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Special : किसानों ने नहीं दिखाया रुझान...एक दाने की भी नहीं हुई MSP पर खरीद

हाड़ौती में किसानों के लिए MSP पर उड़द और सोयाबीन की खरीद शुरू हो गई है. लाखों रुपए खर्च करके हर केंद्र पर खरीद के लिए उपयुक्त व्यवस्था की गई है, फिर भी एक भी किसान अपनी फसल बेचने खरीद केंद्रों पर नहीं पहुंचा है. हाड़ौती के किसान MSP पर फसल बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. पढ़िए ये स्पेशल खबर....

कोटा में MSP रेट,  Kota news
किसान MSP पर फसल बेचने में नहीं ले रहे रूचि
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Published : Nov 13, 2020, 3:04 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 3:24 PM IST

कोटा. हाड़ौती संभाग में 40 केंद्रों पर उड़द और सोयाबीन की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है, लेकिन एक भी किसान अपनी फसल को बेचने नहीं आया है. यहां तक कि रजिस्ट्रेशन में भी किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि मंडी में ही उनकी फसल को MSP से ज्यादा दाम मिल रहे हैं.

मंडी में MSP पर फसल बेचने में नहीं ले रहे रूचि...

न्यूनतम समर्थन (Minimum Support Price) मूल्य पर खरीद के लिए लगातार किसान मांग उठाते रहे हैं और समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए भी हर बार मारामारी होती है. जब इस बार उड़द और सोयाबीन की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है तो एक भी किसान अपनी फसल को बेचने नहीं आया है. यहां तक कि रजिस्ट्रेशन में भी किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि जहां मंडी में ही उनकी फसल को एमएसपी से ज्यादा दाम मिल रहे हैं.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
मंडी में MSP से ज्यादा दाम...

सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य 3880 रुपए और उड़द का 6000 रुपए क्विंटल तय था. राजफेड ने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए लक्ष्य भी तय कर दिया था. जिनमें उड़द 71500 मेट्रिक टन और सोयाबीन 2 लाख मैट्रिक टन खरीदना था.

कोटा जिले में एक तो बूंदी में दो... बारां में छह...

राजफेड क्षेत्रीय अधिकारी नरेश शुक्ला का कहना है कि 20 अक्टूबर से ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया था और खरीद 1 नवंबर से शुरू हो गई लेकिन दोनों अभी भी जारी है. कुछ ही किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. हालांकि, फसल को बेचने में तो एक ने भी इंटरेस्ट नहीं दिखाया है.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
कोटा का समर्थन मूल्य खरीद केंद्र...

यह भी पढ़ें. Special: खरीफ फसल का बंपर उत्पादन, MSP पर खरीद का लक्ष्य भी बढ़ाया लेकिन उत्पादन की तुलना में खरीद का लक्ष्य कम

रजिस्ट्रेशन की बात करें तो बारां जिले में 6 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें इनमें तीन सोयाबीन और तीन उड़द के लिए हैं. इसी तरह से बूंदी जिले में केवल दो रजिस्ट्रेशन उड़द के लिए हुए हैं. वहीं कोटा जिले में तो महज एक रजिस्ट्रेशन सोयाबीन के लिए हुआ था. जबकि झालावाड़ जिले में 154 रजिस्ट्रेशन हुए. इनमें से 87 उड़द और 63 सोयाबीन के लिए थे. साथ ही चार मूंग के लिए थे, जिसकी खरीद हाड़ौती में नहीं हो रही है. जबकि समर्थन मूल्य पर अपनी फसल को बेचने के लिए एक भी किसान नहीं आया.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
मंडी में किसानों को मिल रहा अच्छा दाम...

लाखों रुपए में खरीद के लिए हो रही है केंद्रों की व्यवस्थाएं...

हाड़ौती में 40 केंद्रों पर खरीद की जा रही है जिनमें कोटा बारां बूंदी झालावाड़ 4 जिले शामिल है. इन सभी केंद्रों पर स्टाफ हमाल और बढ़ाने सहित कंप्यूटर बायोमेट्रिक की व्यवस्था की गई है सभी को सैलरी भी लगातार दी जा रही है इसमें करीब 15 लाख से ज्यादा रुपए महीने का खर्चा हो रहा है. हालांकि, खरीद के नाम पर कोई फायदा राजफेड को नहीं हुआ है. ऐसे में इन व्यवस्थाओं पर होने वाला खर्चा ही राजफेड को वाहन करना पड़ेगा.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
MSP खरीद पर रुझान (2)

खुली बोली में मिल रहे MSP से ज्यादा भाव...

किसानों को मंडी में इससे काफी ज्यादा भाव मिल रहा है. उड़द मंडी में रोज करीब 4000 बोरी के आसपास पहुंच रहा है. इनमें भी उड़द क्वालिटी के अनुसार उसकी बोली लग रही है. जिसमें 6500 से लेकर 7000 रुपए से ज्यादा तक भी भाव पहुंच रहे हैं.

यह भी पढ़ें. Special: थाली से गुम हो रहा प्याज, फुटकर में दाम 80 रुपये किलो पहुंचे

वहीं सोयाबीन की आवक भी 5000 से 6000 रुपए बोरी के बीच हो रही है. इसके दाम 4200 रुपए क्विंटल से लेकर 4500 तक है.

बीते साल भी नहीं हुई थी एक भी बोरी की खरीद...

