इटावा (कोटा). प्रदेश में पिछले 2 माह से चल रहे लॉकडाउन के कारण कई तरह का व्यापार पूर्ण रूप से ठप्प हो गया है, जिसके चलते इन परिवारों के सामने रोजी- रोटी का भी संकट गहराता नजर आ रहा है. जहां लॉकडाउन के कारण ठप्प हुए कारोबार से लोग उभर भी नहीं पा रहे हैं, वहीं बिजली विभाग द्वारा बिजली के बिल पहुंचाए जा रहे हैं, जिन्हें जमा कराने को लेकर अब इन लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इन लोगों ने राज्य सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप्प हैं. ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल है, तो बिजली के बिल कहां से और कैसे जमा करें.
कोटा जिले की पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में करीब ढाई सौ गांव है, जहां की आबादी करीब 3 लाख से अधिक है. साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक किसान रहते हैं. साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर, बड़ौद, बूढ़ादित, अयाना, खातोली, पीपल्दा, इटावा मुख्य कस्बे है, जहां बड़ी संख्या में दुकानें लगी हुई हैं. इटावा उपखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा नगर इटावा है तो सुल्तानपुर भी बहुत बड़ा व्यापार का स्थल है.
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ऐसे में जब लॉकडाउन के चलते बाजार बंद रहे और दुकानों पर कारोबार नहीं हुआ, लेकिन बिजली विभाग ने घरों के साथ-साथ इन बंद दुकानों के भी बिजली के बिल पहुंचा दिया है. बिजली विभाग द्वारा जो बिजली के बिल जारी किए गए हैं, वह भी बहुत ज्यादा है. उपभोक्ता बताते हैं कि बंद दुकानों का बहुत ज्यादा बिल आ रहा है, जिसे जमा करना व्यापारी वर्ग के लिए खासा मुश्किल है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिल माफ किए जाए.