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Special : मेडिकल एंट्रेंस में छात्राओं का दबदबा, रजिस्ट्रेशन से लेकर सफलता में लड़कों को छोड़ा पीछे - International Women Day

डॉक्टरी की पढ़ाई में भी महिलाओं का दबदबा किसी से छुपा हुआ नहीं है. राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG) की बात करें तो बीते 4 साल के आंकड़ों के आंकलन में छात्राओं के दबदबे की ही कहानी निकल कर आती है. देखिए कोटा से ये खास रिपोर्ट...

Medical Entrance Exam
मेडिकल एंट्रेंस में छात्राओं का दबदबा
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Published : Mar 8, 2023, 8:13 PM IST

कोटा. महिला दिवस पर महिलाओं की सफलता की बात की जा रही है, लेकिन डॉक्टरी की पढ़ाई में भी महिलाओं का दबदबा किसी से छुपा हुआ नहीं है. इस डॉक्टरी की पढ़ाई में पहुंचने के पहले ही आयोजित होने वाली एंट्रेंस एग्जाम में भी छात्राओं का दबदबा है. बात की जाए राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG) की तो, बीते 4 साल के आंकड़ों के आंकलन में छात्राओं के दबदबे की ही कहानी निकल कर आती है. इतना ही नहीं, छात्राओं ने टॉपर्स बनकर भी दमखम दिखाया है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि साल 2019 से लेकर 22 तक आयोजित हुई 4 परीक्षाओं में छात्राएं रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा देने और सफलता में भी छात्रों से आगे है. यहां तक कि टॉपर्स भी छात्राएं बनकर सामने आई है. ओवरऑल अगर बात की जाए तो परीक्षा के रजिस्ट्रेशन, उपस्थिति और सफलता में छात्रों की प्रतिशत की बात की जाए तो वह 43 से 44 फीसदी के आसपास ही हैं. जबकि छात्राओं का यह प्रतिशत 55 से 57 फीसदी के बीच में है. यहां पर छात्राएं 12 से लेकर 14 फीसदी तक आगे हैं.

Medical Entrance Exam
बीते 4 सालों में नीट यूजी में रजिस्ट्रेशन

करीब 55000 सीटों पर छात्राओं का था कब्जा : कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीते साल 97000 सीटों पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के जरिए एडमिशन एमबीबीएस की सीटों पर देशभर में मिला था. छात्राओं के प्रतिशत के अनुसार देखा जाए तो बीते साल सफलता का प्रतिशत छात्राओं का 56.78 था. इस अनुसार करीब 55000 सीटों पर छात्राओं का कब्जा रहा है. जबकि छात्रों का प्रतिशत 46.21 था. इन छात्रों का कब्जा करीब 42000 सीटों पर हुआ है. ऐसे में छात्राएं छात्रों से करीब 13000 ज्यादा सीटें लेने में सफल रही हैं.

NEET Girls Students
बीते चार साल में एक्जाम में उपस्थित

पढ़ें : NEET UG 2023: NTA ने किया टाई ब्रेकिंग नियम में बदलाव, अब 720 अंक पर समान रैंक

टॉपर्स में रहीं छात्राएं :

  1. साल 2020 में भी 2 विद्यार्थी 720 अंक लाकर टॉपर रहे थे. हालांकि, इस दौरान ट्राई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के तहत छात्र शोएब आफताब को रैंक 1 दी गई थी, जबकि दिल्ली की छात्रा आकांक्षा सिंह को रैंक दो दी गई थी. दोनों के बराबर 720 अंक मिले थे. हालांकि, 2019 में एक भी छात्रा टॉपर नहीं बनी थी.
  2. साल 2021 में भी तीन स्टूडेंट 720 अंक लाकर पहले स्थान पर रहे थे. इन तीनों को ऑल इंडिया रैंक एक जारी की गई थी, इनमें 2 छात्र और एक छात्रा शामिल हैं. छात्रों में मृणाल कुटेरी व तन्मय गुप्ता थे, जबकि टॉपर छात्रा कृतिका जी नायर शामिल है.
  3. साल 2022 में 720 में से 720 अंक कोई भी विद्यार्थी नहीं ला पाया था. हालांकि, टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के तहत 715 अंक लाने वाले 4 विद्यार्थियों के बीच टाई हुआ था. जिनमें छात्रा तनिष्का कुमारी यादव को रैंक 1 मिली थी. जबकि वत्स आशीष बत्रा को दूसरी, हरिकेश नागभूषण गांगुली को तीसरी और छात्रा रूसा पवासे को चौथी रैंक मिली थी.

