बाड़मेर: राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर जिले में रेत के टीलों के बीच स्थित एक चमत्कारी शिवालय है, जहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. महाशिवरात्रि पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. माना जाता है कि 41 साल पुराने इस मंदिर में सच्चे मन से आने वाले भक्तों के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं, जिससे इस मंदिर में लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है.
41 साल पुराना है यह शिवालय: महाशिवरात्रि को लेकर आज शिवालयों में भक्तों द्वारा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है. इस बीच आपकों लेकर चलते हैं बाड़मेर जिले में सीमावर्ती हरपालिया गांव में स्थित हरपालेश्वर महादेव मंदिर. सफेद संगमरमर पत्थर से बना यह मंदिर चर्म रोग ठीक करने के लिए जाना जाता है, इस बात का दावा मंदिर से जुड़े लोग करते हैं.
इसे भी पढ़ें- ये है भरतपुर का राजेश्वर महादेव मंदिर, पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ण करने वाला पवित्र स्थल
यहां आने से चर्म रोग ठीक होता है ! : मंदिर समिति के नारायणदास बताते हैं कि हरपालेश्वर महादेव मंदिर की 1984 में महाशिवरात्रि के दिन स्थापना हुई थी. इसके बाद वर्ष 2008 में जीर्णोद्धार और वर्ष 2009 में हजारों लोगों की मौजूदगी में पुनः प्रतिष्ठा हुई. यह मंदिर सफेद संगमरमर पत्थर से बना हुआ है. उनका कहना है कि यहां पर चर्म रोग से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा पूजा और फेरी देने आते हैं. यहां सच्चे मन से आने वाले भक्तों का चर्म रोग ठीक हो जाता है.
यहां नहीं है कोई जात-पात का भेदभाव: उन्होंने इस मंदिर में जात-पात का कोई भेदभाव नहीं बताया है. हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि और सावन के सोमवार को यहां बड़ा मेला लगता है. इसमें चौहटन, धनाऊ, सेड़वा, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर सहित विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पहुंचकर मंदिर में हरपालेश्वर महादेव के दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं.

रंग-बिरंगी रोशनी से नहाया मंदिर: महाशिवरात्रि को लेकर बुधवार को इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी, जहां दिन में मेला लगेगा, वहीं रात में जागरण का आयोजन किया जाएगा. महाशिवरात्रि को लेकर पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति द्वारा तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं.