सांगोद (कोटा). सांगोद क्षेत्र के मंडाप ग्राम पंचायत में गावों से खेतों तक जाने के कच्चे रास्ते लगातार बारिश से खराब हो चुके हैं और दलदल सी स्थिति बन गई है. समस्या इस कदर हावी हो गई है कि किसान खेतों तक टैक्ट्रर नहीं पहुंच पा रहे हैं. क्षेत्र में हुई अत्यधिक बरसात ने किसानों की कमर पहले ही तोड़ दी और जो फसल अब खेत में बची है. उसको भी किसान घर नहीं ला पा रहे हैं.
मंडाप गावं में खेतों तक जाने के रास्तों पर ग्राम पचायत की ओर से नरेगा योजना तो चलाई पर नरेगा वाले रास्तों पर ग्रेवल नहीं डाली गई. मंडाप जी एस एस से किल्याहेडी और विनोदकला वाले रोड पर खेतों में जाने का रास्ता नहीं है. लगातार बारिश के कारण खेतों तक रास्ते इस कदर खराब हो चुके हैं कि खेतों में टैक्ट्रर ले जाना मुश्किल हो रहा है. इसके चलते किसान अपनी फसल को घर नहीं ला पा रहे हैं और आने वाली खरीब की फसल की तैयारी में भी खलल पड़ रहा है. किसान चाहते हुए भी खेतों में टैक्ट्रर नहीं पहुंचा पा रहे हैं.
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किसान हेमन्त नागर ने बताया कि किसानों की ओर से पंचायत के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी समस्या के बारे में अवगत कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं. किसान पास के खेतों से गुजरने की कोशिश करते है तो खेत मालिकों की ओर से उन्हें खेतों से निकलने पर रोका जाता है. बरसात के समय में तो खेत मे जाने तक का रास्ता नहीं होता है. किसान ने बताया कि खेतों में कीटनाशक स्प्रे करने के लिए रोड पर ही स्प्रे मशीन लगाकर करीब तीन हजार फीट तक की लाइन बिछाकर खेतों तक पहुंचाई जाती है, जिससे किसान खेत में कीटनाशक स्प्रे कर पाता है. ऐसे में किसान को इसका अत्यधिक भार वहन करना पड़ता है.
किसान ब्रजराज नागर ने बताया कि कच्चे रास्तों पर पंचायत की ओर से मिट्टी तो डाली जाती है पर ग्रेवल नहीं डलवाई जाती जो कि बरसात के समय में बह जाती है और खेतों पर जाने का रास्ता बंद हो जाता है. मनरेगा के तहत चलाई गई योजना पूर्व में बंद हो गई थी. पंचायत द्वारा इसको साल 2019 में फिर से चालू कराया गया है. एक मिस्टोल का काम पूरा हो गया है जो बाकी है उसका कार्य अत्यधिक बरसात होने के कारण नहीं कराया जा सका. अब सुचारू रूप से इसका काम चालू कर इस पर ग्रेवल डलवाई जाएगी.