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गुंजल का आरोप: मनमानी दरों पर टेंडर कर चंबल रिवरफ्रंट में किया करोड़ों का घोटाला - Gunjal allegations over Chambal Riverfront

भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने चंबल रिवरफ्रंट को लेकर एक बा​र फिर सरकार को घेरा है. उन्होंने टेंडर प्रक्रिया, यहां लगने वाले ​कार्मिकों की तनख्वाह को लेकर हमला बोला है.

BJP leader Prahlad Gunjal
गुंजल का आरोप
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 22, 2023, 6:08 PM IST

Updated : Sep 22, 2023, 7:22 PM IST

गुंजल ने चंबल रिवरफ्रंट में करोड़ों के घोटाले का लगाया आरोप

कोटा. भारतीय जनता पार्टी के नेता और कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने शुक्रवार को प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. गुंजल ने रिवरफ्रंट के टेंडर, इसमें नियुक्त किए जाने वाली कार्मिकों की तनख्वाह को लेकर भी आरोप लगाए.

गुंजल ने आरोप लगाया कि यहां पर जिन दरों पर कार्मिकों को रखने के लिए यूआईटी ने तय किया है. वह सामान्य से कई गुना ज्यादा है. इस रिवरफ्रंट के ऑपरेशन जनरल मैनेजर की तनख्वाह 2 लाख 22 हजार 200 रुपए है. वहीं ड्राइवर पोलो कार्ट चलाएंगे, उनको 74250 प्रति महीना दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे रिवरफ्रंट निर्माण में नॉन बीएसआर दरों के जरिए 400 से 500 करोड़ का नुकसान राज्य सरकार और यूआईटी को पहुंचाया गया है.

पढ़ें: बीजेपी नेता प्रहलाद गुंजल ने चंबल रिवर फ्रंट को बताया गैर-कानूनी,कहा-सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हुआ उल्लंघन

यूआईटी ने गुंजल के आरोपों से किया किनारा: गुंजल के आरोपों पर यूआईटी का सेक्रेटरी मानसिंह मीणा का कहना है कि उन्हें लिखित में इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. जब उनसे पूछा गया कि टेंडर के जरिए 74000 में ड्राइवर लगाया गया है या नहीं. तब उन्होंने इनकार कर दिया कि ऐसा कोई ड्राइवर भी नहीं लगाया गया है.

रिवरफ्रंट की शुरुआत ही भ्रष्टाचार से हुई: प्रहलाद गुंजल का कहना है कि कंसल्टेंसी फर्म का टेंडर निचली दर होने के बावजूद गुजरात की कंपनी को छोड़कर ज्यादा दर वाली अनूप भरतरिया की फर्म सिनकेर आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. यह पहले दिन ही भ्रष्टाचार हो गया था. उसके बाद 1500 करोड़ रुपए का रिवरफ्रंट वैधानिक खड़ा कर दिया गया है.

पढ़ें: Chambal Heritage Riverfront: गुंजल का दावा: सीएम का दौरा रद्द करने का मतलब सरकार ने रिवरफ्रंट को माना नियम विरुद्ध

नॉन बीएसआर आइटम के जरिए घोटाला: गुंजल ने कहा कि नॉन बीएसआर आइटम के जरिए 400 से 500 करोड़ का गड़बड़झाला और घोटाला हुआ है. टेंडरों में भी लेखा नियमों की अवहेलना करते हुए चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी के जरिए एक्सटेंशन दिए गए है. जहां पर 10 करोड़ रुपए का टेंडर 100 गुना तक बढ़ाकर 80 से 100 करोड़ तक पहुंच दिया गया.

