कोटा. कोचिंग छात्रों के सुसाइड और अवसाद के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर सोमवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal Visits Coachings in kota) कोटा के कोचिंग संस्थानों का दौरा कर रहीं हैं. यहां उन्होंने छात्रों से बातचीत की और उन्हें मोटिवेट करने की कोशिश की. साथ ही कोचिंग संस्थानों को काउंसलर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
कोचिंग संस्थानों के लिए पहले से ही राज्य सरकार की ओर से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लागू की (SOP will issue to PG and Hostels in Kota) गई है. इस पर बेनीवाल ने कहा कि अब हॉस्टल और पीजी संचालकों के लिए भी उनके दौरे के बाद एसओपी जारी की जाएगी. संगीता बेनीवाल ने स्टूडेंट्स से कहा कि उन्हें अपने साथियों का भी ध्यान रखना चाहिए. अगर वो गुमसुम या स्ट्रेस में नजर आएं तो तुरंत इसकी सूचना संस्थान संचालक, फैकल्टी या काउंसलर को दें. इसके अलावा उन्होंने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने की कोशिश भी की.
कोचिंग संस्थानों में बढ़ेंगे काउंसलर : संगीता बेनीवाल ने कोचिंग संस्थानों को (Suicide Cases in Kota) एकेडमिक और साइकोलॉजिकल काउंसलर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. बेनीवाल ने कहा कि आज इस मामले को लेकर बैठक करेंगे. एक-एक सुसाइड पर चर्चा की जाएगी. उनकी क्या पृष्ठभूमि और कारण रहे हैं, इन सब की जानकारी प्राप्त करके बाल आयोग इस संबंध में एसओपी जारी करेगा.
नशे और दूसरी गतिविधियों पर लगाएंगे रोक : बेनीवाल ने कहा कि बच्चें हजारों किलोमीटर दूर संस्थानों में आकर पढ़ते हैं. ऐसे में बच्चों को घरेलू वातावरण दिया जाना चाहिए. यह संस्थानों की भी ड्यूटी बनती है. पढ़ाई व पेरेंट्स के दबाव के चलते बच्चे कई बार अल्कोहल या ड्रग्स की तरफ भी चले जाते हैं. पुलिस और प्रशासन को इसके संबंध में भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. कैंपस के आसपास इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाएंगे.
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बात करते समय छात्रा हो गई भावुक : बेनीवाल राजीव गांधी नगर स्थित कोचिंग में स्टूडेंट्स से क्लास में बातचीत कर रही थीं. इस दौरान एक छात्रा भावुक हो गई. एक छात्र ने बताया कि वह कुछ दिन पहले डिप्रेशन में चली गई थी. इसके चलते उसने 15 दिन पढ़ाई छोड़ खेल कूद में मन लगाया. फिर वापस कोटा आकर पढ़ाई शुरू की है. अब सब कुछ ठीक चल रहा है.