कोटा. जिले के उत्तर और दक्षिण नगर निगम चुनाव में कांग्रेस और BJP के बागियों की संख्या 80 के आसपास है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के बड़े नेताओं की धड़कन बागियों ने बढ़ा रखी है. इनको बैठाने और इन से बातचीत कर मनाने का दौर वरिष्ठ नेताओं से लेकर स्थानीय स्तर पर भी किया जा रहा है क्योंकि नगर निगम चुनाव में हार- जीत का मार्जन पहले ही कम रहता है. बागियों के कुछ वोट मिलने पर भी अधिकृत प्रत्याशियों को खतरा होगा.
कोटा नगर निगम चुनाव (Kota muncipal election 2020) में छंटनी के बाद अब 632 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस और बीजेपी के 80 बागी भी शामिल हैं. इस बार सर्वाधिक बागी उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के हैं क्योंकि उन्होंने पहले ही अपनी सूची जारी कर दी थी. इन बागियों को मनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जुटे रहे. भाजपा की तरफ से तो कोटा के समन्वयक राजेंद्र राठौड़ ने बागी नेताओं के एरिया के वरिष्ठ नेताओं से उन्हें समझाइश की अपील भी की है. उन्होंने अलग-अलग बैठकों का दौर भी जारी रखा.
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उनके साथ किरण माहेश्वरी, कोटा के प्रभारी सीपी जोशी भी मौजूद रहे. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी का कहना है कि उन्होंने बागियों को मनाने के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से बात की है और उन्हीं के अनुसार पूरी रणनीति बनाकर बागियों से बात की जा रही है.
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को नहीं दिया बागी बनने का समय
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बागी बनने का समय पार्टी की तरफ से नहीं मिला क्योंकि कांग्रेस ने अपनी सूची की नामांकन प्रक्रिया तक जारी नहीं की. सीधे उम्मीदवारों को ही फोन कर नामांकन के लिए कहा, जब नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई तो उन्होंने अपनी सूची मीडिया में जारी कर दी. हालांकि, इसके बावजूद जो भी चुनावी मैदान में हैं, उसमें कुछ उत्साही कार्यकर्ताओं ने पहले ही फॉर्म भर दिए हैं. ऐसे करीब 35 उम्मीदवार कांग्रेस के चुनावी मैदान में है. ये पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
इनमें कांग्रेस की बात की जाए तो टिकट कटने से नाराज पूर्व पार्षद मोनु कुमारी मेघवाल ने निर्दलीय ही मैदान में खड़े होने का निश्चय किया. इसके चलते वार्ड नंबर 41 में कांग्रेस की गणित को बिगाड़ सकती है. वहीं करीब 10 से ज्यादा वार्डों में माइनॉरिटी के लोगों ने भी टिकट नहीं मिलने से पर्चा भरा है. जो भी सीधे तौर पर कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाएंगे. इन सब लोगों से बातचीत के लिए जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी और उनकी पूरी टीम जुटी हुई है.
भाजपा के 45 बागी, समीकरण पर खतरा
भाजपा में कोटा उत्तर और दक्षिण के 1-1 वार्ड में प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हो गए हैं. ऐसे में अब 148 उम्मीदवार हैं. हालांकि, इन सभी वार्डों में करीब 45 से ज्यादा बागी उम्मीदवार हैं, जो पार्टी की समीकरण पर खतरा बने हुए हैं. वार्ड नंबर 46 तेजपाल वर्मा और राजेंद्र मेहरा ने बीजेपी के संतोष बैरवा को टिकट देने से नाराजगी जताई है. वे निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतर गए हैं.
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इसी तरह से वार्ड 63 में राजेंद्र खंगार और 19 में कमल गहलोत भी दाव ठोक रहे हैं. इसी तरह से वार्ड नंबर 20 से अशोक यादव व नरेश नागर ने लोकेश नागर की उम्मीदवारी के विरोध में निर्दलीय नामांकन दर्ज कर दिया है. इनमें से कुछ लोग विधायकों से भी नाराज हैं और टिकट नहीं मिलने के चलते उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निश्चय किया है. कोटा दक्षिण की बात की जाए तो टिकट नहीं मिलने के चलते सुनील गौतम भी बागी हो गए हैं. उन्होंने भी अपना निर्दलीय नामांकन भर दिया है.
बागियों के मान मनोव्वल में भाजपा के दोनों जिलाध्यक्ष भी जुटे
भारतीय जनता पार्टी के कोटा ग्रामीण जिला अध्यक्ष मुकुट नागर ने बताया कि वह लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के कोटा उत्तर और दक्षिण में आने वाले 30 वार्ड में खड़े हुए बागियों पर नजर बनाए हुए हैं और उन्हें बैठाने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने 15 से ज्यादा बागी उम्मीदवारों को मना लिया है. जिन्हें नामांकन वापस लेकर पार्टी के लिए काम करने में जुटाएंगे.
साथ ही भाजपा शहर जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी रामबाबू का कहना है कि विद्रोही उम्मीदवार हैं. उनको बैठाने की पूरी रणनीति तैयार है और उसी के अनुसार हम सभी को बैठाने में कामयाब रहेंगे.