कोटा. चंबल नदी से लाखों क्यूसेक पानी की निकासी कोटा बैराज के जरिए की जा रही है. मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते लगातार गांधी सागर डैम से पानी छोड़ा जा रहा है. इसके बाद राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर बांध से भी पानी छोड़ने के चलते कोटा बैराज में भारी मात्रा में पानी की आवक हो रही है. इसी के चलते 13 गेट 255 फीट खोलकर 2.69 लाख क्यूसेक के आसपास पानी की निकासी की जा रही है. हालांकि सोमवार देर रात इसको बढ़ाकर 2.8 लाख क्यूसेक कर दिया गया था. इसके कारण नयापुरा और बालिता के निचले इलाके में स्थित बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. भारी पानी की निकासी को देखते हुए नयापुरा की रियासत कालीन पुलिया डूब गई थी, ऐसे में कुन्हाड़ी व नयापुरा दोनों तरफ के रास्ते को पुलिस ने देर रात को ही बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया था. साथ ही प्रशासन ने निचली बस्तियों में जल भराव का खतरा बताते हुए पहले ही वहां पर मुनादी कराई थी, लेकिन अधिकांश लोग यहां से निकलने के लिए तैयार नहीं थे. बाद में कुछ लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है. जिन्हें समझाइश करते हुए नयापुरा स्थित सरकारी स्कूल में ठहराया गया है.
आज दिन भर जारी रहेगी इस तरह से पानी की निकासी : चंबल नदी से आज दिन भर पानी की निकासी इसी तरह से जारी रहेगी, क्योंकि मध्य प्रदेश के मंदसौर में बने चंबल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में लगातार पानी की आवक हो रही है. कोटा बैराज की कनिष्ठ अभियंता गरिमा बैरवा के अनुसार गांधी सागर बांध में चंबल नदी का करीब 2,94,870 क्यूसेक पानी आ रहा है. जबकि वहां से 2,78,000 क्यूसेक के आसपास पानी छोड़ रहे हैं. जिसके चलते ही राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. अभी गांधी सागर बांध के कैचमेंट एरिया से लगातार पानी की आवक हो रही है. जिसके चलते आज पूरे दिन भर पानी की निकासी भी जारी रहेगी. वहां से जैसे ही पानी को कम किया जाएगा, हम भी बैराज से निकासी कम कर देंगे.
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चंबल नदी बह रही है खतरे के निशान से ऊपर : दूसरी तरफ चंबल नदी पर हो रही भारी बारिश के चलते स्टेट हाईवे -37ए रोटेदा-मंडावरा पर भी चंबल नदी का पानी आ गया है. इसके चलते यहां से भी आवागमन बाधित हो गया है. यहां तक कि केशोरायपाटन में भगवान केशोराय मंदिर के पीछे चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इसके साथ ही घाट भी डूबे हुए हैं. इसके अलावा पहले से ही इटावा से खातौली होकर सवाई माधोपुर जाने वाला मार्ग बाधित है. क्योंकि झरेल के बालाजी की पुलिया पर चंबल नदी का पानी आ गया है. दूसरी तरफ यहां से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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