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कोटा में अपात्र किसानों ने भी उठा लिया कर्जमाफी का फायदा...अब सरकार वापस निकालेगी पैसा

कोटा में अपात्र किसानों को भी कर्ज माफी का फायदा मिल गया. प्रशासन को इसकी भनक हुई तो अब कहा जा रहा है जिन अपात्र किसानों को कर्ज माफी का फायदा हुआ है उनके खातों से वापस रकम वसूली जाएगी.

कोटा में अपात्र किसानों ने उठाया कर्जमाफी का फायदा
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Published : Feb 26, 2019, 9:05 PM IST

कोटा. प्रदेश में पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान किसानों को ऋण माफी का फायदा दिया गया था. लेकिन कोटा जिले में ऐसे भी किसान थे जिन्होंने अपात्र होते हुए भी ले कर्जमाफी का फायदा ले लिया. ऐसे में अब सरकार किसानों के खातों में से वापस पैसा निकालने की तैयारी कर रही है.

कोटा में अपात्र किसानों ने उठाया कर्जमाफी का फायदा

इसके साथ ही गबन करने वाले किसानों को भी ऋण माफी का फायदा दे दिया गया. वहीं कुछ किसान ऐसे थे जिनके पिता की मृत्यु के बाद उनके और पिता दोनों के खाते में ऋण माफी हो गई. ऐसे में करीब 735 किसानों के खाते में से करोड़ों रुपये वापस निकालने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले में ऋण माफी के दौरान कई अनियमितताओं से करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया था. इसके बाद प्रदेश में ऋण माफी की जांच शुरू हुई. इसके तहत कोटा जिले में भी ऋण माफी की जांच हुई. जिसमें खुलासा होने पर बैंक और सहकारिता विभाग के अधिकारी सकते में आ गए हैं. इस जांच में सामने आया कि किसानों ने अपात्र होते हुए भी ऋण माफी का फायदा ले लिया और कई तो ऐसे किसान है जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं.

इसके बावजूद उन्होंने जानकारी छिपाते हुए ऋण माफी ले ली. कई ऐसे किसान से जो गबन में शामिल थे. उनका भी ऋण माफ कर दिया गया. जबकि राज्य सरकार ने दिशानिर्देश दिए कि इस तरह के किसानों को किसी तरह की ऋण माफी से फायदा नहीं दिया जाए. इसके साथ ही कई किसानों को 2 बार भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. जिसमें मृतक किसान के खाते में भी ऋण माफी का फायदा दिया गया है. और उसके नॉमिनी को भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. कई किसान ऐसे भी थे. जिनको मिड टर्म लोन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार के शार्ट ऋण माफी में भी उनका ऋण माफ कर दिया गया. अब ऐसे किसानों का भी पैसा उनके खातों से काटा जा रहा है.

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इस पूरे मामले पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि 735 किसान है. जिनको ऋण माफी का फायदा नहीं मिलना था, लेकिन उन्हें ऋण माफी का फायदा उठा लिया है. ऐसे में उन किसानों के खातों से पैसे को वापस निकालना है. इसके लिए सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है. जल्द ही उनसे अनुमति मिलने के बाद इन किसानों के खाते में से पैसा काट लिया जाएगा. हालांकि अधिकारियों का तर्क है कि सरकार को नुकसान नहीं हुआ है. यदि किसानों को दोबारा लोन मिल जाता और वे खाते से निकाल लेते तो उनसे वसूली होनी होती. ऐसे में 735 किसानों से वसूली नहीं होगी केवल उनके खाते में से जो ऋण माफी की गई है. उसे वापस हटा दिया जाएगा.

कोटा. प्रदेश में पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान किसानों को ऋण माफी का फायदा दिया गया था. लेकिन कोटा जिले में ऐसे भी किसान थे जिन्होंने अपात्र होते हुए भी ले कर्जमाफी का फायदा ले लिया. ऐसे में अब सरकार किसानों के खातों में से वापस पैसा निकालने की तैयारी कर रही है.

कोटा में अपात्र किसानों ने उठाया कर्जमाफी का फायदा

इसके साथ ही गबन करने वाले किसानों को भी ऋण माफी का फायदा दे दिया गया. वहीं कुछ किसान ऐसे थे जिनके पिता की मृत्यु के बाद उनके और पिता दोनों के खाते में ऋण माफी हो गई. ऐसे में करीब 735 किसानों के खाते में से करोड़ों रुपये वापस निकालने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले में ऋण माफी के दौरान कई अनियमितताओं से करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया था. इसके बाद प्रदेश में ऋण माफी की जांच शुरू हुई. इसके तहत कोटा जिले में भी ऋण माफी की जांच हुई. जिसमें खुलासा होने पर बैंक और सहकारिता विभाग के अधिकारी सकते में आ गए हैं. इस जांच में सामने आया कि किसानों ने अपात्र होते हुए भी ऋण माफी का फायदा ले लिया और कई तो ऐसे किसान है जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं.

