भी देखी जा चुकी है.

डॉ. नारायण दास ईणखिया (ETV Bharat Jaisalmer)

जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नहीं : डॉ. नारायण दास ईणखिया ने कहा कि यह घटना भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण है. शुरुआत में पानी की ऊंचाई काफी ज्यादा थी, अब पानी का लेवल थोड़ा कम हुआ है. प्रशासन की ओर से पानी को रोकने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन जिस तरह से पानी का बहाव है उससे लगता है कि आगामी कुछ दिनों तक ये ऐसे ही रह सकता है. पानी धीरे-धीरे फैल रहा है, लेकिन उस क्षेत्र में बालू मिट्टी होने से पानी अवशोषित भी हो रहा है. इससे ज्यादा जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. हालांकि, नलकूप के आसपास जो गड्ढा बन रहा है, वो किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त किए हैं.

पढ़ें: रेगिस्तान में आया पानी का सैलाब ! ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान धरती ने दिखाया खौफनाक मंजर

ओएनजीसी के अधिकारियों ने की जांच : शनिवार रात तेल-गैस की कंपनी ओएनजीसी के अधिकारी मौके पर आए और जमीन से निकल रही गैस की जांच की. इस मामले को लेकर मोहनगढ़ के उपतहसीलदार ललित चारण ने बताया कि ओएनजीसी के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और बोरवेल से निकलने वाली गैस को समान्य बताया. उन्होंने बताया कि ये गैस न तो जहरीली है और न ही ज्वलनशील है, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है. अब प्रशासन ने बाड़मेर स्थित केयर्न एनर्जी (वेदांता) की टीम से संपर्क किया है. उनकी टीम इस बहते पानी को रोकने के प्रयास करेगी. शनिवार रात अचानक पानी का बहाव बहुत तेज हो गया था. ऐसे में ट्रक मशीन समेत जमीन में धंस गए. मौके पर चारों तरफ कीचड़ और पानी जमा हो गया है. खेत में भी तालाब बन गया है. हालांकि, प्रशासन ने एहतियातन खेत को और आसपास का 500 मीटर एरिया खाली करवा दिया है.

रिसाव से दूर रहने की अपील : प्रशासन की ओर से पानी के प्रेशर रोकने के प्रयास जारी हैं. उपतहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट मोहनगढ़ ललित चारण ने उस क्षेत्र के आसपास के आमजन को सूचित किया है कि जहां से पानी का रिसाव हो रहा है, उस क्षेत्र के 500 मीटर की परिधि में कोई ना जाए. उन्होंने आगाह किया कि बहते पानी के कारण उनके पशुधन को या व्यक्ति को नुकसान हो सकता है, इसलिए सभी व्यक्तियों को दूर रहने के लिए कहा गया है.

यह घटना मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के चक 27BD 3 जोरा माइनर में हुई है. घटना के बाद से प्रशासन और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है. दरअसल, मोहनगढ़ में यह घटना तब हुई जब खेत में ट्यूबवेल की खुदाई 800 फीट तक पहुंची. जैसे ही पाइप निकाले जा रहे थे, जमीन से पानी अपने आप ऊपर उठने लगा. पानी इतनी तेजी से निकला कि आसपास के खेत पानी में डूब गए. हजारों लीटर पानी खेत में जमा हो गया और खेत एक तालाब में तब्दील हो गया.

जैसलमेर : जिले के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में चक 27 बीडी के पास ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन से पानी का फव्वारा फूट पड़ा. यह घटना विक्रम सिंह के खेत में हुई, जहां खुदाई के दौरान मशीन भी जमीन में धंस गई और खेत तालाब में बदल गया. 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पानी का प्रवाह लगातार जारी है. इस घटना में ट्यूबेल खोदने वाली मशीन और ट्रक 850 फीट गहरे जमीन में धंस गए. पानी के दबाव के कारण 15 से 20 फीट की चौड़ाई में गहरा गड्ढा होने की संभावना जताई जा रही है.

भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण : भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह भूजल का सामान्य रिसाव नहीं हो सकता. यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं. यहां निकल रहा पानी भूजल विज्ञान की भाषा में आरटेसियन कंडीशन के कारण निकल रहा है. यहां पर जल को सहेजने वाली भू-वैज्ञानिक परत सैंड स्टोन, चिकनी मिटटी की मोटी परत से कन्फाइंड कंडीशन में दबी हुईं है. जैसे ही लगभग 200 मीटर मोटी इस परत को पार कर मूल जल परत को पंचर किया जाता है तब पानी अत्यधिक दबाव के कारण ऊपर की तरफ बहने लगता है. यह स्थिति मोहनगढ़ व नाचना पंचायत समिति के कई स्थानों पर पूर्व में भी देखी जा चुकी है.

डॉ. नारायण दास ईणखिया (ETV Bharat Jaisalmer)

जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नहीं : डॉ. नारायण दास ईणखिया ने कहा कि यह घटना भूजल प्रवाह का असामान्य उदाहरण है. शुरुआत में पानी की ऊंचाई काफी ज्यादा थी, अब पानी का लेवल थोड़ा कम हुआ है. प्रशासन की ओर से पानी को रोकने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन जिस तरह से पानी का बहाव है उससे लगता है कि आगामी कुछ दिनों तक ये ऐसे ही रह सकता है. पानी धीरे-धीरे फैल रहा है, लेकिन उस क्षेत्र में बालू मिट्टी होने से पानी अवशोषित भी हो रहा है. इससे ज्यादा जलभराव या कोई नुकसान होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. हालांकि, नलकूप के आसपास जो गड्ढा बन रहा है, वो किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. प्रशासन ने इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त किए हैं.

पढ़ें: रेगिस्तान में आया पानी का सैलाब ! ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान धरती ने दिखाया खौफनाक मंजर

ओएनजीसी के अधिकारियों ने की जांच : शनिवार रात तेल-गैस की कंपनी ओएनजीसी के अधिकारी मौके पर आए और जमीन से निकल रही गैस की जांच की. इस मामले को लेकर मोहनगढ़ के उपतहसीलदार ललित चारण ने बताया कि ओएनजीसी के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और बोरवेल से निकलने वाली गैस को समान्य बताया. उन्होंने बताया कि ये गैस न तो जहरीली है और न ही ज्वलनशील है, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है. अब प्रशासन ने बाड़मेर स्थित केयर्न एनर्जी (वेदांता) की टीम से संपर्क किया है. उनकी टीम इस बहते पानी को रोकने के प्रयास करेगी. शनिवार रात अचानक पानी का बहाव बहुत तेज हो गया था. ऐसे में ट्रक मशीन समेत जमीन में धंस गए. मौके पर चारों तरफ कीचड़ और पानी जमा हो गया है. खेत में भी तालाब बन गया है. हालांकि, प्रशासन ने एहतियातन खेत को और आसपास का 500 मीटर एरिया खाली करवा दिया है.

रिसाव से दूर रहने की अपील : प्रशासन की ओर से पानी के प्रेशर रोकने के प्रयास जारी हैं. उपतहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट मोहनगढ़ ललित चारण ने उस क्षेत्र के आसपास के आमजन को सूचित किया है कि जहां से पानी का रिसाव हो रहा है, उस क्षेत्र के 500 मीटर की परिधि में कोई ना जाए. उन्होंने आगाह किया कि बहते पानी के कारण उनके पशुधन को या व्यक्ति को नुकसान हो सकता है, इसलिए सभी व्यक्तियों को दूर रहने के लिए कहा गया है.

यह घटना मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के चक 27BD 3 जोरा माइनर में हुई है. घटना के बाद से प्रशासन और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है. दरअसल, मोहनगढ़ में यह घटना तब हुई जब खेत में ट्यूबवेल की खुदाई 800 फीट तक पहुंची. जैसे ही पाइप निकाले जा रहे थे, जमीन से पानी अपने आप ऊपर उठने लगा. पानी इतनी तेजी से निकला कि आसपास के खेत पानी में डूब गए. हजारों लीटर पानी खेत में जमा हो गया और खेत एक तालाब में तब्दील हो गया.

Last Updated : Dec 29, 2024, 4:46 PM IST
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