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कोटा: राज्य सरकार के आदेशों की उड़ी धज्जियां, मजदूर पैदल चलने को मजबूर - corona virus news

देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण कई मजदूर मजबूरी में पैदल ही अपने घरों के लिए निकल रहे हैं. वहीं, कोटा के सांगोद में भी रविवार को एक परिवार चौमा मालियान से पैदल अपने गांव झालावाड़ जिले के मनोहरथाना के लिए रवाना हुआ. जिसके बाद रास्ते में आम जनता ने उनकी मदद की. साथ ही उनके खाने पीने की व्यवस्था कर उन्हें उनके घर पहुंचाया.

राजस्थान की खबर, kota news
मजदूर पैदल चलने को मजबूर
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Published : May 17, 2020, 9:55 PM IST

सांगोद (कोटा). कहने को तो राज्य सरकार ने भी जिलों में आदेश दिए है कि कोई भी मजदूर और व्यक्ति उनके जिले में पैदल नहीं जाए, लेकिन यहां तो सरकार के दावे भी खोखले साबित हो रहे है. दूर-दराज के शहरों से अपने घरों की ओर लौट रहे कई श्रमिक रोजाना कस्बे से भी गुजर रहे है, लेकिन यहां इन्हे प्रशासनिक स्तर पर वाहन उपलब्ध करवाना तो दूर भूखे-प्यासे कई किलोमीटर दूर से चलकर आ रहे इन श्रमिकों के खाने-पीने तक की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं हो रही है.

मजदूर पैदल चलने को मजबूर

अब श्रमिकों की हालत देखकर यहां आम लोग ही इनकी मदद को लेकर आगे आ रहे है. रविवार को भी सांगोद में चौमा मालियान से पैदल अपने गांव जा रहे एक श्रमिक परिवार की हालत देख स्थानीय लोगों ने ना केवल उनके खाने पीने की व्यवस्था की बल्कि वाहन की व्यवस्था कर उन्हें अपने गांव मनोहरथाना भिजवाया.

पढ़ें- CM के आदेश की धज्जियां उड़ाते अधिकारी, गुजरात से MP जा रहे मजदूर 600 किमी चलकर पहुंचे कोटा

फसल कटाई के लिए गया ये परिवार शनिवार को पैदल ही चौमा मालियान से अपने गांव झालावाड़ जिले के मनोहरथाना के लिए रवाना हुआ था. भाजपा कार्यकर्ता बनवारी गौतम और पूर्व पार्षद प्रदीप सोनी ने इन्हें रूकवाया और इनके खाने पीने की व्यवस्था की. अधिकारियों को भी इनकी पीड़ा बताई, लेकिन मदद किसी स्तर से नहीं मिली. भाजपा कार्यकर्ता बनवारी गौतम ने किराए पर वाहन की व्यवस्था कर इन्हें खाने-पीने की सामग्री देकर गांव के लिए रवाना किया.

सांगोद (कोटा). कहने को तो राज्य सरकार ने भी जिलों में आदेश दिए है कि कोई भी मजदूर और व्यक्ति उनके जिले में पैदल नहीं जाए, लेकिन यहां तो सरकार के दावे भी खोखले साबित हो रहे है. दूर-दराज के शहरों से अपने घरों की ओर लौट रहे कई श्रमिक रोजाना कस्बे से भी गुजर रहे है, लेकिन यहां इन्हे प्रशासनिक स्तर पर वाहन उपलब्ध करवाना तो दूर भूखे-प्यासे कई किलोमीटर दूर से चलकर आ रहे इन श्रमिकों के खाने-पीने तक की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं हो रही है.

मजदूर पैदल चलने को मजबूर

अब श्रमिकों की हालत देखकर यहां आम लोग ही इनकी मदद को लेकर आगे आ रहे है. रविवार को भी सांगोद में चौमा मालियान से पैदल अपने गांव जा रहे एक श्रमिक परिवार की हालत देख स्थानीय लोगों ने ना केवल उनके खाने पीने की व्यवस्था की बल्कि वाहन की व्यवस्था कर उन्हें अपने गांव मनोहरथाना भिजवाया.

पढ़ें- CM के आदेश की धज्जियां उड़ाते अधिकारी, गुजरात से MP जा रहे मजदूर 600 किमी चलकर पहुंचे कोटा

फसल कटाई के लिए गया ये परिवार शनिवार को पैदल ही चौमा मालियान से अपने गांव झालावाड़ जिले के मनोहरथाना के लिए रवाना हुआ था. भाजपा कार्यकर्ता बनवारी गौतम और पूर्व पार्षद प्रदीप सोनी ने इन्हें रूकवाया और इनके खाने पीने की व्यवस्था की. अधिकारियों को भी इनकी पीड़ा बताई, लेकिन मदद किसी स्तर से नहीं मिली. भाजपा कार्यकर्ता बनवारी गौतम ने किराए पर वाहन की व्यवस्था कर इन्हें खाने-पीने की सामग्री देकर गांव के लिए रवाना किया.

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