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कोटा: ब्लैक फंगस के लिए कारगर एंफोटरइसिन बी की किल्लत बढ़ा रही मरीजों का दर्द

कोरोना संक्रमण से लोग पहले ही जूझ रहे हैं. इस बीच ब्लैक फंगस ने लोगों की नींद उड़ा दी है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए जरूरी इंजेक्शन की किल्लत ने मुसीबत बढ़ा दी है.

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ब्लैक फंगस के लिए कारगर एंफोटरइसिन बी की किल्लत बढ़ा रही मरीजों का दर्द
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Published : May 29, 2021, 6:48 PM IST

कोटा. कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगल इन्फेक्शन भी लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. ब्लैक फंगस से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीज एमबीएस अस्पताल में भर्ती है. जिनमें से कई का ऑपरेशन भी हो चुका है और अब उन्हें एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की दरकरार है. लेकिन मरीजों को ऑपरेशन होने के बाद भी एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में डॉक्टरों की मेहनत पर पानी फिरता जा रहा है.

ब्लैक फंगस के लिए कारगर एंफोटरइसिन बी की किल्लत बढ़ा रही मरीजों का दर्द

मरीज के परिजन भी दिन भर कभी अधीक्षक कक्ष कभी वार्ड के इंचार्ज के पास जाते हैं और मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बात कह रहे हैं. लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर अधीक्षक, डॉक्टर और वार्ड के प्रभारी नर्सिंग स्टाफ सभी को इंतजार करने के लिए कह रहे हैं.

पढ़ें: राजस्थान सरकार कर रही वेतन कटौती की तैयारी...कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, कहा- स्वैच्छिक हो वेतन कटौती

एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयरहाउस के प्रभारी से बातचीत की थी. लेकिन इंजेक्शन वहां भी मौजूद नहीं है. साथ ही इंजेक्शन को लेने के लिए जयपुर गाड़ी भेजी हुई है. जयपुर में जैसे इंजेक्शन ड्रग वेयरहाउस के कार्मिकों को मिल जाएगा. वह लेकर उन्हें कोटा के लिए रवाना हो जाएंगे. जहां पर आते ही मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए जाएंगे. हालांकि कितने इंजेक्शन मिलेंगे, इस संबंध में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है.

सर्जरी के बाद काफी उपयोगी हैं इंजेक्शन

चिकित्सकों का मानना है कि सर्जरी करके फंगल को निकाल दिया जाता है, लेकिन फंगल को दोबारा बढ़ने से रोकने के लिए इंजेक्शन काफी कारगर होते हैं. ऐसे में मरीजों को अगर यह इंजेक्शन नहीं मिलते हैं, तो उनमें फंगल दोबारा बढ़ने लगता है. ऐसे में सर्जरी से ज्यादा रोल इसमें एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन का है.

लोकसभा स्पीकर जता चुके हैं चिंता

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा में ब्लैक फंगल इंफेक्शन के मरीजों के लिए एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर पहले ही चिंता जता चुके हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से भी बातचीत की थी. क्योंकि कोटा में लगातार ब्लैक फंगल संक्रमण के मरीज सामने आ रहे हैं और उन्हें निजी मेडिकल स्टोर व अस्पतालों में तो इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही लोकसभा स्पीकर को केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दवा कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है. साथ ही विदेश से भी इंजेक्शन को आयात किया जा रहा है. जिसके चलते आने वाले दिनों में जल्द ही इंजेक्शन की उपलब्धता सहज हो जाएगी.

कोटा. कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगल इन्फेक्शन भी लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. ब्लैक फंगस से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीज एमबीएस अस्पताल में भर्ती है. जिनमें से कई का ऑपरेशन भी हो चुका है और अब उन्हें एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की दरकरार है. लेकिन मरीजों को ऑपरेशन होने के बाद भी एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में डॉक्टरों की मेहनत पर पानी फिरता जा रहा है.

ब्लैक फंगस के लिए कारगर एंफोटरइसिन बी की किल्लत बढ़ा रही मरीजों का दर्द

मरीज के परिजन भी दिन भर कभी अधीक्षक कक्ष कभी वार्ड के इंचार्ज के पास जाते हैं और मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बात कह रहे हैं. लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने पर अधीक्षक, डॉक्टर और वार्ड के प्रभारी नर्सिंग स्टाफ सभी को इंतजार करने के लिए कह रहे हैं.

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एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना का कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयरहाउस के प्रभारी से बातचीत की थी. लेकिन इंजेक्शन वहां भी मौजूद नहीं है. साथ ही इंजेक्शन को लेने के लिए जयपुर गाड़ी भेजी हुई है. जयपुर में जैसे इंजेक्शन ड्रग वेयरहाउस के कार्मिकों को मिल जाएगा. वह लेकर उन्हें कोटा के लिए रवाना हो जाएंगे. जहां पर आते ही मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए जाएंगे. हालांकि कितने इंजेक्शन मिलेंगे, इस संबंध में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है.

सर्जरी के बाद काफी उपयोगी हैं इंजेक्शन

चिकित्सकों का मानना है कि सर्जरी करके फंगल को निकाल दिया जाता है, लेकिन फंगल को दोबारा बढ़ने से रोकने के लिए इंजेक्शन काफी कारगर होते हैं. ऐसे में मरीजों को अगर यह इंजेक्शन नहीं मिलते हैं, तो उनमें फंगल दोबारा बढ़ने लगता है. ऐसे में सर्जरी से ज्यादा रोल इसमें एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन का है.

लोकसभा स्पीकर जता चुके हैं चिंता

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा में ब्लैक फंगल इंफेक्शन के मरीजों के लिए एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर पहले ही चिंता जता चुके हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से भी बातचीत की थी. क्योंकि कोटा में लगातार ब्लैक फंगल संक्रमण के मरीज सामने आ रहे हैं और उन्हें निजी मेडिकल स्टोर व अस्पतालों में तो इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही लोकसभा स्पीकर को केंद्रीय मंत्री और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दवा कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है. साथ ही विदेश से भी इंजेक्शन को आयात किया जा रहा है. जिसके चलते आने वाले दिनों में जल्द ही इंजेक्शन की उपलब्धता सहज हो जाएगी.

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