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बुध अष्टमी के दिन करें ये काम, व्यापार में मिलेगी सफलता होंगे रुके हुए काम - BUDHASHTAMI 2025

पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि को पड़ने वाले बुधवार को बुध अष्टमी कहते हैं. इस दिन का विशेष महत्व है.

बुध अष्टमी
बुध अष्टमी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 5, 2025, 6:30 AM IST

बीकानेर : शास्त्रों के अनुसार बुधवारी अष्टमी को पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन जप, तप, मौन, दान और ध्यान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. ज्योतिषों के अनुसार मंत्र जप और शुभ संकल्प के लिए विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी इन चार तिथि को सूर्यग्रहण के बराबर बताया गया है. इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान, दान और श्राद्ध अक्षय होता है.

वाणी बुद्धि व्यापार का कारक : ज्योतिर्विद पंडित कपिल जोशी ने बताया कि बुध ग्रह को नवग्रह में राजकुमार कहा जाता है. बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है. उन्होंने बताया कि बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को बुध अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करनी चाहिए और बुध ग्रह की भी पूजा करनी चाहिए. पंडित कपिल जोशी ने बताया कि बुध के मंत्र 'ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:' का जाप करना चाहिए. इससे मनुष्य को लाभ की प्राप्ति होती है.

इसे भी पढ़ें : देवगुरु बृहस्पति के वृषभ राशि में मार्गी होने से शुभ कार्यों में वृद्धि के संकेत

सबको मिलता है इसका लाभ : ज्योतिर्विद कपिल जोशी कहते हैं कि बुध ग्रह बुद्धि वाणी और व्यापार का कारक होने के चलते व्यापारी विद्यार्थी वर्ग को बुध ग्रह की पीड़ा से मुक्ति के लिए इस दिन विशेष पूजा करनी चाहिए जिससे उनका लाभ मिल सके.

बीकानेर : शास्त्रों के अनुसार बुधवारी अष्टमी को पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन जप, तप, मौन, दान और ध्यान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. ज्योतिषों के अनुसार मंत्र जप और शुभ संकल्प के लिए विशेष तिथि सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी इन चार तिथि को सूर्यग्रहण के बराबर बताया गया है. इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान, दान और श्राद्ध अक्षय होता है.

वाणी बुद्धि व्यापार का कारक : ज्योतिर्विद पंडित कपिल जोशी ने बताया कि बुध ग्रह को नवग्रह में राजकुमार कहा जाता है. बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है. उन्होंने बताया कि बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को बुध अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करनी चाहिए और बुध ग्रह की भी पूजा करनी चाहिए. पंडित कपिल जोशी ने बताया कि बुध के मंत्र 'ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:' का जाप करना चाहिए. इससे मनुष्य को लाभ की प्राप्ति होती है.

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