कोटा. कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कोटा में बीते 50 दिनों से मार्केट बंद है. अब राज्य सरकार ने अनुमति देते हुए सुबह 6 बजे से 11 बजे तक सभी तरह के व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दी है लेकिन अभी भी व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं.
व्यापारियों का कहना है कि जो समय उन्हें दिया गया है, वह अव्यवहारिक है. उस समय पर ग्राहक उनकी दुकानों में आ ही नहीं सकते हैं. ऐसे में यह समय बदलना चाहिए. दूसरी तरफ कोटा के व्यापारियों ने दुकानों को खोलने की चेतावनी भी दी थी. जिसके बाद भारी पुलिस जाब्ता बाजारों में तैनात कर दिया गया. आरएएसी के जवानों को भी प्लाजा और गुमानपुरा इलाके के बाजारों में भेजा गया, जहां पर उन्होंने बाजारों को घेर लिया.
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जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन का कहना है कि अनुमति जो दी है, वह कागज में तो हमें मिल गई है. इनमें डेयरी, कचोरी, पोहा, नाश्ता और किराना की दुकान सुबह खुल सकती है लेकिन जनरल मर्चेंट, प्लास्टिक, कपडे, जूते, मनिहारी, ज्वेलर और फर्नीचर के लिए यह समय व्यवहारिक नहीं है. पहले जिन्हें अनुमति दी हुई थी, उनका समय ठीक है. उस समय पर दुकान खोल सकते हैं. जबकि अन्य जिन भी लोगों की दुकानें खोलने की अनुमति दी है, उनका समय सुबह 10 बजे से 4 बजे या 12 बजे से 6 बजे किया जाए.
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कोटा के व्यापारियों ने सोमवार को ही चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार ने जल्दी गाइडलाइन बाजार खोलने की नहीं दी है, तो व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को खोलेंगे, चाहे प्रशासन से उनका टकराव हो जाए. उन्हें अपना व्यापार करना ही होगा.
गुमानपुरा व्यापार संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि क्योंकि बीते लॉकडाउन में भी 50 से ज्यादा दुकानें बंद हुई थी. इस बार करीब 100 दुकानें बंद होने की उम्मीद है. अभी भी इन व्यापारियों का कहना है कि अगर 8 जून के बाद सरकार ने समय नहीं बदला है तो वे अपनी दुकानों को शाम 8 बजे तक खोलेंगे क्योंकि बाजार में ग्राहक दोपहर के समय ही आता है.