इसके बावजूद उन्होंने जानकारी छिपाते हुए ऋण माफी ले ली. कई ऐसे किसान से जो गबन में शामिल थे. उनका भी ऋण माफ कर दिया गया. जबकि राज्य सरकार ने दिशानिर्देश दिए कि इस तरह के किसानों को किसी तरह की ऋण माफी से फायदा नहीं दिया जाए. इसके साथ ही कई किसानों को 2 बार भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. जिसमें मृतक किसान के खाते में भी ऋण माफी का फायदा दिया गया है. और उसके नॉमिनी को भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. कई किसान ऐसे भी थे. जिनको मिड टर्म लोन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार के शार्ट ऋण माफी में भी उनका ऋण माफ कर दिया गया. अब ऐसे किसानों का भी पैसा उनके खातों से काटा जा रहा है.

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इस पूरे मामले पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि 735 किसान है. जिनको ऋण माफी का फायदा नहीं मिलना था, लेकिन उन्हें ऋण माफी का फायदा उठा लिया है. ऐसे में उन किसानों के खातों से पैसे को वापस निकालना है. इसके लिए सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है. जल्द ही उनसे अनुमति मिलने के बाद इन किसानों के खाते में से पैसा काट लिया जाएगा. हालांकि अधिकारियों का तर्क है कि सरकार को नुकसान नहीं हुआ है. यदि किसानों को दोबारा लोन मिल जाता और वे खाते से निकाल लेते तो उनसे वसूली होनी होती. ऐसे में 735 किसानों से वसूली नहीं होगी केवल उनके खाते में से जो ऋण माफी की गई है. उसे वापस हटा दिया जाएगा.

Intro:कोटा.
प्रदेश में पिछली वसुंधरा सरकार के दौरान किसानों को ऋण माफी का फायदा दिया गया था, लेकिन कोटा जिले में ऐसे भी किसान थे. जिन्होंने अपात्र होते हुए भी ले लिया. साथ ही गबन करने वाले किसानों को भी ऋण माफी का फायदा दे दिया गया. वहीं कुछ किसान ऐसे थे जिनके पिता की मृत्यु के बाद उनके व पिता दोनों के खाते में ऋण माफी हो गई. ऐसे में करीब 735 किसानों के खाते में से करोड़ों रुपए से दुबारा निकालने की तैयारी की जा रही है है.


Body:जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले में ऋण माफी के दौरान कई अनियमितताएं करो रुपए का घोटाला सामने आया था. इसके बाद प्रदेश में ऋण माफी की जांच शुरू हुई. इसके तहत कोटा जिले में भी ऋण माफी की जांच हुई. जिसमें खुलासा होने पर बैंक और सहकारिता विभाग के अधिकारी सकते में आ गए हैं. इस जांच में सामने आया कि किसानों के पात्र होते हुए ऋण माफी का फायदा ले लिया और कई तो ऐसे किसान है जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं. इसके बावजूद उन्होंने जानकारी छिपाते हुए ऋण माफी ले ली. कई ऐसे किसान से जो गबन में शामिल थे, उनका भी ऋण माफ कर दिया गया. जबकि राज्य सरकार किसी ने दिशानिर्देश दें कि इस तरह के किसानों को किसी तरह की ऋण माफी से फायदा नहीं दिया जाए. इसके साथ ही कई किसानों का 2 बार भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. जिसमें मृतक किसान के खाते में भी ऋण माफी का फायदा दिया और उसके नॉमिनी को भी ऋण माफी का फायदा मिल गया है. कई किसान ऐसे भी थे. जिनको मिड टर्म लोन दिया गया था, लेकिन राज्य सरकार के शार्ट ऋण माफी में भी उनका ऋण माफ कर दिया गया. अब ऐसे किसानों का भी पैसा उनके खातों से काटा जा रहा है.
इस पूरे मामले पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि 735 किसान है. जिनको ऋण माफी का फायदा नहीं मिलना था, लेकिन उन्हें ऋण माफी का फायदा उठा लिया है. ऐसे में उन किसानों के खातों से पैसे को वापस निकालना है. इसके लिए सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है. जल्द ही उनसे अनुमति मिलने के बाद इन किसानों के खाते में से पैसा काट लिया जाएगा. हालांकि अधिकारियों का तर्क है कि सरकार को नुकसान नहीं हुआ है. क्योंकि किसानों का किसानों को दोबारा लोन मिल जाता और वह खाते से निकाल लेते तो उनसे वसूली होनी होती. ऐसे में 735 किसानों से वसूली नहीं होगी केवल उनके खाते में से जो ऋण माफी की गई है. उसे वापस हटा दिया जाएगा. गबन वाले किसानों को ऋण माफी का फायदा देने वाले अधिकारियों कार्मिकों पर कार्रवाई के लिए जरूर हमने लिख दिया है.





Conclusion:बाइट-- बलविंदर गिल, महाप्रबंधक, सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक कोटा
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