रामगंजमंडी (कोटा). चेचट पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, जिला कोटा ग्रामीण ने प्रेसनोट जारी कर बताया, कोटा ग्रामीण पुलिस ने थाना चेचट इलाका क्षेत्र में 17 अप्रैल को चित्तौड़गढ़ और कोटा के बॉर्डर के नजदीक खेडारूला गांव के पास हुई मृतक प्रभुलाल पुत्र भैरूलाल जाति भील निवासी दावद खुर्द थाना रावतभाटा जिला चित्तौड़गढ़ की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्या में शामिल मृतक के गांव के निवासी दुर्गालाल और रामविलास को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता प्राप्त की है. 18 अप्रैल को सांयकाल फरियादी जगदीश पुत्र प्रभुलाल जाति भील उम्र 35 साल निवासी दावद खुर्द थाना रावतभाटा जिला चित्तौड़गढ़ राजस्थान ने एक रिपोर्ट दी.
मेरे पिता प्रभुलाल 17 अप्रैल को दिन में करीब 2 बजे घर से खेडारूद्वा की तरफ निकले थे, जो शाम को वापस घर नहीं आए. 18 अप्रैल को करीब शाम 5 बजे मुझे सूचना मिली की खेडारूद्वा के पास अलोद वाले रास्ते पर किसी की लाश पड़ी है, तेरे पिताजी जैसी लग रही है. इस पर मैं मौके पर पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे पिताजी प्रभुलाल पुत्र भैरुलाल जाति भील निवासी दावद खुर्द थाना रावतभाटा जिला चित्तौड़गढ़ की लाश सड़क के पास झाड़ियों में पड़ी थी, उनके सिर से खून बह रहा था. मेरे पिताजी की किसी अज्ञात व्यक्ति ने सिर कुचलकर हत्या कर दी है. इस पर मामला दर्ज किया और अनुसंधान शुरू किया गया.
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मर्डर का मामला होने से हत्याकाण्ड को गम्भीरता से लेते हुऐ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन के सुपरविजन में वृत्ताधिकारी वृत रामगंजमण्डी नेत्रपाल सिंह के निर्देशन में देशराज, थानाधिकारी थाना चेचट को शामिल कर विशेष टीम का गठन कर नृशंस हत्याकाण्ड में शामिल अपराधियों की भूमिका का पता लगाने के हेतु दिशा-निर्देश दिए गए थे. घटनास्थल पर डॉग स्कवायड टीम और एफएसएल टीम व साइबर सेल टीम को बुलाया जाकर घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करवाया गया और आवश्यक साक्ष्य एकत्रित किये गये. मृतक के परिवार जनो, पड़ोसी और मिलने वालों से मृतक के व्यवहार संबंध अन्य विषयों पर जांच की गई. पुलिस ने अज्ञात अभियुक्तों की तलाश के प्रयास किये गए.
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पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल व आस-पास के इलाको में सर्च किया गया तो पुलिस टीम को मृतक द्वारा शराब पार्टी करने की जानकारी मिली, जिससे आधार बना कर गहनता से अनुसंधान किया गया. तकनीकी अनुसंधान का भी सहारा लिया गया तो मृतक के साथ घटना से पहले शराब पार्टी कर वाले व्यक्तियों का पता लगा. इस पर शराब पार्टी में शामील व्यक्तियों से मनोवैज्ञानिक तरीके से गहन पूछताछ की गई तो मुल्जिम दुर्गालाल और रामविलास ने घटना को अंजाम देना स्वीकार कर लिया.
मृतक प्रभुलाल को दो बार शराब पिलाने के बाद भी लगातार पीछा नहीं छोड़ने की बात पर हुई गाली-गलौज और कहासुनी के दौरान मृतक के गले में डली हुई साफी खीच देने तथा बेहोसी के बाद चेहरे पर पत्थर डालने से प्रभुलाल की मृत्यु होना सामने आया. इस पर दोनों मुल्जिम को गिरफतार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. जहां से दोनों मुल्जिम वर्तमान में पुलिस रिमाण्ड पर चल रहे हैं, जिनसे प्रकरण के सम्बंध में अनुसंधान जारी है.