पढ़ें: Illegal Recovery : प्रहलाद गुंजल का आरोप, बजरी माफिया के दबाव में सरकार करवा रही अवैध वसूली

सिंगल बिड में ही जारी कर दिया टेंडर: प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया कि पहली बार नगर विकास न्यास में 5 करोड़ का टेंडर संचालित करने के लिए जारी किया, लेकिन कोई भी नहीं आया. बाद में 100 करोड़ से ज्यादा का और टेंडर निकाला गया और सिंगल बिड में ही सीबीआरआई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव को यह काम दे दिया गया है. इसमें 153 करोड़ और जीएसटी अलग से 5 साल के लिए दिया गया है.

गुंजल ने चंबल रिवरफ्रंट में करोड़ों के घोटाले का लगाया आरोप

कोटा. भारतीय जनता पार्टी के नेता और कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने शुक्रवार को प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. गुंजल ने रिवरफ्रंट के टेंडर, इसमें नियुक्त किए जाने वाली कार्मिकों की तनख्वाह को लेकर भी आरोप लगाए.

गुंजल ने आरोप लगाया कि यहां पर जिन दरों पर कार्मिकों को रखने के लिए यूआईटी ने तय किया है. वह सामान्य से कई गुना ज्यादा है. इस रिवरफ्रंट के ऑपरेशन जनरल मैनेजर की तनख्वाह 2 लाख 22 हजार 200 रुपए है. वहीं ड्राइवर पोलो कार्ट चलाएंगे, उनको 74250 प्रति महीना दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे रिवरफ्रंट निर्माण में नॉन बीएसआर दरों के जरिए 400 से 500 करोड़ का नुकसान राज्य सरकार और यूआईटी को पहुंचाया गया है.

पढ़ें: बीजेपी नेता प्रहलाद गुंजल ने चंबल रिवर फ्रंट को बताया गैर-कानूनी,कहा-सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हुआ उल्लंघन

यूआईटी ने गुंजल के आरोपों से किया किनारा: गुंजल के आरोपों पर यूआईटी का सेक्रेटरी मानसिंह मीणा का कहना है कि उन्हें लिखित में इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. जब उनसे पूछा गया कि टेंडर के जरिए 74000 में ड्राइवर लगाया गया है या नहीं. तब उन्होंने इनकार कर दिया कि ऐसा कोई ड्राइवर भी नहीं लगाया गया है.

रिवरफ्रंट की शुरुआत ही भ्रष्टाचार से हुई: प्रहलाद गुंजल का कहना है कि कंसल्टेंसी फर्म का टेंडर निचली दर होने के बावजूद गुजरात की कंपनी को छोड़कर ज्यादा दर वाली अनूप भरतरिया की फर्म सिनकेर आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है. यह पहले दिन ही भ्रष्टाचार हो गया था. उसके बाद 1500 करोड़ रुपए का रिवरफ्रंट वैधानिक खड़ा कर दिया गया है.

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नॉन बीएसआर आइटम के जरिए घोटाला: गुंजल ने कहा कि नॉन बीएसआर आइटम के जरिए 400 से 500 करोड़ का गड़बड़झाला और घोटाला हुआ है. टेंडरों में भी लेखा नियमों की अवहेलना करते हुए चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी के जरिए एक्सटेंशन दिए गए है. जहां पर 10 करोड़ रुपए का टेंडर 100 गुना तक बढ़ाकर 80 से 100 करोड़ तक पहुंच दिया गया.

पढ़ें: Illegal Recovery : प्रहलाद गुंजल का आरोप, बजरी माफिया के दबाव में सरकार करवा रही अवैध वसूली

सिंगल बिड में ही जारी कर दिया टेंडर: प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया कि पहली बार नगर विकास न्यास में 5 करोड़ का टेंडर संचालित करने के लिए जारी किया, लेकिन कोई भी नहीं आया. बाद में 100 करोड़ से ज्यादा का और टेंडर निकाला गया और सिंगल बिड में ही सीबीआरआई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव को यह काम दे दिया गया है. इसमें 153 करोड़ और जीएसटी अलग से 5 साल के लिए दिया गया है.

Last Updated : Sep 22, 2023, 7:22 PM IST
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