जयपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन और राज्य में शिक्षा के संरचनात्मक सुधार के लिए शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान के तहत सभी जिलों में स्थानीय भाषा का शब्दकोश तैयार किया जाएगा. आरएससीईआरटी में योग्य शिक्षाविदों की सहायता से चरणबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्ण कार्य और विद्यार्थियों के हित से जुड़े कार्य किए जाएंगे.
शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा के क्षेत्र में समग्र विकास, आधुनिक शिक्षा पद्धति और आवश्यक सुधार के मुद्दों पर चर्चा की. देर रात हुई इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूरी तरह से लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
इसे भी पढ़ें- CBSE: NEP 2020 के तहत स्कूलों में अब 10 दिन 'नो बैग डे', हिस्टोरिकल व टूरिस्ट पैलेस की होगी विजिट - No Bag Day in School
शिक्षाविदों के सुझाव होंगे लागू : शिक्षा मंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और मातृभाषा में शिक्षा पर जोर देते हुए बताया कि अब तक 12 जिलों का स्थानीय शब्दकोश तैयार किया जा चुका है. अन्य जिलों का शब्दकोश भी जल्द तैयार कर लिया जाएगा. उन्होंने आरएससीईआरटी में योग्य शिक्षाविदों से सहयोग लेकर गुणवत्तापूर्ण कार्य और विद्यार्थियों के हित से जुड़े कार्यों को चरणबद्ध रूप से संपादित करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही शिक्षाविदों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करके उन्हें लागू करने का आश्वासन भी दिया.
इस दौरान शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत राजस्थान को मॉडल राज्य बनाना, राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है. इस अभियान के तहत एनईपी 2020 के 202 टास्क में से 185 टास्क शामिल होंगे.
उन्होंने बताया कि विद्यार्थी, शिक्षक, समग्र शिक्षा और शैक्षिक परिणामों को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा. इसमें विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता, पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करना और पाठ्यक्रम में आवश्यक नवाचारों पर ध्यान दिया जाएगा. इसके अलावा, बेहतर परिणाम देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत करने की योजना पर भी काम हो रहा है.