कोटा में MSP रेट,  Kota news
MSP खरीद पर रुझान (1)

बीते साल भी राजफेड ने 25 से ज्यादा केंद्र हाड़ौती में खोले थे, जहां पर स्टाफ भी लगा दिया. जहां पर उड़द और सोयाबीन की खरीद होनी थी, लेकिन एक भी किसान बीते साल भी अपनी फसल को बेचने नहीं पहुंचा था. क्योंकि मंडी में ही उन्हें ज्यादा भाव मिल रहे थे. ऐसे में साफ है कि यह खरीद केंद्र स्थापित करना महज खानापूर्ति ही रह गया है.

कोटा. हाड़ौती संभाग में 40 केंद्रों पर उड़द और सोयाबीन की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है, लेकिन एक भी किसान अपनी फसल को बेचने नहीं आया है. यहां तक कि रजिस्ट्रेशन में भी किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि मंडी में ही उनकी फसल को MSP से ज्यादा दाम मिल रहे हैं.

मंडी में MSP पर फसल बेचने में नहीं ले रहे रूचि...

न्यूनतम समर्थन (Minimum Support Price) मूल्य पर खरीद के लिए लगातार किसान मांग उठाते रहे हैं और समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए भी हर बार मारामारी होती है. जब इस बार उड़द और सोयाबीन की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है तो एक भी किसान अपनी फसल को बेचने नहीं आया है. यहां तक कि रजिस्ट्रेशन में भी किसानों ने रूचि नहीं दिखाई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि जहां मंडी में ही उनकी फसल को एमएसपी से ज्यादा दाम मिल रहे हैं.

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मंडी में MSP से ज्यादा दाम...

सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य 3880 रुपए और उड़द का 6000 रुपए क्विंटल तय था. राजफेड ने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए लक्ष्य भी तय कर दिया था. जिनमें उड़द 71500 मेट्रिक टन और सोयाबीन 2 लाख मैट्रिक टन खरीदना था.

कोटा जिले में एक तो बूंदी में दो... बारां में छह...

राजफेड क्षेत्रीय अधिकारी नरेश शुक्ला का कहना है कि 20 अक्टूबर से ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया था और खरीद 1 नवंबर से शुरू हो गई लेकिन दोनों अभी भी जारी है. कुछ ही किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. हालांकि, फसल को बेचने में तो एक ने भी इंटरेस्ट नहीं दिखाया है.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
कोटा का समर्थन मूल्य खरीद केंद्र...

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रजिस्ट्रेशन की बात करें तो बारां जिले में 6 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिनमें इनमें तीन सोयाबीन और तीन उड़द के लिए हैं. इसी तरह से बूंदी जिले में केवल दो रजिस्ट्रेशन उड़द के लिए हुए हैं. वहीं कोटा जिले में तो महज एक रजिस्ट्रेशन सोयाबीन के लिए हुआ था. जबकि झालावाड़ जिले में 154 रजिस्ट्रेशन हुए. इनमें से 87 उड़द और 63 सोयाबीन के लिए थे. साथ ही चार मूंग के लिए थे, जिसकी खरीद हाड़ौती में नहीं हो रही है. जबकि समर्थन मूल्य पर अपनी फसल को बेचने के लिए एक भी किसान नहीं आया.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
मंडी में किसानों को मिल रहा अच्छा दाम...

लाखों रुपए में खरीद के लिए हो रही है केंद्रों की व्यवस्थाएं...

हाड़ौती में 40 केंद्रों पर खरीद की जा रही है जिनमें कोटा बारां बूंदी झालावाड़ 4 जिले शामिल है. इन सभी केंद्रों पर स्टाफ हमाल और बढ़ाने सहित कंप्यूटर बायोमेट्रिक की व्यवस्था की गई है सभी को सैलरी भी लगातार दी जा रही है इसमें करीब 15 लाख से ज्यादा रुपए महीने का खर्चा हो रहा है. हालांकि, खरीद के नाम पर कोई फायदा राजफेड को नहीं हुआ है. ऐसे में इन व्यवस्थाओं पर होने वाला खर्चा ही राजफेड को वाहन करना पड़ेगा.

कोटा में MSP रेट,  Kota news
MSP खरीद पर रुझान (2)

खुली बोली में मिल रहे MSP से ज्यादा भाव...

किसानों को मंडी में इससे काफी ज्यादा भाव मिल रहा है. उड़द मंडी में रोज करीब 4000 बोरी के आसपास पहुंच रहा है. इनमें भी उड़द क्वालिटी के अनुसार उसकी बोली लग रही है. जिसमें 6500 से लेकर 7000 रुपए से ज्यादा तक भी भाव पहुंच रहे हैं.

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वहीं सोयाबीन की आवक भी 5000 से 6000 रुपए बोरी के बीच हो रही है. इसके दाम 4200 रुपए क्विंटल से लेकर 4500 तक है.

बीते साल भी नहीं हुई थी एक भी बोरी की खरीद...

कोटा में MSP रेट,  Kota news
MSP खरीद पर रुझान (1)

बीते साल भी राजफेड ने 25 से ज्यादा केंद्र हाड़ौती में खोले थे, जहां पर स्टाफ भी लगा दिया. जहां पर उड़द और सोयाबीन की खरीद होनी थी, लेकिन एक भी किसान बीते साल भी अपनी फसल को बेचने नहीं पहुंचा था. क्योंकि मंडी में ही उन्हें ज्यादा भाव मिल रहे थे. ऐसे में साफ है कि यह खरीद केंद्र स्थापित करना महज खानापूर्ति ही रह गया है.

Last Updated : Nov 13, 2020, 3:24 PM IST
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