कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच में विलंब पैदा करने का आरोप लगाया है. विधायक ने दो अलग-अलग मामलों का जिक्र करते हुए ग्रह विभाग पर यह आरोप लगाए है. विधायक ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2021 में एसीबी कोटा में एक प्रकरण दर्ज हुआ था. यह प्रकरण पूर्व नगर पालिका चेयरमैन बारां कमल राठौर ने दर्ज करवाया था.
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एसीबी की जांच में पाई गई थी अनियमितताः उन्होंने पत्र में लिखा कि एसीबी कोटा ने इस प्रकरण में कार्यवाही करते हुए बांरा जाकर नगर परिषद बांरा के रिकॉर्ड की जांच की थी. एसीबी की जांच में अनियमितता पाई गई थी. उन्होंने पत्र के जरिए ग्रह विभाग पर निशाना साधते हुए लिखा कि मंत्री "भाया" के दखल से एसीबी कोटा से यह जांच सवाई माधोपुर एसीबी के पास भिजवा दी गई. दो साल पूरे होने पर भी यह फाइल अभी भी दबी हुई है. इस संबंध में बीएल सोनी तत्कालीन डीजीपी एसीबी से भी जयपुर जाकर मिला था. मगर जांच आगे नहीं बढ़ सकी. जहां गृह मंत्री संरक्षण प्रदान करे वहां डीजीपी क्या करेगा ? भाया ने पहल कर एक अन्य प्रकरण में शिकायतकर्ता कमल राठौर को जेल में बंद करवा दिया है.
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"भाया" के कहने पर जांच में विलंब करवाया गयाः उन्होंने आगे लिखा कि चार माह पूर्व सांगोद विधानसभा के थाना सीमल्या में दिनांक 6.2.2023 को एससी/ एसटी एक्ट के तहत एक प्रकरण महावीर मीणा ग्राम कराडिया तहसील दीगोद द्वारा दर्ज करवाया गया था. महावीर मीणा के खिलाफ भी प्रियंका नंदवाना द्वारा 3 झूठे प्रकरण दर्ज करवाए गए थे. महावीर मीणा की पत्नी जया मीणा वर्तमान में पीसीसी सदस्य हैं. वह पूर्व में सांगोद विधानसभा क्षेत्र की सीमल्या में ब्लॉक अध्यक्ष रही हैं. गृह मंत्रालय ने इस जांच में दखल देकर "भाया" के कहने पर विलंब करने के लिए फाइल झालावाड़ एससीएसटी सेल में भिजवा दी थी. वहां से यह जांच मेरी शिकायत पर पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय कोटा में भिजवाई गई.
प्रियंका नंदवाना की है फाइलः गृह मंत्रालय ने अब इस जांच को आपके दखल से सीआईडी/ सीबी में जयपुर मंगवा ली है. गृह मंत्रालय का मकसद स्पष्ट है कि जांच में विलंब हो. उन्होंने लिखा कि आप प्रदेश के गृह मंत्री के साथ मुख्यमंत्री भी हैं. यह फाइल प्रियंका नंदवाना की है, जो "भाया" की खास हैं. "भारत जोड़ो" यात्रा में VIP रथ में भोजन परोसने का कार्य भाया की पत्नी के साथ प्रियंका नंदवाना भी देख रही थीं. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि उक्त दोनों प्रकरण की जांच पूरी करने में पुलिस को अपना काम करने दिया जाए. जांच में विलंब होने पर फायदा अपराधी को ही होता है.