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RTE के विरोध में सड़क पर उतरे निजी स्कूल संचालक, कहा- हमें कमजोर न समझें

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Published : Apr 6, 2023, 4:12 PM IST

कोटा के सभी निजी स्कूल आज बंद रहे. निजी स्कूल संचालकों ने आरटीई कानून की विसंगतियों के विरोध में हड़ताल की और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट में मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा.

Protest against RTE in Kota
RTE के विरोध में निजी स्कूल संचालक
RTE के विरोध में निजी स्कूल संचालक

कोटा. हाड़ौती के करीब 2500 निजी स्कूलों में आज तालाबंदी रही. इसमें सीबीएसई और आरबीएसई के स्कूल शामिल हैं. इसके चलते करीब 20 लाख के आसपास विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई. विद्यार्थियों के लिए गुरुवार को स्कूलों में अवकाश रखा गया था. यह आंदोलन राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट की विसंगतियों और राज्य सरकार के खिलाफ किया गया. इसमें बड़ी संख्या में शामिल स्कूल संचालकों ने सर्किट हाउस के बाहर एकत्र होकर रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया.

स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि उन्हें कमजोर न समझा जाए. जिस तरह राइट टू हेल्थ का डॉक्टर ने विरोध किया था, उसी तरह हम राइट टू एजुकेशन का विरोध कर रहे हैं. निजी चिकित्सक जिस तरह से मरीजों की सेवा भाव के साथ उपचार कर रहे हैं, वैसे ही निजी स्कूल संचालक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं जिसका लाभ बच्चों और अभिभावकों के साथ सरकार को भी मिल रहा है.

पढ़ें. Demand for recharge of RTE: कोटा संभाग के 2500 स्कूलों में गुरुवार को हड़ताल, 20 लाख बच्चों की रहेगी छुट्टी

संभाग के कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ जिले के स्कूल संचालकों की एसोसिएशन ने मिलकर बनाई हाड़ौती प्राइवेट स्कूल्स संघर्ष समिति के बैनर तले यह प्रदर्शन किया था. इसके सदस्य संजय शर्मा ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियां निजी शिक्षा पर रही है जिसका हम विरोध कर रहे हैं. सरकार ने अनावश्यक रूप से आरटीई नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने आनन-फानन में सबसे निचली कक्षाओं में प्रवेश दे दिया और उसके बाद उनका पुनर्भरण बंद कर दिया. हम सरकार से कोई ऐड नहीं ले रहे हैं और हमें कोई जमीन भी सरकार ने नहीं दी है. हम अलाभकारी संस्थाएं हैं फिर भी सरकार हम को नजरअंदाज कर रही है. हमारे विद्यालय को रेगुलेटरी एक्ट में शामिल कर लिया गया है जबकि यह कोचिंग संस्थान के लिए बना था.

पढ़ें. Parents Warning to Govt: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जुटे अभिभावक, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी

स्कूल संस्था, मान्यता और फीस एक्ट तीनों से रेगुलेट हो रहे हैं. इसके बाद भी हमारे ऊपर रेगुलेटरी एक्ट लगा दिया गया है. सरकार में बैठे हुए अधिकारी गलत गाइड कर रहे हैं, लेकिन हम चुप रहने वाले नहीं है. हाड़ौती से यह आंदोलन शुरू हुआ है जो पूरे राजस्थान में चलेगा. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार ने खुद आरटीई एक्ट का उल्लंघन किया है. हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं, लेकिन वह लगातार हमारे ऊपर ही दबाव बना रही है. हमें तीन कक्षाओं को फ्री में पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है जो कि संभव नहीं है. ऐसे में हम इस अन्याय के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

RTE के विरोध में निजी स्कूल संचालक

कोटा. हाड़ौती के करीब 2500 निजी स्कूलों में आज तालाबंदी रही. इसमें सीबीएसई और आरबीएसई के स्कूल शामिल हैं. इसके चलते करीब 20 लाख के आसपास विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई. विद्यार्थियों के लिए गुरुवार को स्कूलों में अवकाश रखा गया था. यह आंदोलन राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट की विसंगतियों और राज्य सरकार के खिलाफ किया गया. इसमें बड़ी संख्या में शामिल स्कूल संचालकों ने सर्किट हाउस के बाहर एकत्र होकर रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया.

स्कूल संचालकों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि उन्हें कमजोर न समझा जाए. जिस तरह राइट टू हेल्थ का डॉक्टर ने विरोध किया था, उसी तरह हम राइट टू एजुकेशन का विरोध कर रहे हैं. निजी चिकित्सक जिस तरह से मरीजों की सेवा भाव के साथ उपचार कर रहे हैं, वैसे ही निजी स्कूल संचालक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं जिसका लाभ बच्चों और अभिभावकों के साथ सरकार को भी मिल रहा है.

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संभाग के कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ जिले के स्कूल संचालकों की एसोसिएशन ने मिलकर बनाई हाड़ौती प्राइवेट स्कूल्स संघर्ष समिति के बैनर तले यह प्रदर्शन किया था. इसके सदस्य संजय शर्मा ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियां निजी शिक्षा पर रही है जिसका हम विरोध कर रहे हैं. सरकार ने अनावश्यक रूप से आरटीई नियमों का उल्लंघन किया है. उन्होंने आनन-फानन में सबसे निचली कक्षाओं में प्रवेश दे दिया और उसके बाद उनका पुनर्भरण बंद कर दिया. हम सरकार से कोई ऐड नहीं ले रहे हैं और हमें कोई जमीन भी सरकार ने नहीं दी है. हम अलाभकारी संस्थाएं हैं फिर भी सरकार हम को नजरअंदाज कर रही है. हमारे विद्यालय को रेगुलेटरी एक्ट में शामिल कर लिया गया है जबकि यह कोचिंग संस्थान के लिए बना था.

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स्कूल संस्था, मान्यता और फीस एक्ट तीनों से रेगुलेट हो रहे हैं. इसके बाद भी हमारे ऊपर रेगुलेटरी एक्ट लगा दिया गया है. सरकार में बैठे हुए अधिकारी गलत गाइड कर रहे हैं, लेकिन हम चुप रहने वाले नहीं है. हाड़ौती से यह आंदोलन शुरू हुआ है जो पूरे राजस्थान में चलेगा. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार ने खुद आरटीई एक्ट का उल्लंघन किया है. हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं, लेकिन वह लगातार हमारे ऊपर ही दबाव बना रही है. हमें तीन कक्षाओं को फ्री में पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है जो कि संभव नहीं है. ऐसे में हम इस अन्याय के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

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