कोटा. महिला दिवस पर महिलाओं की सफलता की बात की जा रही है, लेकिन डॉक्टरी की पढ़ाई में भी महिलाओं का दबदबा किसी से छुपा हुआ नहीं है. इस डॉक्टरी की पढ़ाई में पहुंचने के पहले ही आयोजित होने वाली एंट्रेंस एग्जाम में भी छात्राओं का दबदबा है. बात की जाए राष्ट्रीय सह पात्रता परीक्षा (NEET UG) की तो, बीते 4 साल के आंकड़ों के आंकलन में छात्राओं के दबदबे की ही कहानी निकल कर आती है. इतना ही नहीं, छात्राओं ने टॉपर्स बनकर भी दमखम दिखाया है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि साल 2019 से लेकर 22 तक आयोजित हुई 4 परीक्षाओं में छात्राएं रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा देने और सफलता में भी छात्रों से आगे है. यहां तक कि टॉपर्स भी छात्राएं बनकर सामने आई है. ओवरऑल अगर बात की जाए तो परीक्षा के रजिस्ट्रेशन, उपस्थिति और सफलता में छात्रों की प्रतिशत की बात की जाए तो वह 43 से 44 फीसदी के आसपास ही हैं. जबकि छात्राओं का यह प्रतिशत 55 से 57 फीसदी के बीच में है. यहां पर छात्राएं 12 से लेकर 14 फीसदी तक आगे हैं.

Medical Entrance Exam
बीते 4 सालों में नीट यूजी में रजिस्ट्रेशन

करीब 55000 सीटों पर छात्राओं का था कब्जा : कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि बीते साल 97000 सीटों पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के जरिए एडमिशन एमबीबीएस की सीटों पर देशभर में मिला था. छात्राओं के प्रतिशत के अनुसार देखा जाए तो बीते साल सफलता का प्रतिशत छात्राओं का 56.78 था. इस अनुसार करीब 55000 सीटों पर छात्राओं का कब्जा रहा है. जबकि छात्रों का प्रतिशत 46.21 था. इन छात्रों का कब्जा करीब 42000 सीटों पर हुआ है. ऐसे में छात्राएं छात्रों से करीब 13000 ज्यादा सीटें लेने में सफल रही हैं.

NEET Girls Students
बीते चार साल में एक्जाम में उपस्थित

पढ़ें : NEET UG 2023: NTA ने किया टाई ब्रेकिंग नियम में बदलाव, अब 720 अंक पर समान रैंक

टॉपर्स में रहीं छात्राएं :

  1. साल 2020 में भी 2 विद्यार्थी 720 अंक लाकर टॉपर रहे थे. हालांकि, इस दौरान ट्राई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के तहत छात्र शोएब आफताब को रैंक 1 दी गई थी, जबकि दिल्ली की छात्रा आकांक्षा सिंह को रैंक दो दी गई थी. दोनों के बराबर 720 अंक मिले थे. हालांकि, 2019 में एक भी छात्रा टॉपर नहीं बनी थी.
  2. साल 2021 में भी तीन स्टूडेंट 720 अंक लाकर पहले स्थान पर रहे थे. इन तीनों को ऑल इंडिया रैंक एक जारी की गई थी, इनमें 2 छात्र और एक छात्रा शामिल हैं. छात्रों में मृणाल कुटेरी व तन्मय गुप्ता थे, जबकि टॉपर छात्रा कृतिका जी नायर शामिल है.
  3. साल 2022 में 720 में से 720 अंक कोई भी विद्यार्थी नहीं ला पाया था. हालांकि, टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के तहत 715 अंक लाने वाले 4 विद्यार्थियों के बीच टाई हुआ था. जिनमें छात्रा तनिष्का कुमारी यादव को रैंक 1 मिली थी. जबकि वत्स आशीष बत्रा को दूसरी, हरिकेश नागभूषण गांगुली को तीसरी और छात्रा रूसा पवासे को चौथी रैंक मिली थी.
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